करीब 200 पायलट व्हेल (Whale) मछलियां समुद्री तट पर बहकर आ जाने के बाद मारी गईं हैं. ऑस्ट्रेलिया के पश्चिमी तट तस्मानिया पर बचाव दल ने यह जानकारी दी है. बीच पर आ फंसीं 230 व्हेल मछलियों में से अब केवल 35 ज़िंदा बची हैं. सरकारी वाइल्डलाइफ सर्विस ने यह जानकारी दी है. इन्होंने बची हुई व्हेल मछलियों के सामने जीवित बचने की मुश्किल चुनौती बताई है. इस इलाके की हवा से ली गई तस्वीरों में दर्जनों चमकदार, काली स्तनपाई मछलियां समुद्री तट पर देखी जा सकती हैं. यह रेत और समुद्र के बीच की रेखा पर फंसी हुई हैं.
जब तक और मदद पहुंचे तब तक स्थानीय लोगों ने कुछ व्हेल को कंबल उड़ाए हैं और उन्हें जिंदा रखने के लिए उनके उपर बाल्टियों से पानी उंडेला जा रहा है.
स्टेट वाइल्डलाइफ ऑपरेशन मैनेजर ब्रेंडन क्लार्क ने कहा, हमें करीब 35 जीवित जीव तट पर मिले हैं और आज सुबह हमारी सबसे पहली कोशिश इन्हें बचाने और इन्हें समुद्र में दोबारा छोड़ने की होगी. आगे उन्होंने कहा, "दुर्भाग्य से बीच पर आ गईं इन व्हेल मछिलयों की मृत्यु दर अधिक है."
दो साल पहले भी हुआ था हादसा
करीब दो साल पहले इसी इलाके में 500 पायलेट व्हेल सामूहित तौर से बीच पर आ फंसी थीं. इनमे से केवल 100 को बचाया जा सका. इतने बड़े समूह में व्हेल मछलियों के बीच पर आ जाने का कारण अभी भी पूरी तरह से समझा नहीं जा सका है.
वैज्ञानिकों का अनुमान है कि ऐसा रास्ता भटकने और तट के बेहद नज़दीक आने के कारण हो सकता है. पायलेट व्हेल बहुत ही सामाजिक होती हैं और खतरे में पड़े समूह के साथियों के पीछे भी आ जाती हैं.
आम तौर पर मदद करने वाले खुद पानी में उतरते हैं और गहरे समुद्र में इन स्तनपाई जीवो को तैरने में मदद करते हैं लेकिन अधिकारियों का कहना है कि इस काम में एक नई तकनीक का भी प्रयोग किया जाएगा. जो एक्वाकल्चर कंपनी की मैकेनिकल मदद होगी.
यहां से एक जहाज़ इन्हें गहरे पानी में ले जाएगा ताकि यह दोबारा तट पर ना आ फंसें.
पड़ोसी देश न्यूजीलैंड में भी कई बार व्हेल मछलियां तट पर आकर फंस जाती हैं.
हर साल करीब 300 जीव समुद्र से बहकर बीच पर आ जाते हैं. आधिकारिक आंकड़े बताते हैं कि 20 से 50 पायलट व्हेलों का जमीन पर आ फंसना असामान्य नहीं है. लेकिन जब एक बड़ा दल या कहें कि "सुपर पॉड" शामिल होता है तब यह आंकड़ा सैकड़ों में जा सकता है. साल 2017 में न्यूजीलैंड के तट पर करीब 700 पायलेट व्हेल आ फंसीं थीं.
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