लाहौर:
भारत की ओर से पाकिस्तान से निवेश को मंजूरी दिए जाने के फैसले पर यहां के चरमपंथी संगठनों ने कड़ी प्रतिक्रिया जताई है। उनका कहना है कि यह पाकिस्तान को अस्थिर करने के लिए उठाया गया कदम है।
जमात-उद-दावा के सरगना हाफिज सईद ने कहा, वतनपरस्त नागरिकों और कारोबारियों को भारत के जाल में नहीं फंसना चाहिए। उसने दावा किया, भारत पाकिस्तान का दोस्त नहीं हो सकता और सरकार को यह बात दिमाग में रखनी चाहिए। भारत के साथ व्यापार का मतलब पाकिस्तानी अर्थव्यवस्था की बर्बादी है।
जमात-इ-इस्लामी प्रमुख मुनव्वर हसन ने कहा, भारत लगातार पाकिस्तान को कमजोर करने की कोशिश कर रहा है। पानी को लेकर हमारे खिलाफ उसने आक्रामक रुख अपना रखा है। उसने पाकिस्तान की नदियों पर 62 बांधों का निर्माण करवा दिया। वह पाकिस्तान को उसके हिस्से का पानी देने से इनकार कर रहा है। हसन ने आरोप लगाया कि भारत-पाकिस्तान को रेगिस्तान में तब्दील कर उसके उद्योगों, कृषि और अर्थव्यस्था को खत्म करना चाहता है ताकि यह देश उस पर निर्भर हो जाए।
जमात-उद-दावा के सरगना हाफिज सईद ने कहा, वतनपरस्त नागरिकों और कारोबारियों को भारत के जाल में नहीं फंसना चाहिए। उसने दावा किया, भारत पाकिस्तान का दोस्त नहीं हो सकता और सरकार को यह बात दिमाग में रखनी चाहिए। भारत के साथ व्यापार का मतलब पाकिस्तानी अर्थव्यवस्था की बर्बादी है।
जमात-इ-इस्लामी प्रमुख मुनव्वर हसन ने कहा, भारत लगातार पाकिस्तान को कमजोर करने की कोशिश कर रहा है। पानी को लेकर हमारे खिलाफ उसने आक्रामक रुख अपना रखा है। उसने पाकिस्तान की नदियों पर 62 बांधों का निर्माण करवा दिया। वह पाकिस्तान को उसके हिस्से का पानी देने से इनकार कर रहा है। हसन ने आरोप लगाया कि भारत-पाकिस्तान को रेगिस्तान में तब्दील कर उसके उद्योगों, कृषि और अर्थव्यस्था को खत्म करना चाहता है ताकि यह देश उस पर निर्भर हो जाए।
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