नई दिल्ली:
भारत ने पाकिस्तान से कहा है कि वह पाकिस्तानी जेल में भारतीय कैदी चमेल सिंह की किन परिस्थितियों में मृत्यु हुई इस बारे में विस्तृत रिपोर्ट और पोस्टमार्टम रिपोर्ट की एक प्रति सौंपे।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार भारतीय उच्चायोग ने 27 मार्च को यह बात उस वक्त कही जब मिशन के एक अधिकारी ने इस्लामाबाद में विदेश मंत्रालय के अधिकारियों से मुलाकात की। भारत चमेल सिंह की पोस्टमार्टम रिपोर्ट के लिए पाकिस्तान पर लगातार दबाव बना रहा है। उन्होंने कहा कि भारत ने पोस्टमार्टम और अन्य ब्योरा प्रदान करने में अनावश्यक विलंब पर पाकिस्तानी अधिकारियों को अपनी चिंता से अवगत करा दिया है।
सूत्रों ने बताया कि 13 मार्च को लाहौर में पाकिस्तानी अधिकारियों ने चमेल सिंह का पोस्टमार्टम किया और उसी दिन उनका शव सौंप दिया। उन्होंने बताया कि भारतीय उच्चायोग के अधिकारियों ने 13 मार्च को उनका शव हासिल किया और इसे अटारी अंतरराष्ट्रीय चौकी भेज दिया जहां इसे जम्मू कश्मीर सरकार के प्रतिनिधियों की मौजूदगी में उनके परिवार के सदस्यों को सौंप दिया गया था।
पोस्टमार्टम के दौरान एक भारतीय अधिकारी के मौजूद रहने के संबंध में पाकिस्तान विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता के बयान पर सूत्रों ने कहा, ‘पोस्टमार्टम के दौरान उच्चायोग का कोई अधिकारी मौजूद नहीं था। पोस्टमार्टम विशिष्ट मेडिकल प्रक्रिया है जिसमें कूटनीतिक मिशन के सदस्यों की कोई भूमिका नहीं है।’
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार भारतीय उच्चायोग ने 27 मार्च को यह बात उस वक्त कही जब मिशन के एक अधिकारी ने इस्लामाबाद में विदेश मंत्रालय के अधिकारियों से मुलाकात की। भारत चमेल सिंह की पोस्टमार्टम रिपोर्ट के लिए पाकिस्तान पर लगातार दबाव बना रहा है। उन्होंने कहा कि भारत ने पोस्टमार्टम और अन्य ब्योरा प्रदान करने में अनावश्यक विलंब पर पाकिस्तानी अधिकारियों को अपनी चिंता से अवगत करा दिया है।
सूत्रों ने बताया कि 13 मार्च को लाहौर में पाकिस्तानी अधिकारियों ने चमेल सिंह का पोस्टमार्टम किया और उसी दिन उनका शव सौंप दिया। उन्होंने बताया कि भारतीय उच्चायोग के अधिकारियों ने 13 मार्च को उनका शव हासिल किया और इसे अटारी अंतरराष्ट्रीय चौकी भेज दिया जहां इसे जम्मू कश्मीर सरकार के प्रतिनिधियों की मौजूदगी में उनके परिवार के सदस्यों को सौंप दिया गया था।
पोस्टमार्टम के दौरान एक भारतीय अधिकारी के मौजूद रहने के संबंध में पाकिस्तान विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता के बयान पर सूत्रों ने कहा, ‘पोस्टमार्टम के दौरान उच्चायोग का कोई अधिकारी मौजूद नहीं था। पोस्टमार्टम विशिष्ट मेडिकल प्रक्रिया है जिसमें कूटनीतिक मिशन के सदस्यों की कोई भूमिका नहीं है।’