दुनिया की सबसे ऊंची इमारत बनने जा रहे 'जेद्दा टॉवर' के मॉडल को निहारते सऊदी प्रिंस अलवलीद बिन तलाल... (एएफपी)
दुबई के 'बुर्ज खलीफा' को पछाड़कर दुनिया की सबसे ऊंची इमारत का दर्जा हासिल करने जा रहे 'जेद्दा टॉवर' के तैयार होने की तारीख को वर्ष 2019 तक आगे बढ़ा दिया गया है, और अब यह प्रोजेक्ट की शुरुआत के लगभग छह साल बाद पूरी हो पाएगी. एक किलोमीटर (लगभग 3,300 फुट) से भी अधिक ऊंचाई तक जाने वाली इस इमारत के बारे में सऊदी अरब के अरबपति प्रिंस अलवलीद बिन तलाल ने गुरुवार को लाल सागर के करीब बन रही इमारत का दौरा किया, और समाचार एजेंसी एएफपी को बताया, "प्रोजेक्ट में विलंब हुआ है, लेकिन यह 2019 में तैयार हो जाएगा..." प्रिंस अलवलीद बिन तलाल उस किंगडम होल्डिंग कंपनी के अध्यक्ष हैं, जिससे संबद्ध जेद्दा इकोनॉमिक कंपनी इस टॉवर का निर्माण कर रही है.
प्रोजेक्ट का कॉन्ट्रैक्टर सऊदी बिनलादेन ग्रुप देश की उन निर्माण कंपनियों में शामिल था, जिन्हें वर्ष 2014 में तेल राजस्व में कमी आने की वजह से भारी आर्थिक नुकसान हुआ था. गौरतलब है कि सऊदी अरब में कई प्रमुख इमारतों की तामीर कर चुकी इस कंपनी की स्थापना 80 वर्ष पहले कुख्यात आतंकवादी संगठन अलकायदा के मारे जा चुके प्रमुख ओसामा बिन लादेन के पिता ने की थी.
बिनलादेन ग्रुप ने पिछले साल के अंत में घोषणा की थी कि उन्होंने निकाले गए 70,000 कर्मचारियों के भुगतान निपटा दिए हैं.
प्रिंस अलवलीद बिन तलाल ने 'जेद्दा टॉवर' की योजना की घोषणा सबसे पहले अगस्त, 2011 में की थी, और कहा था कि निर्माण कार्य शुरू होने के बाद वह 36 महीनों में पूरा हो जाएगा. नवंबर, 2014 तक इमारत की चार-मंज़िला नींव तैयार हो चुकी थी, और प्रिंस अलवलीद बिन तलाल ने कहा था कि इमारत 2018 तक पूरी हो जाएगी.
लेकिन उसके बाद सऊदी अरब में तेल राजस्व में ज़ोरदार कमी आई, जिसके असर से कोई भी अछूता नहीं रह पाया. नवंबर, 2015 में किंगडम होल्डिंग कंपनी ने कहा कि जेद्दा इकोनॉमिक कंपनी ने 'जेद्दा टॉवर' को पूरा करने के लिए सऊदी अरब की अलिन्मा इन्वेस्टमेंट के साथ वित्तीय करार कर लिया है. उस वक्त तक इमारत की 26 मंज़िलों की तामीर हो चुकी थी.
गुरुवार को प्रिंस अलवलीद बिन तलाल ने कन्स्ट्रक्शन लिफ्ट के ज़रिये लगभग 30 मंज़िल ऊपर जाकर कंक्रीट से बने कमरे में पत्रकारों से मुलाकात की, जहां से जेद्दा शहर तथा समुद्र का मनोहारी नज़ारा साफ दिखाई दे रहा था.
गौरतलब है कि किंगडम होल्डिंग कंपनी के पास बहुत-सी कंपनियों के अलावा यूरो डिज़्नी थीम पार्क, एप्पल, न्यूज़ कॉरपोरेशन तथा अमेरिकी बैंक सिटिग्रुप में भी हिस्सेदारी है.
(इनपुट एएफपी से भी)
प्रोजेक्ट का कॉन्ट्रैक्टर सऊदी बिनलादेन ग्रुप देश की उन निर्माण कंपनियों में शामिल था, जिन्हें वर्ष 2014 में तेल राजस्व में कमी आने की वजह से भारी आर्थिक नुकसान हुआ था. गौरतलब है कि सऊदी अरब में कई प्रमुख इमारतों की तामीर कर चुकी इस कंपनी की स्थापना 80 वर्ष पहले कुख्यात आतंकवादी संगठन अलकायदा के मारे जा चुके प्रमुख ओसामा बिन लादेन के पिता ने की थी.
बिनलादेन ग्रुप ने पिछले साल के अंत में घोषणा की थी कि उन्होंने निकाले गए 70,000 कर्मचारियों के भुगतान निपटा दिए हैं.
'जेद्दा टॉवर' की योजना की घोषणा सबसे पहले अगस्त, 2011 में की गई थी, और बताया गया था कि इसके पूरा होने में 36 महीने लगेंगे...
प्रिंस अलवलीद बिन तलाल ने 'जेद्दा टॉवर' की योजना की घोषणा सबसे पहले अगस्त, 2011 में की थी, और कहा था कि निर्माण कार्य शुरू होने के बाद वह 36 महीनों में पूरा हो जाएगा. नवंबर, 2014 तक इमारत की चार-मंज़िला नींव तैयार हो चुकी थी, और प्रिंस अलवलीद बिन तलाल ने कहा था कि इमारत 2018 तक पूरी हो जाएगी.
लेकिन उसके बाद सऊदी अरब में तेल राजस्व में ज़ोरदार कमी आई, जिसके असर से कोई भी अछूता नहीं रह पाया. नवंबर, 2015 में किंगडम होल्डिंग कंपनी ने कहा कि जेद्दा इकोनॉमिक कंपनी ने 'जेद्दा टॉवर' को पूरा करने के लिए सऊदी अरब की अलिन्मा इन्वेस्टमेंट के साथ वित्तीय करार कर लिया है. उस वक्त तक इमारत की 26 मंज़िलों की तामीर हो चुकी थी.
गुरुवार को प्रिंस अलवलीद बिन तलाल ने कन्स्ट्रक्शन लिफ्ट के ज़रिये लगभग 30 मंज़िल ऊपर जाकर कंक्रीट से बने कमरे में पत्रकारों से मुलाकात की, जहां से जेद्दा शहर तथा समुद्र का मनोहारी नज़ारा साफ दिखाई दे रहा था.
गौरतलब है कि किंगडम होल्डिंग कंपनी के पास बहुत-सी कंपनियों के अलावा यूरो डिज़्नी थीम पार्क, एप्पल, न्यूज़ कॉरपोरेशन तथा अमेरिकी बैंक सिटिग्रुप में भी हिस्सेदारी है.
(इनपुट एएफपी से भी)
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