नई दिल्ली:
जब किसी देश का प्रधानमंत्री जनमत संग्रह के नतीजों में हारने के बाद अपने पद से इस्तीफा दे देता है तो वह दुनिया के लिए एक नया उदाहरण पेश करता है. जून के महीने में ब्रिटेन के प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने जनमत संग्रह में हारने के बाद अपने पद से इस्तीफा दे दिया था.
हाल ही में जनमत संग्रह ने इटली के प्रधानमंत्री पमैटियो रेंजी से उनकी कुर्सी छीन ली थी. इटली के प्रधानमंत्री इटली के संविधान में संशोधन के जरिए इटली सीनेट की शक्ति को कम करना चाहते थे, लेकिन इस जनमत संग्रह ने उनकी खुद की शक्ति को कम कर दिया. विश्लेषकों का कहना है अगर तुरंत इटली में चुनाव हो जाएं तो हो सकता कि पमैटियो रेंजी की डेमोक्रेटिक पार्टी हार जाए.
कॉमेडी के जरिए इटली के भ्रष्टाचारी नेताओं के खिलाफ आवाज़ उठाई
इटली में इस जनमत संग्रह के खिलाफ करीब 60 प्रतिशत लोगों ने वोट दिया था और इन लोगों को प्रभावित करने में जिनका हाथ था वह हैं बैपे ग्रिल्लो. ग्रिल्लो संविधान के संशोधन के खिलाफ थे और वह नहीं चाह रहे थे कि सीनेट की शक्ति कम हो. उनका कहना था प्रधानमंत्री पमैटियो रेंजी जो करना चाहते है वह लोकतंत्र के खिलाफ है. फिर इस जनमत संग्रह के खिलाफ ग्रिल्लो ने प्रचार करना शुरू कर दिया और लोगों को इसके खिलाफ वोट करने के लिए अपील की.
ग्रिल्लो इटली कॉमेडियन,ब्लॉगर और राजनैतिक विश्लेषक हैं. अपनी पढ़ाई बीच में छोड़ने के बाद ग्रिल्लो ने एक कॉमेडियन के रूप में नाम कमाया. अपनी कॉमेडी के जरिए ग्रिल्लो भ्रष्टाचारी नेताओं और सरकार की आलोचना करते रहे. उन्होंने इटली के अलग-अलग टेलीविज़न शो में एक राजनैतिक विश्लेषक के रूप में भी हिस्सा लिया. 1987 में इटली के प्रधानमंत्री की आलोचना करना उनके लिए भारी पड़ा और पब्लिक टीवी वालों ने उन्हें बुलाना बंद कर दिया. लेकिन कुछ चैनलों में वह कभी-कभी हिस्सा लेते दिखाई दिए. वह जब भी किसी शो में हिस्सा लेते थे चैनलों की टीआरपी बढ़ जाती थी.1993 में उनके एक टेलीविज़न शो को 15 मिलियन से भी ज्यादा लोगों ने देखा था.
ब्लॉग के जरिए अपनी बातों को आगे बढ़ाया
जब मीडिया में हिस्सा लेना कम हो गया तब अपनी लोकप्रियता को देखते हुए 2005 में ग्रिल्लो ने अपना ब्लॉग शुरू किया. वह अपने ब्लॉग के जरिए भ्रष्टाचारियों के खिलाफ लिखते रहे. करप्शन के खिलाफ आवाज़ उठाने के लिए ग्रिल्लो ने ब्लॉग के जरिए लोगों से चंदा लेना शुरू किया.
2005 में चंदे के पैसे से इटली के एक नामी अखबार के जरिए उस वक्त के सेंट्रल बैंक के गवर्नर के खिलाफ भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए इस्तीफ़ा मांगा. राजनैतिक भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज़ उठाने के लिए टाइम्स मैगजीन के कवर पेज में भी उनको जगह मिली. धीरे-धीरे उनके ब्लॉग इतने लोकप्रिय होने लगे कि 2008 में विश्व के सबसे प्रभावशाली ब्लॉग में उनका 9वें स्थान पर था.
कुछ मांगें जो ग्रिल्लो ने राजनेताओं से की
2007 में ग्रिल्लो ने भ्रष्टाचारी राजनेताओं के खिलाफ एक प्रदर्शन शुरू किया. देशभर से ग्रिल्लो को समर्थन मिला. अलग-अलग जगहों पर लोग इकट्ठे होकर भ्रष्ट नेताओं के खिलाफ आवाज़ उठाते नज़र आए. इस प्रदर्शन के जरिए ग्रिल्लो ने तीन मांगें रखी थीं. पहली थी जिन राजनेताओं के खिलाफ अपराधों की मामला है उन्हें संसद से बर्खास्त किया जाए, दूसरी कोई भी सांसद दो बार से ज्यादा सांसद न बने और तीसरी नागरिकों को अपना प्रतिनिधि चुनने का अधिकार दिया जाए. फिर 2008 में ग्रिल्लो ने इस तरह और एक समारोह का आयोजन किया और अलग मांगें रखीं. पहली मांग थी कि सूचना का अधिकार हो और मीडिया को सरकारी सब्सिडी बंद कराने के लिए एक जनमत संग्रह किया जाए.
ब्लॉग और सोशल नेटवर्किंग साइट के जरिए चुनाव प्रचार
इस समारोह की शानदार सफलता को देखते हुए 2008 में ग्रिल्लो ने अपने समर्थकों को राजनैतिक तरीके से अपनी मांगों को आगे बढ़ाने के लिए सलाह दी और फाइव स्टार “सिविक लिस्ट” बनाने के लिए कहा. ग्रिल्लो ने यह भी शर्त रखी था कि सिर्फ वे लोग ही 'सिविक लिस्ट' का सदस्य बन सकते हैं जिनके खिलाफ कोई आपराधिक मामला न हो और जो किसी भी राजनैतिक दल से जुड़े न हों, जो जिस चुनाव क्षेत्र का सदस्य है सिर्फ उसी चुनाव क्षेत्र से चुनाव लड़े और यह वादा करे कि एक बार से ज्यादा चुने हुए सदस्य के रूप में न रहे.
2009 के चुनाव में ग्रिल्लो की 'सिविक लिस्टट से 23 पार्षद चुनाव में जीतकर आए. 9, सितम्बर 2009 को ग्रिल्लो ने फाइव स्टार मूवमेंट के नाम से एक पोलिटिकल पार्टी का गठन किया. एक ऐसी पार्टी जिसका न कोई मुख्यालय था, न पैसा, न कोई विचार धारा. ग्रिल्लो ने अपने लोगों के संपर्क में रहने, स्थानीय चुनाव प्रचार करने और उम्मीदवार चुनने के लिए अपने ब्लॉग ,सोशल नेटवर्किंग साइट का इस्तेमाल किया. इटली के स्थानीय चुनावों में फाइव स्टार मूवमेंट अच्छा प्रदर्शन करता गया.
इटली के आम चुनाव में किया शानदार प्रदर्शन
फाइव स्टार मूवमेंट ने यह तय किया कि 2013 के आम चुनाव में भी अपने उम्मीदवार खड़े करेंगे, लेकिन ग्रिल्लो खुद उम्मीदवार नहीं होंगे. 2013 के आम चुनाव में फाइव स्टार मूवमेंट ने शानदार प्रदर्शन किया. हाउस ऑफ़ डेपुटीज़ के लिए हुए चुनाव में डेमोक्रेटिक पार्टी के बाद फाइव स्टार मूवमेंट को सबसे ज्यादा वोट मिले. डेमोक्रेटिक पार्टी को 24.51 प्रतिशत वोट मिले जबकि फाइव स्टार मूवमेंट को 24.14 प्रतिशत वोट मिले.
दूसरी पार्टियों के बीच गठबंधन के वजह से फाइव स्टार मूवमेंट ज्यादा सीट नहीं जीत पाई. डेमोक्रेटिक पार्टी ने तीन और अलग पार्टियों के साथ मिलकर अपना गठबंधन बनाया था. कुल मिलाकर 630 सीटों में से इस गठबंधन को 345 सीटें मिलीं. दूसरा एक गठबंधन सेंटर-राइट को 125 सीटें मिलीं जबकि फाइव स्टार मूवमेंट ने अकेले चुनाव लड़ते हुए 109 सीटें जीतीं. हाउस ऑफ सीनेट के लिए हुए 315 सीटों के लिए चुनाव में फाइव स्टार मूवमेंट 54 सीटें जीतकर आई थी.
हाल ही में जनमत संग्रह ने इटली के प्रधानमंत्री पमैटियो रेंजी से उनकी कुर्सी छीन ली थी. इटली के प्रधानमंत्री इटली के संविधान में संशोधन के जरिए इटली सीनेट की शक्ति को कम करना चाहते थे, लेकिन इस जनमत संग्रह ने उनकी खुद की शक्ति को कम कर दिया. विश्लेषकों का कहना है अगर तुरंत इटली में चुनाव हो जाएं तो हो सकता कि पमैटियो रेंजी की डेमोक्रेटिक पार्टी हार जाए.
कॉमेडी के जरिए इटली के भ्रष्टाचारी नेताओं के खिलाफ आवाज़ उठाई
इटली में इस जनमत संग्रह के खिलाफ करीब 60 प्रतिशत लोगों ने वोट दिया था और इन लोगों को प्रभावित करने में जिनका हाथ था वह हैं बैपे ग्रिल्लो. ग्रिल्लो संविधान के संशोधन के खिलाफ थे और वह नहीं चाह रहे थे कि सीनेट की शक्ति कम हो. उनका कहना था प्रधानमंत्री पमैटियो रेंजी जो करना चाहते है वह लोकतंत्र के खिलाफ है. फिर इस जनमत संग्रह के खिलाफ ग्रिल्लो ने प्रचार करना शुरू कर दिया और लोगों को इसके खिलाफ वोट करने के लिए अपील की.
ग्रिल्लो इटली कॉमेडियन,ब्लॉगर और राजनैतिक विश्लेषक हैं. अपनी पढ़ाई बीच में छोड़ने के बाद ग्रिल्लो ने एक कॉमेडियन के रूप में नाम कमाया. अपनी कॉमेडी के जरिए ग्रिल्लो भ्रष्टाचारी नेताओं और सरकार की आलोचना करते रहे. उन्होंने इटली के अलग-अलग टेलीविज़न शो में एक राजनैतिक विश्लेषक के रूप में भी हिस्सा लिया. 1987 में इटली के प्रधानमंत्री की आलोचना करना उनके लिए भारी पड़ा और पब्लिक टीवी वालों ने उन्हें बुलाना बंद कर दिया. लेकिन कुछ चैनलों में वह कभी-कभी हिस्सा लेते दिखाई दिए. वह जब भी किसी शो में हिस्सा लेते थे चैनलों की टीआरपी बढ़ जाती थी.1993 में उनके एक टेलीविज़न शो को 15 मिलियन से भी ज्यादा लोगों ने देखा था.
ब्लॉग के जरिए अपनी बातों को आगे बढ़ाया
जब मीडिया में हिस्सा लेना कम हो गया तब अपनी लोकप्रियता को देखते हुए 2005 में ग्रिल्लो ने अपना ब्लॉग शुरू किया. वह अपने ब्लॉग के जरिए भ्रष्टाचारियों के खिलाफ लिखते रहे. करप्शन के खिलाफ आवाज़ उठाने के लिए ग्रिल्लो ने ब्लॉग के जरिए लोगों से चंदा लेना शुरू किया.
2005 में चंदे के पैसे से इटली के एक नामी अखबार के जरिए उस वक्त के सेंट्रल बैंक के गवर्नर के खिलाफ भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए इस्तीफ़ा मांगा. राजनैतिक भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज़ उठाने के लिए टाइम्स मैगजीन के कवर पेज में भी उनको जगह मिली. धीरे-धीरे उनके ब्लॉग इतने लोकप्रिय होने लगे कि 2008 में विश्व के सबसे प्रभावशाली ब्लॉग में उनका 9वें स्थान पर था.
कुछ मांगें जो ग्रिल्लो ने राजनेताओं से की
2007 में ग्रिल्लो ने भ्रष्टाचारी राजनेताओं के खिलाफ एक प्रदर्शन शुरू किया. देशभर से ग्रिल्लो को समर्थन मिला. अलग-अलग जगहों पर लोग इकट्ठे होकर भ्रष्ट नेताओं के खिलाफ आवाज़ उठाते नज़र आए. इस प्रदर्शन के जरिए ग्रिल्लो ने तीन मांगें रखी थीं. पहली थी जिन राजनेताओं के खिलाफ अपराधों की मामला है उन्हें संसद से बर्खास्त किया जाए, दूसरी कोई भी सांसद दो बार से ज्यादा सांसद न बने और तीसरी नागरिकों को अपना प्रतिनिधि चुनने का अधिकार दिया जाए. फिर 2008 में ग्रिल्लो ने इस तरह और एक समारोह का आयोजन किया और अलग मांगें रखीं. पहली मांग थी कि सूचना का अधिकार हो और मीडिया को सरकारी सब्सिडी बंद कराने के लिए एक जनमत संग्रह किया जाए.
ब्लॉग और सोशल नेटवर्किंग साइट के जरिए चुनाव प्रचार
इस समारोह की शानदार सफलता को देखते हुए 2008 में ग्रिल्लो ने अपने समर्थकों को राजनैतिक तरीके से अपनी मांगों को आगे बढ़ाने के लिए सलाह दी और फाइव स्टार “सिविक लिस्ट” बनाने के लिए कहा. ग्रिल्लो ने यह भी शर्त रखी था कि सिर्फ वे लोग ही 'सिविक लिस्ट' का सदस्य बन सकते हैं जिनके खिलाफ कोई आपराधिक मामला न हो और जो किसी भी राजनैतिक दल से जुड़े न हों, जो जिस चुनाव क्षेत्र का सदस्य है सिर्फ उसी चुनाव क्षेत्र से चुनाव लड़े और यह वादा करे कि एक बार से ज्यादा चुने हुए सदस्य के रूप में न रहे.
2009 के चुनाव में ग्रिल्लो की 'सिविक लिस्टट से 23 पार्षद चुनाव में जीतकर आए. 9, सितम्बर 2009 को ग्रिल्लो ने फाइव स्टार मूवमेंट के नाम से एक पोलिटिकल पार्टी का गठन किया. एक ऐसी पार्टी जिसका न कोई मुख्यालय था, न पैसा, न कोई विचार धारा. ग्रिल्लो ने अपने लोगों के संपर्क में रहने, स्थानीय चुनाव प्रचार करने और उम्मीदवार चुनने के लिए अपने ब्लॉग ,सोशल नेटवर्किंग साइट का इस्तेमाल किया. इटली के स्थानीय चुनावों में फाइव स्टार मूवमेंट अच्छा प्रदर्शन करता गया.
इटली के आम चुनाव में किया शानदार प्रदर्शन
फाइव स्टार मूवमेंट ने यह तय किया कि 2013 के आम चुनाव में भी अपने उम्मीदवार खड़े करेंगे, लेकिन ग्रिल्लो खुद उम्मीदवार नहीं होंगे. 2013 के आम चुनाव में फाइव स्टार मूवमेंट ने शानदार प्रदर्शन किया. हाउस ऑफ़ डेपुटीज़ के लिए हुए चुनाव में डेमोक्रेटिक पार्टी के बाद फाइव स्टार मूवमेंट को सबसे ज्यादा वोट मिले. डेमोक्रेटिक पार्टी को 24.51 प्रतिशत वोट मिले जबकि फाइव स्टार मूवमेंट को 24.14 प्रतिशत वोट मिले.
दूसरी पार्टियों के बीच गठबंधन के वजह से फाइव स्टार मूवमेंट ज्यादा सीट नहीं जीत पाई. डेमोक्रेटिक पार्टी ने तीन और अलग पार्टियों के साथ मिलकर अपना गठबंधन बनाया था. कुल मिलाकर 630 सीटों में से इस गठबंधन को 345 सीटें मिलीं. दूसरा एक गठबंधन सेंटर-राइट को 125 सीटें मिलीं जबकि फाइव स्टार मूवमेंट ने अकेले चुनाव लड़ते हुए 109 सीटें जीतीं. हाउस ऑफ सीनेट के लिए हुए 315 सीटों के लिए चुनाव में फाइव स्टार मूवमेंट 54 सीटें जीतकर आई थी.
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