
- इजरायल और ईरान के बीच पिछले आठ दिनों से युद्ध जारी है.
- ईरान ने इजरायल के आयरन डोम पर गंभीर दबाव डाला है.
- इजरायल ने ईरान के परमाणु ठिकानों पर हवाई हमले किए हैं.
पिछले आठ दिनों से इजरायल और ईरान के बीच जंग जारी है. लेकिन आज तक जिस इजरायल के एयर डिफेंस सिस्टम- आयरन डोम की दुनिया में तूती बोलती थी, इन आठ दिनों में ईरान ने अपने मिसाइल हमलों से उसकी ऐसी परीक्षा ली है जो आजतक नहीं ली गई. जैसे-जैसे संघर्ष आठवें दिन तक बढ़ रहा है, इस आयरन डोम एयर डिफेंस सिस्टम के प्रदर्शन पर सवाल उठने लगे हैं. सवाल यह भी उठ रहा है कि क्या यह लंबी जंग की स्थिति का सामना कर सकता है.
अल जजीरा की रिपोर्ट के अनुसार, गुरुवार को ईरान ने हाइफा और तेल अवीव में सैन्य अड्डों पर मिसाइलों और ड्रोनों के साथ हमलों की एक नई लहर की पुष्टि की. इस माहौल में तनाव बढ़ गया और यह डर पैदा हो गया कि दबाव में इजरायल का यह एयर डिफेंस सिस्टम टूट सकता है, बेकार पड़ सकता है.
19 जून को, कथित तौर पर दक्षिणी इजरायल में सोरोका हॉस्पिटल सहित चार स्थानों पर हुए हमले हुए जिसके बाद इजरायल ने जवाबी हमले शुरू कर दिए. हवाई हमलों का लक्ष्य ईरान के परमाणु ठिकानों को निशाना बनाना था. इजरायली प्रधान मंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि वह अयातुल्ला खामेनेई पर हमले से इनकार नहीं कर रहे हैं. वहीं इजरायल के रक्षा मंत्री इजरायल काट्ज ने हॉस्पिटल पर हमले के लिए सीधे तौर पर ईरानी सुप्रीम लीडर को दोषी ठहराया.
क्या आयरन डोम नाकाम साबित हो रहा है?
एनडीटीवी से बात करते हुए, इजरायल डिफेंस एंड सिक्योरिटी फोरम (IDSF) के अध्यक्ष, रिटायर्ड ब्रिगेडियर जनरल अमीर अवीवी ने जोर देकर कहा कि भले एयर डिफेंस सिस्टम तनाव में दिखा है, लेकिन यह काफी हद तक बरकरार रहा. उन्होंने कहा कि यह सिर्फ आयरन डोम का काम नहीं था. उन्होंने इजरायल की अंतरिक्ष-आधारित मिसाइल डिफेंस सिस्टम का जिक्र करते हुए कहा, "बैलिस्टिक मिसाइलें - विशेष रूप से लंबी दूरी से दागी गई मिसाइलें - ज्यादातर एरो 3 द्वारा रोकी जाती हैं, जिसके बारे में उनका दावा है कि यह "90% से अधिक सफल है."
फिर भी, उन्होंने आगाह किया कि कोई भी सिस्टम फूलप्रूफ नहीं होता, यानी 100% सफल नहीं होता. उन्होंने कहा, "100% एक्यूरेसी तक पहुंचना कठिन है." उन्होंने कहा कि जब कोई मिसाइल भेज देती है, तो इजरायल की स्तरित रक्षा सक्रिय हो जाती है. उन्होंने नागरिकों को ऐसे मामलों में बंकरों का उपयोग करने की भी सलाह दी.
इस सवाल पर कि क्या आयरन डोम अभी भी भरोसेमंद है या क्या इजरायल को आयरन डोम के बाद के भविष्य के लिए तैयारी करनी चाहिए, अविवी ने कहा कि व्यापक एयर डिफेंस नेटवर्क के साथ यह सिस्टम विश्वसनीय है. उन्होंने कहा कि स्थिति सिर्फ एक सिस्टम के बारे में नहीं है, बल्कि विभिन्न खतरों का मुकाबला करने के लिए बहुस्तरीय रणनीति के बारे में है.
चूंकि इजरायल की रक्षा प्रणालियों का इम्तहान ईरान की मिसाइले ले रही हैं, अवीवी का सुझाव है कि आयरन डोम भले दबाव में है, लेकिन कम से कम अभी के लिए मोर्चा संभाल सकता है.
गौरतलब है कि गुरुवार को व्हाइट हाउस ने कहा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अगले दो हफ्तों में इस बात पर फैसला लेंगे कि अमेरिका को इजरायल-ईरान संघर्ष में सीधे तौर पर शामिल होना चाहिए या नहीं. इसमें कहा गया है कि बातचीत का रास्ता अभी भी खुला है.
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