नई दिल्ली:
भारत और जापान एक असैन्य परमाणु सहयोग समझौते को अंतिम रूप देने के करीब पहुंच चुके हैं। यह जानकारी जापान के पूर्व प्रधानमंत्री युकियो हातोयामा ने दी। जापान की सत्तारूढ़ पार्टी डेमोकैट्रिक पार्टी ऑफ जापान के प्रमुख नेता हातोयामा ने बताया, भारत और जापान एक ऐसे मंच पर आ चुके हैं जहां परमाणु सहयोग समझौते को अंतिम रूप दिया जा सके। उन्होंने उम्मीद जताई कि भारत परमाणु परीक्षण पर एकतरफा स्थगन के वादे पर कायम रहेगा और इस संबंध में जापानी लोगों की भावनाओं का ख्याल रखेगा। उल्लेखनीय है कि जापान परमाणु हमले का दंश झेलने वाला एकमात्र देश है। परमाणु बिजली उत्पादन बढ़ाने के लिए भारत की महत्वाकांक्षी योजनाओं की सफलता के लिए भारत-जापान असैन्य परमाणु समझौता काफी अहम है। भारत में परमाणु संयंत्र लगाने की इच्छुक कुछ अमेरिकी कंपनियों का स्वामित्व जापानी कंपनियों के पास है जो जापानी कानूनों से शासित होती हैं। हातेयामा ने भारत-जापान ग्लोबल पार्टनरशिप शिखर सम्मेलन 2011 की घोषणा भी। यह सम्मेलन गैर सरकारी संगठन इंडिया सेंटर फाउंडेशन के प्रयासों से टोक्यो में सितंबर में आयोजित किया जाएगा। इस अवसर पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के तकनीकी मामलों के विशेष सलाहकार सैम पित्रोदा भी उपस्थित थे। जापान के पूर्व प्रधानमंत्री ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री आनन्द शर्मा से भी मुलाकात की। परमाणु समझौते के लिए बातचीत पिछले साल 28 जून को शुरू हुई जब जापान और भारत के अधिकारियों ने तोक्यो में पहले दौर की एक बैठक की।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं
परमाणु, करार, भारत, जापान