
अनिल वन्नावल्ली को अद्भुत साहस दिखाने के लिए अमेरिकी पुलिस ने पुरस्कार दिया है.(फाइल फोटो)
न्यूयॉर्क:
भारतीय मूल के एक व्यक्ति को उसके साहस के लिए अमेरिका की पुलिस ने पुरस्कार दिया है जो अपनी सहकर्मी की जान आने वाली ट्रेन से बचाने के लिए ट्रैक पर कूद गया लेकिन इसी दौरान प्लेटफॉर्म पर पड़े हुए उसके बैग को किसी ने चुरा लिया. न्यूयॉर्क पोस्ट की खबर के मुताबिक डेटा एडमिनिस्ट्रेटर अनिल वन्नावल्ली काम के सिलसिले में शुक्रवार को मैनहट्टन जाने के लिए ट्रेन का इंतजार कर रहे थे. तभी उनकी 26 वर्षीय सहकर्मी माधुरी रिचरला एडिसन स्टेशन पर ट्रैक पर गिर गई.
पुलिस ने बताया कि 10 साल पहले भारत से आए वन्नावल्ली अपना बैग ट्रेन प्लेटफॉर्म पर छोड़कर अन्य यात्रियों के साथ अपने सहकर्मी को आने वाली ट्रेन से बचाने के लिए ट्रैक पर उतर गए. जब वन्नावल्ली अपने सहकर्मी को बचाने का प्रयास कर रहे थे, तभी किसी ने उनका बैग चुरा लिया. बैग में 700 अमेरिकी डॉलर मूल्य का लैपटॉप और हेडफोन था और इसके साथ ही उनका वर्क आईडीकार्ड और 200 डॉलर नकदी था. वन्नावल्ली ने कहा, ''कोई इस स्थिति में ऐसा कैसे कर सकता है. मुझे बहुत बुरा लगा.'' एडिसन पुलिस ने बाद में वन्नावल्ली को पुरस्कार स्वरूप 1000 अमेरिकी डॉलर का चेक दिया.
माधुरी ने बाद में बताया कि वह बेहोश हो गई थी क्योंकि समय से ट्रेन पकड़ने के लिए वह बिना कुछ खाए-पिए ही स्टेशन चली गई थी. वन्नावल्ली ने कहा, ''आपको किसी भी परिस्थिति में किसी की मदद के लिए तैयार रहना चाहिए, यही मानवता है.''
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
पुलिस ने बताया कि 10 साल पहले भारत से आए वन्नावल्ली अपना बैग ट्रेन प्लेटफॉर्म पर छोड़कर अन्य यात्रियों के साथ अपने सहकर्मी को आने वाली ट्रेन से बचाने के लिए ट्रैक पर उतर गए. जब वन्नावल्ली अपने सहकर्मी को बचाने का प्रयास कर रहे थे, तभी किसी ने उनका बैग चुरा लिया. बैग में 700 अमेरिकी डॉलर मूल्य का लैपटॉप और हेडफोन था और इसके साथ ही उनका वर्क आईडीकार्ड और 200 डॉलर नकदी था. वन्नावल्ली ने कहा, ''कोई इस स्थिति में ऐसा कैसे कर सकता है. मुझे बहुत बुरा लगा.'' एडिसन पुलिस ने बाद में वन्नावल्ली को पुरस्कार स्वरूप 1000 अमेरिकी डॉलर का चेक दिया.
माधुरी ने बाद में बताया कि वह बेहोश हो गई थी क्योंकि समय से ट्रेन पकड़ने के लिए वह बिना कुछ खाए-पिए ही स्टेशन चली गई थी. वन्नावल्ली ने कहा, ''आपको किसी भी परिस्थिति में किसी की मदद के लिए तैयार रहना चाहिए, यही मानवता है.''
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