पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो की हत्या मामले में अपने पूर्ववर्ती परवेज मुशर्रफ के खिलाफ न्यायपालिका की निष्क्रियता पर सवाल उठाए हैं।
जरदारी ने कहा कि बेनजीर ने अपनी हत्या से पहले भेजे गए ई-मेल संदेश में कहा था कि पाकिस्तान लौटने पर यदि उन्हें कुछ होता है तो इसके लिए मुशर्रफ जिम्मेदार होंगे।
समाचार चैनल 'जिओ टीवी' को दिए गए एक साक्षात्कार में जरदारी ने कहा कि लियाकत बाग रैली के दौरान भुट्टो की सुरक्षा के लिए आंतरिक मंत्री रहमान मलिक जिम्मेदार नहीं थे। उन्होंने कहा कि भुट्टो की लियाकत बाग की रैली एक व्यक्ति द्वारा आयोजित की गई थी जिसका नाम वह नहीं ले सकते।
जरदारी ने कहा, "मलिक और हम इस तरह की रैली आयोजित करने के खिलाफ थे।" उन्होंने कहा कि वह और उनके बच्चों ने भुट्टो को पाकिस्तान जाने से रोकने की कोशिश की लेकिन वे इसमें सफल नहीं हो पाए।
जरदारी ने 26 अक्टूबर 2007 को भुट्टो द्वारा पत्रकार मार्क सीगल को भेजे गए ई-मेल संदेश का हवाला दिया, जिसमें भुट्टो ने कहा था कि यदि उनकी हत्या होती है तो उसके लिए मुशर्रफ को जिम्मेदार ठहराना चाहिए।
जरदारी ने कहा, "प्राथमिकी में मुशर्रफ का नाम शामिल है। न्यायालय उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं कर रहा है?"
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