Israel-Iran Conflict: यहूदी देश इजरायल ने एक बार फिर एक साथ अपने दुश्मनों को निपटाने का मन बना लिया है. सालों से अपने खिलाफ ज़हर उगल रहे देशों को मुंहतोड़ जवाब दे रहा है. पिछले साल 7 अक्तूबर के हमले के बाद से गाज़ा (7 October attack on Israel ) पर इजरायल का हमला जारी रहा और पूरी तरह से हमास (Hamas) का खात्मा करने तक युद्ध जारी रखने की बात इजरायल कहता आ रहा है. हमास के प्रमुख रहे इस्माइल हानिया को मारने के बाद से लेबनान में हिजबुल्लाह (Hizbullah) के विद्रोहियों पर इजरायल से अपना ध्यान केंद्रित किया. अब हिजबुल्लाह प्रमुख हसन नसरल्लाह (Hassan Nasarallah) का भी इजरायल से खात्मा कर दिया है. अपने दो बड़े विरोधी संगठनों के प्रमुखों के अंत के बाद भी इजरायल शांत नहीं है. उसका साफ कहना है कि हमास के बाद अब हिजबुल्लाह को पूरी तरह से साफ करना है. इजरायल ने साफ कर दिया है कि हिजबुल्लाह के लड़ाके जितना जल्दी समर्पण करेंगे उतना अच्छा होगा.
कड़ी सुरक्षा में रहता था नसरल्लाह
गौरतलब है कि इजरायल ने 32 साल में दूसरी बार हिजबुल्लाह के प्रमुख को अंजाम तक पहुंचा दिया है. 1992 में इजरायल ने तत्कालीन हिजबुल्लाह प्रमुख अब्बास अल-मुसावी को मारा था। इसके बाद महज 32 साल की उम्र में हसन नसरल्लाह को हिजबुल्लाह की कमान सौंपी गई थी। कहा जाता है कि 2006 के बाद से नसरल्लाह को कभी भी सार्वजनिक रूप से नहीं देखा गया है, वह केवल टीवी पर ही नज़र आता था। इतनी कड़ी सुरक्षा के बाद भी इजरायल ने लेबनान में एक 'ताकतवर' बम हमले में नसरल्लाह को मौत के घाट उतार दिया।
गुप्त मीटिंग के लिए इकट्ठा हुए थे हिजबुल्लाह के कई लीडर
खबरों से साफ है कि हिजबुल्लाह की टॉप लीडरशिप एक गुप्त मीटिंग कर रही थी ताकि इजरायल पर आगे के हमले की रणनीति तैयार हो लेकिन सटीक खुफिया जानकारी के सहारे इजरायल ने नसरल्लाह के साथ-साथ कई अहम हिजबुल्लाह के लीडर्स को इस हमले में मार दिया। बताया जा रहा है कि इजरायल ने हसन नसरल्लाह के ठिकानों को 80 टन बारूद से उड़ाया। नसरल्लाह की मौत के बाद उसके चचेरे भाई हाशेम सफीदीन को हिजबुल्लाह का प्रमुख बनाया गया है। अब इजरायल के निशाने पर हाशेम है। एयर स्ट्राइक के वक्त वह नसरल्लाह के साथ बंकर में मौजूद नहीं था।
(लेबनान में इजरायल के बड़े हमले की तस्वीर)
हिजबुल्लाह की टॉप लीडरशिप साफ
यह जानकारी निकलकर सामने आ रही है कि इजरायल ने लेबनान के बेरूत में किए गए हमले में हिजबुल्लाह के कई कमांडरों को एक साथ ढेर किया है. कहा जा रहा है कि हिजबुल्लाह की टॉप लीडरशिप मिटा दी गई है. खबरों के मुताबिक नसरल्लाह के अलावा इस हमले में मुहम्मद हुसैन सरूर, अली कराकी, इब्राहिम मुहम्मद कबीसी, इब्राहिम अकील, अबू हसन समीर, फुआद शुकर, मोहम्मद नासिर, तालेब सामी अब्दुल्ला, विस्सम अल तविल, हसन खलील यासीन आदि को भी निपटा दिया.
ईरान का टारगेट क्या
अब कहा जा रहा है कि इजरायल हिजबुल्लाह के साथ-साथ ईरान पर भी ध्यान दे रहा है. ईरान से भी हमास प्रमुख की हत्या के बाद से इजरायल की तनातनी चलती आ रही है. हिजबुल्लाह को भी ईरान का समर्थन रहा है इसके चलते भी इजरायल की ईरान से संबंधों में खटास बनी ही रही थी. कहा जा रहा है कि इसी के साथ ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई किसी सुरक्षित स्थान पर चले गए हैं. बताया जा रहा है कि उनकी सुरक्षा भी बढ़ा दी गई है. अयातुल्ला अली खामेनेई अभी कहां हैं इसके बारे में केवल चंद लोगों को ही जानकारी है.
ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई
पड़ोसी देशों से कैसे हैं इजरायल के संबंध
अब इस बारे में ब्रीफ जानकारी दे दें कि इजरायल के किन-किन देशों के साथ तनाव बना हुआ है. इजरायल का पड़ोसी मुल्कों से भी तनावपूर्ण संबंध बना रहा है. खासकर 1948 में इसके गठन के बाद से ही संबंध अच्छे नहीं रहे हैं. इसके आसपास के देशों के साथ ऐतिहासिक और राजनीतिक कारणों से संघर्ष होते रहे हैं। उल्लेखनीय है कि प्रमुख देशों के साथ इजरायल की तनातनी की स्थिति कुछ इस प्रकार है -
फिलिस्तीन
इजरायल और फिलिस्तीन के बीच दशकों से संघर्ष चल रहा है, मुख्यतः जमीन और येरूशलेम पर दावों को लेकर संबंध खराब बने हुए हैं। फिलिस्तीनी संगठन जैसे हमास और इजरायल के बीच लगातार संघर्ष होता रहा है।
लेबनान
इजरायल और लेबनान के बीच कई बार युद्ध हो चुका है। विशेष रूप से, इजरायल और लेबनान के भीतर सक्रिय हिज़्बुल्लाह संगठन के बीच दुश्मनी है, जो इजरायल पर अक्सर हमले करता है।
सीरिया
इजरायल और सीरिया के बीच लंबे समय से गोलान हाइट्स क्षेत्र को लेकर तनाव है। इजरायल ने 1967 के युद्ध में इस क्षेत्र के कुछ हिस्से पर कब्जा कर लिया था, और तब से यह तनावपूर्ण संबंध बना हुआ है।
ईरान
हालांकि ईरान इजरायल का पड़ोसी नहीं है, लेकिन दोनों देशों के बीच गहरी दुश्मनी है। ईरान इजरायल को मान्यता नहीं देता और इसे समाप्त करने की बात करता रहा है। इजरायल भी ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर चिंता में रहता है।
जॉर्डन और मिस्र
इजरायल का जॉर्डन और मिस्र के साथ शांति समझौता हो चुका है. ये समझौता मिस्र के साथ 1979 में और जॉर्डन के साथ 1994 में हुआ। हालांकि, पहले इन देशों के साथ भी युद्ध हो चुके हैं, लेकिन अब उनके साथ इजरायल के कूटनीतिक संबंध हैं।
गाजा पट्टी और वेस्ट बैंक
गाजा पट्टी पर फिलिस्तीनी संगठन हमास का नियंत्रण है, जो अक्सर इजरायल के साथ संघर्ष में रहा. 7 अक्टूबर के हमले के बाद से सबसे पहले इजरायल ने यहां भयंकर तबाही मचाई और हजारों हमास के लड़ाकों को मौत के घाट उतार दिया. इस युद्ध में हजारों आम नागरिकों की भी मौत हो चुकी है.
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