
नई दिल्ली:
लद्दाख के चुमार सेक्टर में चीनी सैनिकों की घुसपैठ की ताजा खबरों के बीच 3,500 किलोमीटर लंबी विवादित सीमा पर शांति सुनिश्चित कराने के लिए भारत और चीन के बीच मंगलवार को दो दिवसीय वार्ता शुरू हुई।
भारतीय पक्ष द्वारा अप्रैल में चीनी घुसपैठ और तीन सप्ताह लंबे गतिरोध के साथ ही हाल ही में चुमार सेक्टर के गतिरोध का मुद्दा उठाए जाने की उम्मीद है।
भारत-चीन सीमा मामलों पर परामर्श और समन्वय के लिए कार्यतंत्र की यह तीसरी बैठक है। भारतीय पक्ष का नेतृत्व विदेश विभाग में संयुक्त सचिव (पूर्वी एशिया) गौतम बंबावाले कर रहे हैं। प्रतिनिधिमंडल में रक्षा और गृह मंत्रालय के अधिकारी भी शामिल हैं।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सैयद अकबरुद्दीन ने कहा कि यह बैठक दोनों पक्षों की नियमित बैठकों का एक हिस्सा है। ऐसी पहली बैठक मार्च 2012 में और अंतिम बैठक उसी वर्ष नवंबर में हुई थी।
खबरों के अनुसार चीनी सेना ने तीन अवसरों 16,17 और 20 जुलाई को चुमार सेक्टर में नियंत्रण रेखा को पार किया। एक अवसर पर उन्होंने एक पोस्टर लहराया जिस लिखा था कि भारतीय सेना चीनी क्षेत्र को खाली कर दे।
चुमान क्षेत्र में सड़कों और निगरानी टॉवरों के लिहाज से भारत की स्थिति मजबूत है, इसलिए चीन नाखुश है।
इससे पहले चीनी सेना ने 15 अप्रैल को लद्दाख के देपसांग इलाके में घुसपैठ की थी। इसको लेकर दोनों पक्षों के बीच तनाव बहुत बढ़ गया था।
भारतीय पक्ष द्वारा अप्रैल में चीनी घुसपैठ और तीन सप्ताह लंबे गतिरोध के साथ ही हाल ही में चुमार सेक्टर के गतिरोध का मुद्दा उठाए जाने की उम्मीद है।
भारत-चीन सीमा मामलों पर परामर्श और समन्वय के लिए कार्यतंत्र की यह तीसरी बैठक है। भारतीय पक्ष का नेतृत्व विदेश विभाग में संयुक्त सचिव (पूर्वी एशिया) गौतम बंबावाले कर रहे हैं। प्रतिनिधिमंडल में रक्षा और गृह मंत्रालय के अधिकारी भी शामिल हैं।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सैयद अकबरुद्दीन ने कहा कि यह बैठक दोनों पक्षों की नियमित बैठकों का एक हिस्सा है। ऐसी पहली बैठक मार्च 2012 में और अंतिम बैठक उसी वर्ष नवंबर में हुई थी।
खबरों के अनुसार चीनी सेना ने तीन अवसरों 16,17 और 20 जुलाई को चुमार सेक्टर में नियंत्रण रेखा को पार किया। एक अवसर पर उन्होंने एक पोस्टर लहराया जिस लिखा था कि भारतीय सेना चीनी क्षेत्र को खाली कर दे।
चुमान क्षेत्र में सड़कों और निगरानी टॉवरों के लिहाज से भारत की स्थिति मजबूत है, इसलिए चीन नाखुश है।
इससे पहले चीनी सेना ने 15 अप्रैल को लद्दाख के देपसांग इलाके में घुसपैठ की थी। इसको लेकर दोनों पक्षों के बीच तनाव बहुत बढ़ गया था।
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