वाशिंगटन:
अमेरिका में भारत की राजदूत निरुपमा राव ने कहा है कि साझे आर्थिक, कूटनीतिक और सुरक्षात्मक लक्ष्यों ने दोनों देशों और दोनों देशों की जनता को पहले से कहीं अधिक करीब ला दिया है।
राव ने कांग्रेसनल राजनीति पर खासतौर से केंद्रित वाशिंगटन के एक प्रमुख समाचार पत्र, 'द हिल' में लिखा है कि भारत और अमेरिका के बीच हाल ही में सम्पन्न हुए रणनीतिक संवाद से दोनों देशों की रणनीतिक साझेदारी में कई महत्वपूर्ण प्रगति हुई हैं।
राव ने कहा है, "इनमें कई मोर्चो पर सहयोग शामिल हैं। इन मोर्चों में स्थिर विकास के लिए स्वास्थ्य एवं शिक्षा, ऊर्जा सुरक्षा की मजबूती के प्रयास और दोनों देशों के बीच व्यापारिक सम्बंधों को सुधारने की कोशिशें शामिल हैं।"
राव ने कहा कि अमेरिकी विदेशमंत्री हिलेरी क्लिंटन ने गुजरात में विद्युत उत्पादन के लिए एक परमाणु विद्युत परियोजना स्थापित करने को लेकर वेस्टिंगहाउस और भारतीय परमाणु ऊर्जा आयोग के बीच हुए एक प्राथमिक समझौते की प्रशंसा की थी और उसे भारत और अमेरिका के बीच 2008 में हुए ऐतिहासिक परमाणु समझौते के क्रियान्वयन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया था।
राव ने कहा है, "हम सहमत हैं, और कहेंगे कि अन्य क्षेत्रों में भी ढेर सारी प्रगति है।" उन्होंने इस बात को भी रेखांकित किया कि विदेश मंत्री एसएम कृष्णा ने इस बात पर जोर दिया है कि अमेरिका और भारत लगातार प्रगति करते रहेंगे और खासतौर से व्यापार व कारोबार में कई मुद्दों पर मिलकर काम करते रहेंगे।
राव ने कहा कि व्यापार पर दोनों नेताओं ने घोषणा की थी कि वे एक द्विपक्षीय संधि को पूरा करने की दिशा में काम करेंगे जो दोनों देशों के बीच निवेश व व्यापार को बढ़ावा देगा। रक्षा सम्बंधी मामलों, समुद्री एवं इंटरनेट सुरक्षा, आतंकवाद से मुकाबला और व्यापार को भी आगे ले जाया जाएगा।
राव ने कहा कि सामूहिक उद्देश्य की चिंता का एक अन्य प्रमुख क्षेत्र अफगानिस्तान है। उन्होंने कहा कि अमेरिका और भारत अफगानिस्तान में दीर्घकालिक शांति एवं स्थिरता सुनिश्चित कराने के रास्ते तलाशने के लिए अलग-अलग काम कर रहे हैं।
राव ने कांग्रेसनल राजनीति पर खासतौर से केंद्रित वाशिंगटन के एक प्रमुख समाचार पत्र, 'द हिल' में लिखा है कि भारत और अमेरिका के बीच हाल ही में सम्पन्न हुए रणनीतिक संवाद से दोनों देशों की रणनीतिक साझेदारी में कई महत्वपूर्ण प्रगति हुई हैं।
राव ने कहा है, "इनमें कई मोर्चो पर सहयोग शामिल हैं। इन मोर्चों में स्थिर विकास के लिए स्वास्थ्य एवं शिक्षा, ऊर्जा सुरक्षा की मजबूती के प्रयास और दोनों देशों के बीच व्यापारिक सम्बंधों को सुधारने की कोशिशें शामिल हैं।"
राव ने कहा कि अमेरिकी विदेशमंत्री हिलेरी क्लिंटन ने गुजरात में विद्युत उत्पादन के लिए एक परमाणु विद्युत परियोजना स्थापित करने को लेकर वेस्टिंगहाउस और भारतीय परमाणु ऊर्जा आयोग के बीच हुए एक प्राथमिक समझौते की प्रशंसा की थी और उसे भारत और अमेरिका के बीच 2008 में हुए ऐतिहासिक परमाणु समझौते के क्रियान्वयन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया था।
राव ने कहा है, "हम सहमत हैं, और कहेंगे कि अन्य क्षेत्रों में भी ढेर सारी प्रगति है।" उन्होंने इस बात को भी रेखांकित किया कि विदेश मंत्री एसएम कृष्णा ने इस बात पर जोर दिया है कि अमेरिका और भारत लगातार प्रगति करते रहेंगे और खासतौर से व्यापार व कारोबार में कई मुद्दों पर मिलकर काम करते रहेंगे।
राव ने कहा कि व्यापार पर दोनों नेताओं ने घोषणा की थी कि वे एक द्विपक्षीय संधि को पूरा करने की दिशा में काम करेंगे जो दोनों देशों के बीच निवेश व व्यापार को बढ़ावा देगा। रक्षा सम्बंधी मामलों, समुद्री एवं इंटरनेट सुरक्षा, आतंकवाद से मुकाबला और व्यापार को भी आगे ले जाया जाएगा।
राव ने कहा कि सामूहिक उद्देश्य की चिंता का एक अन्य प्रमुख क्षेत्र अफगानिस्तान है। उन्होंने कहा कि अमेरिका और भारत अफगानिस्तान में दीर्घकालिक शांति एवं स्थिरता सुनिश्चित कराने के रास्ते तलाशने के लिए अलग-अलग काम कर रहे हैं।
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