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हमले के बाद ईरान की प्रतिक्रिया के लिए तैयार इजराइल, पेंटागन ने दी ये चेतावनी... 10 प्वॉइंट्स में समझें

इजराइल ने कहा कि उसने सटीक हमले किए हैं. वहीं ईरान ने शुरू में दावा किया कि राजधानी तेहरान में हुए विस्फोट वायु रक्षा प्रणालियों के सक्रिय होने की वजह से हुए लेकिन बाद में उसने माना कि हमलों से सैन्य स्थानों को कुछ हद तक नुकसान हुआ है.

हमले के बाद ईरान की प्रतिक्रिया के लिए तैयार इजराइल, पेंटागन ने दी ये चेतावनी...  10 प्वॉइंट्स में समझें
(फाइल फोटो)
नई दिल्ली:

इजराइल ने 1 अक्टूबर को ईरान से हुए बैलिस्टिक मिसाइल हमले का बदला लेने के लिए लगभग चार हफ्तों तक इंतजार किया. शनिवार को इजराइली लड़ाकू विमानों ने 1,000 किलोमीटर से अधिक की उड़ान भरी और तेहरान और आसपास के प्रांतों में सैन्य ठिकानों पर "सटीक हमले" किए.

इन 10 प्वॉइंट्स में समझें

  1. एफ-35 स्टील्थ फाइटर्स समेत 100 से ज़्यादा इज़रायली लड़ाकू विमानों ने सुबह होने से ठीक पहले मिशन के लिए उड़ान भरी. उन्होंने 1,000 किलोमीटर तक उड़ान भरी और ईरान के रडार और वायु रक्षा प्रणालियों पर हमला करके उन्हें रक्षाहीन बना दिया और मिसाइल निर्माण इकाई सहित अन्य सैन्य स्थानों पर हमला किया.

  2. इजराइल ने कहा कि उसने सटीक हमले किए हैं. वहीं ईरान ने शुरू में दावा किया कि राजधानी तेहरान में हुए विस्फोट वायु रक्षा प्रणालियों के सक्रिय होने की वजह से हुए लेकिन बाद में उसने माना कि हमलों से सैन्य स्थानों को कुछ हद तक नुकसान हुआ है. इन हमलों में दो ईरानी सैनिक मारे गए.
  3. ईरान की अर्ध-सरकारी तस्नीम समाचार एजेंसी ने सरकार के सूत्रों का हवाला देते हुए बताया कि "हम किसी भी इजरायली "आक्रमण" का जवाब देने के लिए तैयार हैं. उन्होंने कहा कि "इसमें कोई संदेह नहीं है कि इजरायल को किसी भी कार्रवाई के लिए आनुपातिक प्रतिक्रिया का सामना करना पड़ेगा." इजरायली सेना ने ईरान को चेतावनी दी है कि अगर उसने नए दौर की शुरुआत की तो उसे "भारी कीमत" चुकानी पड़ेगी.
  4. अमेरिका ने इजराइल के हमलों को आत्मरक्षा का प्रयास बताया है और तेहरार से आगे और अधिक तनाव न बढ़ाने का आग्रह किया है. अमेरिकी सरकार के सूत्रों के हवाले से एएफपी ने बताया कि अमेरिका को इजराइल ने हमलों के बारे में पहले ही बता दिया था और हमलों में वॉशिंगटन की कोई संलिप्तता नहीं है. इस बीच अमेरिकी रक्षा सचिव लॉयड जे ऑस्टिन ने चेतावनी देते हुए कहा, "ईरान को इजराइल के हमलों का जवाब देने की गलती नहीं करनी चाहिए क्योंकि इससे इन हमलों का अंत हो जाना चाहिए."
  5. इजराइल ने अपने चुने हुए समय पर हमला किया, इस प्रतिशोधात्मक कदम से क्षेत्र में अस्थिरता की स्थिति पैदा हो गई है, जिसकी क्षेत्र के अंदर और बाहर के देशों ने निंदा की है. हमास, इराक, पाकिस्तान, सीरिया और सऊदी अरब ने हमलों की निंदा की. तुर्की ने एक कदम आगे बढ़कर कहा कि "इजरायल द्वारा बनाए गए आतंक" को खत्म किया जाना चाहिए.
  6. रूस ने दोनों पक्षों को संयम बरतने और विनाशकारी परिदृश्य से बचने के लिए कहा. मास्को पिछले दो सालों से यूक्रेन के साथ युद्ध में उलझा हुआ है लेकिन तनाव कम होने का कोई संकेत नहीं मिला है. भारत ने कहा कि वह "पश्चिम एशिया में बढ़ते तनाव और क्षेत्र तथा उससे परे शांति और स्थिरता पर इसके प्रभाव से बहुत चिंतित है."
  7. एनडीटीवी के साथ एक इंटरव्यू में, भारत में इजरायल के राजदूत, रियुवेन अजार ने कहा, "इजरायल ने जो किया वह एक बहुत ही सटीक हमला था, जिसने ईरान की वायु रक्षा प्रणालियों को नष्ट कर दिया, और उनके मिसाइल और ड्रोन कार्यक्रमों से जुड़े सैन्य प्रतिष्ठानों को निशाना बनाया. यहां संकेत बहुत स्पष्ट है: इजरायल प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से ईरान द्वारा हमला जारी रखने के लिए सहमत नहीं होगा."
  8. लेबनान ने आज दक्षिणी बेरूत पर इजरायली हमले की सूचना दी, जिसके बाद इजरायली सेना ने लोगों को घरों से निकालने का आदेश जारी किया. लेबनान की राष्ट्रीय समाचार एजेंसी ने कहा कि इजरायल ने "बेरूत के दक्षिणी उपनगरों को निशाना बनाया". इजरायली सेना ने पहले लेबनान की राजधानी के दक्षिणी उपनगरों में दो पड़ोस के निवासियों से अपने घरों को खाली करने का आग्रह किया था.
  9. इजराइल ने सीरिया पर भी हमला किया. राजधानी दमिश्क में धमाकों की आवाजें सुनी गईं है. सीरियाई अधिकारियों ने कहा कि इजराइल ने कब्जे वाले गोलान हाइट्स और लेबनान के कुछ हिस्सों से हमले शुरू किए, जिससे उन्हें हवाई रक्षा प्रणाली सक्रिय करनी पड़ी. सीरिया ईरान के नेतृत्व वाले 'एक्सिस ऑफ रेजिस्टेंस' का हिस्सा है, जो शिया मिलिशिया और राजनीतिक समूहों का एक समूह है, जो इस क्षेत्र में इजराइल और अमेरिका के खिलाफ है.
  10. हमलों के बाद तीन देशों के हवाई क्षेत्र को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया था. ईरान, इराक और सीरिया ने नागरिक उड्डयन की सुरक्षा को बनाए रखने के लिए हमले के जवाब में हवाई क्षेत्र को बंद कर दिया. हमलों के बाद हवाई क्षेत्र को प्रतिबंधित करना सुरक्षा कारणों से राज्यों की मानक संचालन प्रक्रियाओं का हिस्सा है ताकि क्षेत्र में दुश्मन के विमानों की घुसपैठ को रोका जा सके और वायु रक्षा प्रणालियों के लिए हवाई क्षेत्र में मित्र विमानों की पहचान करना आसान हो सके.

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