अस्ताना:
भारत और कजाकिस्तान ने द्विपक्षीय सम्बंधों को मजबूती प्रदान करते हुए शनिवार को नागरिक परमाणु सहित सात समझौतों पर हस्ताक्षर किए। ऊर्जा सम्पन्न मध्य एशिया के दो दिवसीय दौरे पर आए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की उपस्थिति में दोनों देशों ने अपनी रणनीतिक साझेदारी को बढ़ाने की रूपरेखा का खुलासा किया। परमाणु सहयोग की दिशा में दोनों देशों ने अंतर- सरकारी परमाणु समझौते पर हस्ताक्षर किए जिसके मुताबिक कजाकिस्तान वर्ष 2014 तक भारत को 2100 टन परमाणु ईंधन की आपूर्ति करेगा। समझौते के मुताबिक दोनों पक्षों को परमाणु ऊर्जा के शांतिपूर्ण प्रयोग के अलावा ईंधन व परमाणु मशीनरी की आपूर्ति, स्वास्थ्य के लिए रेडियोधर्मी प्रौद्योगिकी के प्रयोग, रिएक्टरों की सुरक्षा के लिए तंत्र, वैज्ञानिक और शोध से जुड़ी सूचनाओं के अदान-प्रदान, यूरेनियम की संयुक्त खोज और खनन और परमाणु बिजली संयंत्रों की डिजाइन, निर्माण और संचालन के रास्ते खुलेंगे। दूसरा महत्वपूर्ण समझौता कजाकिस्तान के कैस्पियन सागर में स्थित सतपायेव तेल ब्लॉक में 25 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने सम्बंधी है। रणनीतिक साझेदारी की रूप-रेखा सम्बंधी समझौते में वर्ष 2011-14 के बीच परियोजनाओं के क्रियान्वयन के लिए कार्य योजना पेश की गई है। साथ ही हाइड्रोकार्बन, नागरिक परमाणु ऊर्जा, अंतरिक्ष, सूचना प्रौद्योगिकी और साइबर सुरक्षा, उच्च और अभिनव प्रौद्योगिकी, दवा, स्वास्थ्य, कृषि और सांस्कृतिक आदान-प्रदान के क्षेत्र में महत्वपूर्ण समझौते किए गए। दोनों देशों ने सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के लिए एक सहमति समझौते पर हस्ताक्षर किए। इस समझौते पर भारत की ओर से सूचना प्रौद्योगिकी विभाग की कम्प्यूटर इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम और कजाकिस्तान कम्प्यूटर इमरजेंसी रेस्पॉन्स टीम ने हस्ताक्षर किए। इसके अलावा दिवानी मामलों में आपसी कानूनी सहयोग समझौते पर भी हस्ताक्षर किए गए जिसमें दोनों देशों की कानूनों के मुताबिक कई कदमों को शामिल किया गया है। कृषि और इससे जुड़े क्षेत्र में दोनों देशों ने सहयोग करने पर सहमति जताई है। इसमें कृषि शोध, प्रौद्योगिकी, खाद्य और कृषि उत्पादन के क्षेत्र में सहयोग की बात कही गई है।
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