
ईरान ने आखिरकार कबूल कर लिया है कि अमेरिकी हमलों में उसके परमाणु ठिकानों को बुरा नुकसान हुआ है. ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता इस्माइल बाघेई की तरफ से बुधवार को इसकी पुष्टि की गई है. हालांकि उन्होंने इस बारे में विस्तार से जानकारी देने से इनकार कर दिया कि यह नुकसान कैसा है और किस हद का हुआ है. अमेरिका ने रविवार 22 जून को बी-2 बॉम्बर्स और बंकर बस्टर बमों की मदद से ईरान के परमाणु अड्डों को निशाना बनाया था.
प्रवक्ता का बड़ा बयान
अल जजीरा के साथ एक खास बातचीत में बाघेई ने परमाणु ठिकानों को नुकसान पहुंचने की बात मानी. लेकिन और कोई भी जानकारी देने से इनकार कर दिया. उनके शब्दों में, ' बिल्कुल! हमारे परमाणु ठिकानों को काफी नुकसान हुआ है.' इस बीच, इजरायल और ईरान के बीच हुआ संवेदनशील युद्धविराम बुधवार को कायम होता नजर आया. इसके बाद उम्मीदें बढ़ी हैं कि इससे क्षेत्र में लंबी शांति आ सकती है. हालांकि तेहरान इस बात पर जोर दे रहा है कि वह अपने परमाणु कार्यक्रम को नहीं छोड़ेगा.
दोनों देशों के बीच जारी युद्धविराम
इजरायल और ईरान के बीच युद्ध के 12वें दिन मंगलवार को सीजफायर लागू हुआ है. शुरुआत में दोनों पक्षों ने शुरू में एक दूसरे पर इसका उल्लंघन करने का आरोप लगाया. लेकिन अंत में मिसाइलों, ड्रोनों और बमों का हमला आखिरकार बंद हो गया. बुधवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने नीदरलैंड में नाटो शिखर सम्मेलन में मीडिया से कहा कि यह 'बहुत अच्छी तरह से' चल रहा है. ट्रंप ने ईरान के बारे में कहा, 'उनके पास बम नहीं होगा और वे संवर्धन नहीं करेंगे.'
'परमाणु कार्यक्रम नहीं छोड़ेंगे'
दूसरी तरफ ईरान ने जोर देकर कहा है कि वह अपने परमाणु कार्यक्रम को नहीं छोड़ेगा. एक वोट में ईरान की संसद ने एक प्रस्ताव को तेजी से आगे बढ़ाने पर सहमति जताई है. ईरान की संसद ने बुधवार को इंटरनेशनल एटॉमिक एनर्जी एसोसिएशन (IAEA) के साथ अपने रिश्ते तोड़ लिए हैं. ईरान की तरफ से यह कदम इजरायल और फिर अमेरिका की तरफ से हुए हमलों के बाद उठाया गया है. इजरायल ने कहा था कि वह अपने कट्टर दुश्मन को परमाणु हथियार विकसित करने से रोकेगा और उसे कभी परमाणु शक्ति से लैस नहीं होने देगा.
ट्रंप बोले, परमाणु कार्यक्रम नष्ट
अमेरिका ने हमलों में ईरान के तीन परमाणु ठिकाने शामिल थे, नतांज, फोर्डो और इस्फहान, जिनके बारे में ट्रंप ने कहा कि इससे देश का परमाणु कार्यक्रम 'पूरी तरह से नष्ट' हो गया. मीडिल ईस्ट में ट्रंप के खास दूत, स्टीव विटकॉफ ने मंगलवार देर रात फॉक्स न्यूज पर कहा कि इजरायल और अमेरिका ने अब ईरान में 'संवर्धन क्षमता के पूर्ण विनाश' के अपने मकसद को हासिल कर रहे हैं. साथ ही वार्ता के लिए ईरान की शर्त भी पूरी हो गई है जिसमें इजरायल से हमले बंद करने के लिए कहा गया था.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं