भारत (India) उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (Production Linked Incentive Scheme, PLI) योजना का फायदा उठाकर अगर चीन (China) से होने वाले आयात पर अपनी निर्भरता को 50 प्रतिशत तक कम करने में सफल रहता है, तो उसके सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में 20 अरब डॉलर की बढ़ोतरी हो सकती है. SBI Research की मंगलवार को जारी रिपोर्ट ‘इकोरैप' में यह अनुमान जताया गया. इंडिया इंफोलाइन के अनुसार आयात पर यह रिपोर्ट कहती है कि भारत का चीन के साथ व्यापार घाटा वित्त वर्ष 2020- 2021 में कम हुआ है लेकिन हमारे कुल मर्चेंडाइज़ (merchandise ) आयात में चीन का हिस्सा फिलहाल 16.5% प्रतिशत का है. वित्त वर्ष 2021- 2022 में पर्सनल कंप्यूटर, टेलिफोन के पार्ट और टेलीग्राफ के उपकरण, इलेक्ट्रॉनिक इंटीग्रेटिड सर्किट, सोलर सेल, यूरिया और माइक्रो अलेंबलीज़ लीथियम आयन और डायमोनियम फॉस्फेट जैसे सामानों का इंपोर्ट अधिक हुआ. इलेक्ट्रिक और इलेक्ट्रॉनिक इंपोर्ट पर के मामले में चीन पर निर्भरता बहुत अधिक है. यहा तक कि चीन से करीब इन सामानों का 48% आयात होता है.
रिपोर्ट कहती है कि वर्ष 2020-21 में चीन से किए गए 65 अरब डॉलर के आयात में करीब 39.5 अरब डॉलर मूल्य जिंसों एवं उत्पादों का रहा था. भारत ने कपड़ा, कृषि उत्पाद, इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पाद, फार्मा एवं रसायन क्षेत्रों में उत्पादन बढ़ाने के लिए पीएलआई योजनाओं की घोषणा की है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि ‘‘अगर PLI योजनाओं की वजह से हम चीन से होने वाले आयात को 20 प्रतिशत तक भी कम कर पाने में सफल रहते हैं, तो हम अपनी जीडीपी में आठ अरब डॉलर की वृद्धि कर लेंगे। वहीं चीन पर आयात निर्भरता में 50 फीसदी कमी होने पर हमारी जीडीपी में 20 अरब डॉलर की वृद्धि हो जाएगी.''
चालू वित्त वर्ष की पहली तीन तिमाहियों में भारत ने चीन से 68 अरब डॉलर मूल्य के उत्पादों का आयात किया है.
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