न्यूयॉर्क:
अमेरिका के ह्यूस्टन शहर में अंधाधुंध गोलियां चलाकर नौ लोगों को घायल करने वाले भारतीय मूल के वकील ने सैनिकों जैसे कपड़े पहन रखे थे. उसने कपड़ों पर स्वास्तिक चिह्न अंकित कर रखा था, जो उसके नाजियों से सहानुभूति रखने का संकेत है.
बीते 13 वर्षों में भारतीय मूल के किसी व्यक्ति द्वारा इस तरह की गोलीबारी की यह दूसरी घटना है. गोलीबारी के बाद पुलिस ने वकील नाथन देसाई को मार गिराया.
एबीसी13 के आईविटनेस न्यूज ने बताया कि देसाई हैंडगन और एक छोटी मशीनगन लिए हुए था. उसने करीब 20 मिनट तक गोलीबारी की. उस दौरान उसने आसपास से गुजरने वाली कारों और पुलिस पर गोलियां चलाईं.
सूत्रों के हवाले से आईविटनेस न्यूज़ ने बताया कि देसाई ने अपनी कार में गोली-बारूद छुपा रखा था और लॉ स्ट्रीट में अपने आवासीय परिसर के ठीक बाहर पेड़ की ओट में छुपकर गोलीबारी कर रहा था.
(पढ़ें - अमेरिका के बाल्टीमोर में गोलीबारी, तीन साल की बच्ची समेत 8 लोग घायल)
पुलिस ने कहा कि उसे यह नहीं पता कि देसाई ने इस तरह बिना सोचे-समझे क्यों हिंसात्मक व्यवहार किया. वहीं ह्यूस्टन की मीडिया में छपी खबरों में देसाई का नाम कैपिटल 'एस' में लिखा गया है, जिससे लगता है कि वह यूरोपीय हो सकता है, लेकिन उसके पिता की पहचान प्रकाश देसाई के रूप में की गई है.
ह्यूस्टन पुलिस की प्रभारी पुलिस प्रमुख मार्था मोनताल्वो ने बताया कि गोलीबारी में घायल सभी लोग बच गए हैं, लेकिन एक गंभीर रूप से घायल है और पांच अन्य भी अस्पताल में हैं.
(अमेरिका : वॉशिंगटन के एक मॉल में फायरिंग, चार लोगों की मौत)
मोनताल्वो ने बताया कि गोली चलाने वाले वकील की उसकी कानूनी कंपनी के साथ समस्या थी. जब पुलिस ने उसकी गोलीबारी का जवाब दिया तो उसने पुलिस वालों पर ही गोली चला दी, जिसके बाद जवाबी कार्रवाई में वह मारा गया.
गोली चलाने वाले वकील के 80 वर्षीय पिता प्रकाश देसाई ने बताया कि वकालत की प्रैक्टिस ठीक नहीं चल पाने की वजह से उनका बेटा परेशान रहा करता था. देसाई के पिता रिटायर्ड भूगर्भशास्त्री हैं. उन्होंने कहा कि प्रकाश मुवक्किलों से अपनी रक्षा के लिए कई बंदूकें रखे हुए था. हालांकि उन्हें यह विश्वास नहीं हुआ कि उनका बेटा गोलीबारी करने वाला है, क्योंकि दोनों ने उसके गोली चलाने से 12 घंटे पहले ही साथ में खाना खाया था.
(अमेरिका में 14 साल की लड़की ने चलाई स्कूल में गोली, एक की मौत, एक घायल)
हैरिस काउंटी कोर्ट के रिकार्ड के मुताबिक, पुलिस के हाथों मारे गए 46 वर्षीय वकील देसाई के पास फिलहाल कोई सिविल या आपराधिक मामला नहीं था. वर्ष 2013 से अब तक उसे सिर्फ दो नए आपराधिक मामले मिले थे.
बीते 13 वर्षों में भारतीय मूल के किसी व्यक्ति द्वारा इस तरह की गोलीबारी की यह दूसरी घटना है. गोलीबारी के बाद पुलिस ने वकील नाथन देसाई को मार गिराया.
एबीसी13 के आईविटनेस न्यूज ने बताया कि देसाई हैंडगन और एक छोटी मशीनगन लिए हुए था. उसने करीब 20 मिनट तक गोलीबारी की. उस दौरान उसने आसपास से गुजरने वाली कारों और पुलिस पर गोलियां चलाईं.
सूत्रों के हवाले से आईविटनेस न्यूज़ ने बताया कि देसाई ने अपनी कार में गोली-बारूद छुपा रखा था और लॉ स्ट्रीट में अपने आवासीय परिसर के ठीक बाहर पेड़ की ओट में छुपकर गोलीबारी कर रहा था.
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पुलिस ने कहा कि उसे यह नहीं पता कि देसाई ने इस तरह बिना सोचे-समझे क्यों हिंसात्मक व्यवहार किया. वहीं ह्यूस्टन की मीडिया में छपी खबरों में देसाई का नाम कैपिटल 'एस' में लिखा गया है, जिससे लगता है कि वह यूरोपीय हो सकता है, लेकिन उसके पिता की पहचान प्रकाश देसाई के रूप में की गई है.
ह्यूस्टन पुलिस की प्रभारी पुलिस प्रमुख मार्था मोनताल्वो ने बताया कि गोलीबारी में घायल सभी लोग बच गए हैं, लेकिन एक गंभीर रूप से घायल है और पांच अन्य भी अस्पताल में हैं.
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मोनताल्वो ने बताया कि गोली चलाने वाले वकील की उसकी कानूनी कंपनी के साथ समस्या थी. जब पुलिस ने उसकी गोलीबारी का जवाब दिया तो उसने पुलिस वालों पर ही गोली चला दी, जिसके बाद जवाबी कार्रवाई में वह मारा गया.
गोली चलाने वाले वकील के 80 वर्षीय पिता प्रकाश देसाई ने बताया कि वकालत की प्रैक्टिस ठीक नहीं चल पाने की वजह से उनका बेटा परेशान रहा करता था. देसाई के पिता रिटायर्ड भूगर्भशास्त्री हैं. उन्होंने कहा कि प्रकाश मुवक्किलों से अपनी रक्षा के लिए कई बंदूकें रखे हुए था. हालांकि उन्हें यह विश्वास नहीं हुआ कि उनका बेटा गोलीबारी करने वाला है, क्योंकि दोनों ने उसके गोली चलाने से 12 घंटे पहले ही साथ में खाना खाया था.
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हैरिस काउंटी कोर्ट के रिकार्ड के मुताबिक, पुलिस के हाथों मारे गए 46 वर्षीय वकील देसाई के पास फिलहाल कोई सिविल या आपराधिक मामला नहीं था. वर्ष 2013 से अब तक उसे सिर्फ दो नए आपराधिक मामले मिले थे.
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