भारत और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) ने कारोबारी संबंधों को प्रगाढ़ बनाने के लिये शुक्रवार को समग्र आर्थिक गठजोड़ समझौते (CEPA) पर हस्ताक्षर किये तथा सम्पूर्ण आपसी सहयोग एवं संबंधों को बढ़ाने के लिये भविष्य का खाका पेश किया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) और अबू धाबी के युवराज एवं यूएई के सशस्त्र बलों के उप सर्वोच्च कमांडर शेख मोहम्मद बिन जायेद अल नाहयान के बीच डिजिटल माध्यम से हुई बैठक के बाद यह समझौता हुआ. कारोबारी समझौते पर भारत की ओर से वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल और यूएई के आर्थिक मामलों के मंत्री अब्दुल्ला बिन तौक अल मारी ने हस्ताक्षर किये.
इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने भारत एवं यूएई के संबंधों के विभिन्न आयामों की चर्चा की और हाल में यूएई में हुए आतंकी हमलों की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि भारत और यूएई आतंकवाद के विरुद्ध कंधे से कंधा मिलाकर खड़े रहेंगे . सीईपीए समझौते पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘‘ मुझे बहुत प्रसन्नता है कि दोनों देश आज समग्र आर्थिक गठजोड़ समझौते (सीईपीए) पर हस्ताक्षर कर रहे हैं. यह उल्लेखनीय है कि इतने महत्वपूर्ण समझौते पर हम तीन महीने से भी कम समय में बातचीत संपन्न कर पाए. सामान्य तौर पर इस प्रकार के समझौते के लिए वर्षों लग जाते हैं .'' उन्होंने कहा कि यह समझौता दोनों देशों की गहरी मित्रता, साझा दृष्टिकोण और विश्वास को दर्शाता है. मुझे विश्वास है कि इससे हमारे आर्थिक संबंधों में एक नया युग आरम्भ होगा.
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मोदी ने उम्मीद जतायी कि इससे दोनों देशों का व्यापार अगले पांच वर्षों में 60 अरब डॉलर से बढ़कर 100 अरब डॉलर तक पहुँच जाएगा . डिजिटल माध्यम से हुई बैठक में मोदी और अल नाहयान ने संयुक्त दृष्टि पत्र जारी किया जिसका शीर्षक ‘‘ भारत और यूएई समग्र सामरिक गठजोड़ में प्रगति : नये मोर्चे, नया मील का पत्थर' है.
आधिकारिक बयान में कहा गया है कि, ‘‘ यह बयान भारत और यूएई के बीच भविष्योन्मुखी गठजोड़ का खाका तैयार करता है और प्रमुख क्षेत्रों एवं परिणामों की पहचान करता है. '' इसमें कहा गया है कि, ‘‘ इसका साझा मकसद नया कारोबार, निवेश एवं विविध क्षेत्रों में नवोन्मेष को बढ़ावा देना है जिसमें अर्थव्यवस्था, ऊर्जा, जलवायु कार्य, उभरती प्रौद्योगिकी, कौशल एवं शिक्षा, खाद्य सुरक्षा, स्वास्थ्य सेवा तथा रक्षा एवं सुरक्षा आदि शामिल हैं .''
इसमें कहा गया है कि सीईपीए विस्तारित बाजार पहुंच और कम शुल्क सहित दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय कारोबार के लिये काफी सहायक होगा . ऐसी उम्मीद की जाती है कि सीईपीए से अगले पांच वर्षो में द्विपक्षीय कारोबार वर्तमान 60 अरब डालर से बढ़कर 100 अरब डालर हो सकता है. इस अवसर परप्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘ हम संयुक्त अन्वेषण और संयुक्त वित्त पोषण के माध्यम से दोनों देशों में स्टार्टअप्स को प्रोत्साहन दे सकते हैं. ''
उन्होंने कहा कि इसी प्रकार, हमारे लोगों के कौशल विकास के लिए हम आधुनिक उत्कृष्ठता संस्थान पर भी सहयोग कर सकते हैं . मोदी ने कहा कि पिछले महीने जम्मू-कश्मीर के उप-राज्यपाल की सफल यूएई यात्रा के बाद अमीरात की कई कंपनियों ने जम्मू-कश्मीर में निवेश करने में रूचि दिखाई है. प्रधानमंत्री ने कहा कि वे यूएई द्वारा जम्मू-कश्मीर में लाजिस्टिक, स्वास्थ्य सेवा, आतिथ्य समेत सभी क्षेत्रों में निवेश का स्वागत करते हैं . अल नाहयान के साथ बैठक के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘‘ हमारे संबंधों को मजबूत करने में आपकी व्यक्तिगत भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण रही है. कोविड महामारी के दौरान भी आपने जिस तरह संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के भारतीय समुदाय का ध्यान रखा है, उस के लिए मैं आपका सदैव आभारी रहूँगा .''
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बयान के अनुसार, शिखर बैठक के दौरान भारत और यूएई के बीच हुए दो समझौता ज्ञापन (एमओयू) की भी घोषणा की गई . इसमें खाद्य सुरक्षा गलियारा पहल पर एपीडा और डीपी वर्ल्ड एवं अल धारा के बीच एमओयू शामिल है. इसके अलावा भारत के गिफ्ट सिटी और दुबई ग्लोबल मार्केट के बीच सहयोग संबंधी वित्तीय परियोजनाएं एवं सेवा पर एमओयू शामिल है. इसके साथ ही जलवायु कार्य तथा शिक्षा क्षेत्र में सहयोग के लिये भी एमओयू किये गए . दोनों नेताओं ने भारत के आजादी के 75 वर्ष पूरे होने और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) की स्थापना की 50वीं वर्षगांठ पर संयुक्त डाक टिकट जारी किया .
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