
श्रीलंका में जल्लाद बनने को लेकर लोगों में जोश इतना 'हाई' है कि केवल दो पदों के लिए 100 आवदेन आएं हैं, जिनमें से एक आवेदन अमेरिकी नागरिक का भी है.
गौरतलब है कि श्रीलंका मादक पदार्थों के तस्करों को जल्द से जल्द फांसी देना चाहता है. न्याय और कारागार सुधार मंत्रालय ने घोषणा की है कि सुरक्षा कारणों के चलते चुने गए लोगों के नाम और साक्षात्कारों की तारीख की घोषणा नहीं की जाएगी.जल्लाद के लिए दो पद हैं. उसने बताया कि एक अमेरिकी नागरिक ने भी आवेदन दिया है. आवदेन दायर करने की आखिरी तारीख 25 फरवरी थी.
महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव को क्यों चढ़ाते हैं बेल पत्र?
श्रीलंका में फांसी देना कानूनन वैध है लेकिन 1976 से किसी को फांसी नहीं दी गई है. पिछले जल्लाद के पांच साल पहले इस्तीफा देने के बाद यहां कोई स्थायी जल्लाद नहीं है. श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रीपाल सिरिसेना ने फरवरी की शुरुआत में घोषणा की थी वह अगले दो महीने के भीतर मादक पदार्थों के दोषियों को फांसी पर लटका देंगे.
न्याय मंत्रालय ने पहले घोषणा की थी कि मादक पदार्थों की तस्करी के मामले में 48 लोगों को फांसी की सजा दी गई थी. इनमें से 30 ने आगे अपील की है, इसलिए अब अन्य 18 दोषियों को फांसी दी जानी है. पिछला जल्लाद फांसी का तख्ता देखकर ही सदमे में चला गया था और 2014 में उसने इस्तीफा दे दिया था.
4 महीने के बच्चे की मां ने पूरी फ्लाइट में बांटे ईयरबग्स और कैंडी, वजह जान आप भी कहेंगे...Awwwww!
एक अन्य को पिछले साल रखा गया लेकिन वह कभी नौकरी पर नहीं आया. वर्ष 2004 से बलात्कार, मादक पदार्थों की तस्करी और हत्या को बड़ा अपराध माना जाता है, लेकिन सजा केवल आजीवन कारावास तक ही दी गई है.
इनपुट - भाषा
VIDEO: रणनीति इंट्रो: अयोध्या में बड़े-बड़े एलान, बदल गया नाम
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं