
इंडोनेशिया का माउंट सिनाबुंग ज्वालामुखी सोमवार को फिर से भभक उठा, इसके चलते बड़ी मात्रा में राख और करीब पांच हजार मीटर (16,400 फीट)की ऊंचाई तक धुआं उठता देखा गया. मलबे की मोटी परत फैलने से आसपास के इलाके अंधेरे से घिर गए.सुमात्रा द्वीप पर ज्वालामुखी 2010 से भड़क रहा है और 2016 में एक घातक धमाका हुआ था. सोमवार सुबह हुए ब्लास्ट में किसी के भी घायल होने या जान गंवाने की रिपोर्ट नहीं है हालांकि अधिकारियों ने तेजी से लावा निकलने तथा और विस्फोट होने की चेतावनी जारी की है.
Pray for Indonesia. Mount Sinabung Volcano. #Indonesia pic.twitter.com/vpTc0TRMjs
— sudhansu.f (@isudhans) August 10, 2020
इंडोनेशिया के वॉल्केनोलॉजी और जियोलॉजिकल हेजाड मिटिगेशन सेंटर के एक स्थानीय अधिकारी एरमेन पुतेरा ने कहा, 'सिनाबुंग के रेड जोन से बचने के लिए हम सभी के लिए चेतावनी जारी कर रहे हैं.' हालांकि इसके कारण आसपास के इलाकों में राख की मोटी परत सी फैले गई, इसके कारण कम से एकम एक गांव में दिन में ही रात जैसा नजारा पैदा हो गया. नामानतेरान गांव के प्रमुख रेनकाना सितेप ने कहा, 'जब राख आई. जब यह चमकीले से गहरे रंग में बदलकर वातावरण पर छा गई तो ऐसा लगा जैसे रात का अंधेरा छा गया है.' उन्होंने बताया कि इसके चलते फसल को काफी नुकसान पहुंचा है.
कोरोना वायरस की महामारी ने स्थिति को और गंभीर कर दिया क्योंकि डरे लोगों की ओर से सुरक्षा के नियमों की अनदेखी की गई. स्थानीय आपदा एजेंसी के प्रमुख ने बताया, 'ज्वालामुधी के धधकने के बाद स्थानीय लोग बिना फेस मास्क के एकत्रित हो गए क्योंकि वे अफरातफरी और डर का माहौल व्याप्त हो गया था.' गौरतलब है कि करीब 400 वर्ष तक सुप्त अवस्था में रहने के बाद सिनाबुंग 2010 में पहली बार भभक उठा था. बाद में 2013 में भी यह भभका था, इसके बाद से यह बहुत अधिक सक्रिय बना हुआ है. 2016 में सात लोगों को जान गंवानी पड़ी थी जबकि 2014 में ऐसी ही घटना में 16 लोगों की जान गई थी.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं