फिलिस्तीनी संगठन हमास से 7 दिनों से जारी जंग (Israel Palestine Conflict)के बीच इजरायल ने गुरुवार को गाजा के लोगों को 24 घंटे के अंदर वहां से दूसरे जगह शिफ्ट हो जाने का अल्टीमेटम दिया है. इजरायली सेना ने गाजा (Gaza Strip) पर पर्चे गिराए हैं. इसमें लिखा है, "24 घंटे में वादी गाजा में रहने वाले फिलिस्तीनी वहां से हट जाएं. वहां रहने वाले लोग उनके दुश्मन नहीं हैं, वो केवल हमास का खात्मा करना चाहते हैं." इजरायल के आदेश के बाद अब गाजावासी मजबूरन अपना घर-बार छोड़कर दूसरी जगह जाने लगे हैं. दूसरी ओर हमास (Hamas) ने लोगों से कहा है कि वो अपनी जगह छोड़कर कहीं न जाएं, जहां हैं वहीं बने रहें.
गाजा पट्टी के कई निवासियों ने इजरायल के संभावित जमीनी हमले से पहले दक्षिण में शिफ्ट होने के लिए अपने घर छोड़ना शुरू कर दिया है. जंग के दौरान इससे बड़ी संख्या में लोगों के हताहत होने का खतरा है.
फिलिस्तीनी मामलों के रिपोर्टर ने शेयर किया वीडियो
सोशल मीडिया पर शेयर किए गए एक वीडियो में गाजा के कुछ नागरिकों को कई कारों में अपना सामान ले जाते देखा जा सकता है. लोग कार के रूफ पर कपड़े और मैट्रेसेस बांधकर ले जा रहे हैं. इस वीडियो को X पर फिलिस्तीनी मामलों के एक रिपोर्टर ने शेयर किया है. वीडियो उत्तरी गाजा का है.
Gaza |
— Younis Tirawi | يونس (@ytirawi) October 13, 2023
Residents in North Gaza (Gaza City, Beit Lahia, Beit Hanoun, and Jabalia RC) are evacuating their homes in response to the Israeli military's threat that those who stay could face deadly consequences. pic.twitter.com/ZOlU0Rg5Rj
इजरायल ने 3 लाख रिजर्व फोर्स किया तैयार
इस बीच फिलिस्तीनी समूह हमास के विनाशकारी हमले के जवाब में इजरायल ने 3 लाख रिजर्व फोर्स और टैंक तैयार किए हैं. गाजा की तरफ टैंकों को तैनात किया जा रहा है. इजरायल ने गाजा में घुसकर हमास के खात्मे की बात कही है. इजरायल जल्द ही जमीनी हमले शुरू करेगा.
UN ने इजरायल से की आदेश वापस लेने की अपील
वहीं, इजराइल के आदेश पर UN के प्रवक्ता ने कहा है कि इस इलाके में 10 लाख से ज्यादा लोग रहते हैं. ये गाजा की आधी आबादी हैं. इन्हें इतने कम समय में वहां से हटने का आदेश देना उनकी जिंदगी से खिलवाड़ करने जैसा है. इससे मानवीय संकट पैदा होगा. UN ने इजरायल से अपना आदेश वापस लेने की गुजारिश की है.
WHO ने भी जताई चिंता
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भी इजरायल के इस आदेश पर चिंता जाहिर की है. WHO के प्रवक्ता तारिक जसारेविक ने कहा, "गाजा में गंभीर रूप से बीमार लोग हैं. उन्हें शिफ्ट करने का मतलब है कि उनके बचने की थोड़ी बहुत भी जो संभावना है, वो खत्म हो जाएगी. ऐसे लोगों को दूसरी जगह शिफ्ट करना मौत की सजा सरीखा है. सहायता एजेंसियों और हेल्थ केयर स्टाफ को ऐसा करने के लिए कहना क्रूरता से परे है."
गाजा शहर की 10 लाख से अधिक की आबादी में ज्यादातर उन शरणार्थियों के वंशज हैं, जो 1948 में इसकी स्थापना के समय इजरायल से भाग गए थे या अपने घरों से निकाल दिए गए थे.
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