दुखी हूं, आतंकवाद जैसी बुराई के खिलाफ आज और हमेशा आपके साथ खड़ा हूं : इजरायल में बोले ऋषि सुनक

इजरायल के दौरे पर पहुंचने के बाद कई अहम मुद्दों पर चर्चा कर सकते हैं ब्रिटेन के पीएम ऋषि सुनक. ऋषि सुनक से पहले अमेरिका के राष्ट्रपति भी गए थे इजरायल.

नई दिल्ली:

इजरायल-हमास के बीच बीते कई दिनों से युद्ध जारी है. इजरायल ने बीते कुछ दिनों में गाजा पट्टी पर अपने हमले को तेज किया है. अभी तक मिली जानकारी के अनुसार इजरायल उन इलाकों को खास तौर पर अपना निशाना बना रहा है जहां हमास के आतंकियों के छिपे होने की संभावना है. इजरायल और हमास के बीच जारी युद्ध से दुनिया के अलग-अलग देश भी चिंतित है. यही वजह है कि अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने बुधवार को इजरायल पहुंचे थे. अब आज यानी गुरुवार को यूके के पीएम ऋषि सुनक भी इजरायल पहुंचे हैं. जो बाइडेन के बाद ऋषि सुनक की इस इजरायल यात्रा का बेहद खास माना जा रहा है.

ऋषि सुनक बोले- "दुखी हूं"

मैं इज़रायल में हूं, शोक में डूबा एक राष्ट्र. मैं भी आपके साथ शोकाकुल और आतंकवाद जैसी बुराई के ख़िलाफ़ आपके साथ खड़ा हूं. आज और हमेशा.

बाइडेन भी गए थे इजरायल

बता दें कि अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन बुधवार को इजरायल पहुंचे थे. उनके स्वागत के लिए पीएम नेतन्याहू खुद एयरपोर्ट पर मौजूद थे. जो बाइडेन ने पीएम नेतन्याहू के साथ बैठक के बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस भी की थी. इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने हमास को एक क्रूर आतंकी संगठन बताया था. साथ ही उन्होंने कहा था कि हमास इजरायल पर जिस तरह से हमला किया वो मानवता के खिलाफ है. 

गाजा में है सुरगों को जाल

गौरतलब है कि हमास और इजरायली सेना के बीच विषमताओं के बावजूद, एक सीक्रेट टूल सुरंग है, जिसका उपयोग हमास घात लगाने के लिए कर सकता है और इसके सहारे ही अपने लड़ाकों के लिए हथियारों की आपूर्ति सुनिश्चित कर सकता है. भूमिगत युद्ध या सुरंग युद्ध किसी भी प्रारंभिक सभ्यता जितना ही पुराना है. आधुनिक युद्ध में भी इसका इस्तेमाल बड़े स्तर पर किया जाता है. हमास का सुरंग नेटवर्क भी बहुत ही मजबूत माना जाता है. एक्सपर्ट्स के मुताबिक इजरायल अगर जमनी युद्ध करता है तो दुश्मन से लड़ना उसके लिए आसान नहीं होगा.  

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सुरंगों का उपयोग 66 से 70वीं ईसवी तक रोमन सेनापतियों के खिलाफ यहूदी विद्रोह से लेकर वियतनाम युद्ध तक किया गया था. कम्युनिस्ट वियतनाम कांग्रेस से लड़ने या तोरा बोरा की लड़ाई के दौरान अफगानिस्तान में अल कायदा से लड़ने तक, सदियों से, सुरंगें छिपने की सबसे बढ़िया जगह रही हैं. दुश्मन पर घात लगाकर हमला करने के लिए सुरंगें अहम भूमिका निभाती हैं.