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This Article is From Jun 10, 2015

बांग्लादेश में पीएम मोदी के बयानों का मकसद पाक के खिलाफ नफरत पैदा करना: सरताज अजीज

इस्लामाबाद: पाकिस्तान ने गुरुवार को कहा कि बांग्लादेश में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बयान उसके खिलाफ नफरत फैलाने के मकसद से दिया गया था। साथ ही पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र से अपील की है कि इस देश को अस्थिर करने के लिए विध्वंसक गतिविधियों में शामिल रहने की भारत की ‘खुली स्वीकारोक्ति’ पर संज्ञान लें।

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के विदेश मामलों के सलाहकार सरताज अजीज ने संसद में कहा कि सरकार ने 1971 के घटनाक्रम में भारत के हस्तक्षेप को स्वीकार करने वाले प्रधानमंत्री मोदी के बयान पर पहले ही ‘कड़ाई से संज्ञान’ लिया है।

उन्होंने आरोप लगाया, 'पाकिस्तान 1971 में पूर्वी पाकिस्तान को अलग करने में भारत की भूमिका को और आतंकवाद के माध्यम से पाकिस्तान को अस्थिर करने की उसकी चेतावनी को उजागर करने के लिए सभी संभव कदम उठाएगा।'

अजीज ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय और संयुक्त राष्ट्र से अनुरोध किया है कि पाकिस्तान को अस्थिर करने के लिए विध्वंसक गतिविधियों में लिप्त रहने की भारत की खुली स्वीकारोक्ति का संज्ञान लें।

अजीज के मुताबिक, मोदी के बयान ने पाकिस्तान को अस्थिर करने की भारत की मौजूदा और अतीत की नीतियों को लेकर पाक के रुख की पुष्टि की है।

उन्होंने कहा कि यह खेदजनक है कि मोदी ने बयान देने के लिए बांग्लादेश को चुना और इस बयान का मकसद बांग्लादेश में पाकिस्तान के खिलाफ नफरत फैलाना था।

अजीज ने कहा कि मोदी की टिप्पणी का मकसद पाकिस्तान और बांग्लादेश के बीच संबंधों में खटास पैदा करना है, जिनमें धार्मिक बंधुत्व के मजबूत संबंध हैं और औपनिवेशिक काल के खिलाफ आजादी के लिए संघर्ष का साझा इतिहास है।

उन्होंने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थाई सदस्यता को लेकर भारत की विश्वसनीयता पर सवाल खड़ा किया और आरोप लगाया कि भारत जम्मू-कश्मीर पर संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों का उल्लंघन कर रहा है।

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