प्रतीकात्मक तस्वीर
नई दिल्ली:
सीरिया के शहर रक्का में इस्लामिक स्टेट के आतंकी ने सरेआम अपनी मां का कत्ल कर दिया। उसकी मां का दोष बस इतना था कि उसने अपने बेटे को आईएस से संबंध तोड़ लेने को कहा था। सीरिया में मानवाधिकारों पर नजर रखने वाली संस्था ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
महिला ने अपने बेटे को चेतावनी दी थी कि अमेरिका के समर्थन वाली गठबंधन सेना इस्लामिक स्टेट को उखाड़ फेंकेगी, उसने अपने बेटे को खुद के साथ ही शहर छोड़ने को भी कहा था।
शख्स ने जब अपने संगठन को मां की कही बातों के बारे में बताया तो उसकी मां को पकड़ लिया गया। ब्रिटेन आधारित निगरानी संस्था ने यह जानकारी दी।
स्थानीय सूत्रों के हवाले से संस्था ने बताया कि 20 वर्षीय आतंकी ने बुधवार को रक्का में सैकड़ों लोगों के सामने अपनी मां का कत्ल कर दिया, वो भी उसी पोस्ट ऑफिस के सामने जहां वो काम किया करती थी।
सीरिया और इराक के बड़े इलाकों पर कब्जा जमाए इस्लामिक स्टेट अपने दुश्मनों की मदद करने के आरोप में या इस्लाम की अपनी दकियानूसी व्याख्या के आधार पर सैकड़ों लोगों को मौत के घाट उतार चुका है।
निगरानी संस्था ने 29 दिसंबर को बताया था कि इस्लामिक स्टेट पिछले 18 महीनों में 2000 से भी ज्यादा सीरियाई नागरिकों को मौत के घाट उतार चुका है। आपको बता दें कि 18 महीने पहले ही इस आतंकी संगठन ने सीरिया और इराक के अपने कब्जे वाले इलाकों में अपनी हुकूमत घोषित कर दी थी। समलैंगिकता, जादू-टोना और धर्म परिवर्तन के नाम पर भी लोगों की हत्याएं की गईं।
हालांकि हालिया रिपोर्ट की पुष्टि स्वतंत्र रूप से कर पाना संभव नहीं था।
महिला ने अपने बेटे को चेतावनी दी थी कि अमेरिका के समर्थन वाली गठबंधन सेना इस्लामिक स्टेट को उखाड़ फेंकेगी, उसने अपने बेटे को खुद के साथ ही शहर छोड़ने को भी कहा था।
शख्स ने जब अपने संगठन को मां की कही बातों के बारे में बताया तो उसकी मां को पकड़ लिया गया। ब्रिटेन आधारित निगरानी संस्था ने यह जानकारी दी।
स्थानीय सूत्रों के हवाले से संस्था ने बताया कि 20 वर्षीय आतंकी ने बुधवार को रक्का में सैकड़ों लोगों के सामने अपनी मां का कत्ल कर दिया, वो भी उसी पोस्ट ऑफिस के सामने जहां वो काम किया करती थी।
सीरिया और इराक के बड़े इलाकों पर कब्जा जमाए इस्लामिक स्टेट अपने दुश्मनों की मदद करने के आरोप में या इस्लाम की अपनी दकियानूसी व्याख्या के आधार पर सैकड़ों लोगों को मौत के घाट उतार चुका है।
निगरानी संस्था ने 29 दिसंबर को बताया था कि इस्लामिक स्टेट पिछले 18 महीनों में 2000 से भी ज्यादा सीरियाई नागरिकों को मौत के घाट उतार चुका है। आपको बता दें कि 18 महीने पहले ही इस आतंकी संगठन ने सीरिया और इराक के अपने कब्जे वाले इलाकों में अपनी हुकूमत घोषित कर दी थी। समलैंगिकता, जादू-टोना और धर्म परिवर्तन के नाम पर भी लोगों की हत्याएं की गईं।
हालांकि हालिया रिपोर्ट की पुष्टि स्वतंत्र रूप से कर पाना संभव नहीं था।
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