इस्लामाबाद: इस्लामाबाद उच्च न्यायालय तोशाखाना भ्रष्टाचार मामले में दोषी करार दिए गए और जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की एक अपील पर अगले हफ्ते सुनवाई करेगा. खान (70) को राजकीय उपहारों की बिक्री से प्राप्त आय छिपाने के मामले में पांच अगस्त को एक सत्र अदालत ने तीन साल जेल की सजा सुनाई थी.
पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के अध्यक्ष खान फिलहाल पंजाब प्रांत की अटक जेल में बंद हैं. पूर्व क्रिकेटर ने अपनी सजा को इस्लामाबाद उच्च न्यायालय में चुनौती दी है, जिसने उनकी अपील पर सुनवाई करने के लिए मुख्य न्यायाधीश आमिर फारूक और न्यायमूर्ति तारिक महमूद जहांगीरी की एक खंडपीठ का गठन किया. पीठ 22 अगस्त को सुनवाई शुरू कर सकती है.
अपील के मुताबिक, खान के वकील निचली अदालत में पाकिस्तान निर्वाचन आयोग (ईसीपी) के वकील की अंतिम दलीलों का खंडन नहीं कर सके क्योंकि पूर्व प्रधानमंत्री इसे चुनौती देने की की तैयारी कर रहे थे और मामले को दूसरी अदालत में स्थानांतरित करने के लिए एक और अर्जी दायर की थी.
याचिका में कहा गया है कि निचली अदालत ने खान को दोषी ठहराया क्योंकि उसने पहले से ऐसा करने का मन बना रखा था और उनपर एक लाख पाकिस्तानी रुपये का जुर्माने लगाया तथा तीन साल कैद की सज़ा सुनाई. निचली अदालत के फैसले का यह भी मतलब है कि खान आम चुनाव लड़ने से अयोग्य हो गए हैं. तोशाखाना मामला अक्टूबर 2022 में चुनाव आयोग द्वारा दायर किया गया था, जिसने पूर्व में खान को संपत्ति छुपाने के लिए अयोग्य घोषित कर दिया था.
इससे पहले नौ मई को, अल कादिर ट्रस्ट भ्रष्टाचार मामले में इस्लामाबाद उच्च न्यायालय परिसर में खान को गिरफ्तार कर लिया था, जिसके बाद पूरे मुल्क में प्रदर्शन हुए थे. खान के खिलाफ देशभर में 140 से ज्यादा मामले दर्ज हैं तथा उनपर आतंकवाद, हिंसा, ईशनिंदा, भ्रष्टाचार और हत्या के आरोप हैं.
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