आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) ने उत्तरी इराक में बंधक बनाए गए यजीदी समुदाय के 200 लोगों को रिहा कर दिया है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, कुर्द सूत्रों ने बताया कि 200 लोगों को कई महीनों तक किरकुक में बंधक बना कर रखा गया था। इन्हें शनिवार को रिहा कर दिया गया।
आईएस के नियंत्रण वाले इलाके से निकलने के बाद रिहा किए गए लोगों को किरकुक में कुर्द अधिकारियों ने अपने कब्जे में ले लिया। अभी तक हालांकि, यह साफ नहीं हो पाया है कि आतंकवादियों ने इन्हें रिहा क्यों किया है।
रिहा किए गए लोगों में ज्यादातर बुजुर्ग और बीमार शामिल हैं। पहले अनुमान लगाया गया था कि रिहा किए गए यजीदियों की संख्या 350 है, लेकिन बाद में मीडिया रपटों में बताया गया कि आईएस ने 200 लोगों को रिहा किया है। रिहा किए गए लोगों में कुछ लोग बीमार भी थे।
कुर्द पेशमरगा बल के लोग रिहा किए गए सभी बंधकों को सीधे इलाज के लिए एक स्वास्थ्य केंद्र ले गए। आईएस द्वारा रिहा किए गए यजीदियों में से एक ने कहा कि जब आतंकवादियों ने उन्हें बस में चढ़ने के लिए कहा तो उनमें से कुछ डर रहे थे कि उन्हें मौत के घाट उतारने के लिए ले जाया जा रहा है।
उन्हें हालांकि, इस्लामिक स्टेट के नियंत्रण वाले हाविजा और कुर्द शहर किरकुक की सीमा पर छोड़ दिया गया। यजीदियों की रिहाई के कारणों का अभी तक कुछ पता नहीं चल पाया है। कुर्द पेशमरगा बलों ने पिछले माह उत्तर पश्चिम इराक से इस्लामिक स्टेट के आतंकवादियों को खदेड़ दिया था और सिंजर पहाड़ी को आईएस के कब्जे से मुक्त करा लिया था। सिंजर पहाड़ी पर हजारों यजीदी महीनों से फंसे थे।
अभी भी कई यजीदी गांव आईएस के नियंत्रण में हैं। यजीदी महिलाओं और लड़कियों को आईएस द्वारा शादी करने के लिए मजूबर किया जाता है अथवा गुलामी के लिए बेच दिया जाता है। यजीदी समुदाय का अनुमान है कि तकरीबन 3,000 यजीदी महिलाएं और बच्चे आईएस के कब्जे में हैं।
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