
- भारत ने काबुल में तकनीकी मिशन का पूर्ण दूतावास का दर्जा बहाल कर अफगानिस्तान के साथ संबंधों को मजबूत किया है.
- भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि यह कदम द्विपक्षीय हितों और क्षेत्रीय सहयोग को बढ़ावा देने का प्रतीक है.
- भारत अफगान समाज की प्राथमिकताओं को ध्यान में रखते हुए मानवीय सहायता और विकास कार्यों में योगदान बढ़ाएगा.
अफगानिस्तान के साथ रिश्तों को एक कदम और आगे बढ़ाते हुए भारत ने मंगलवार को काबुल में अपने तकनीकी मिशन का पूर्ण दूतावास का दर्जा बहाल कर दिया. साथ ही भारत ने 'पारस्परिक हित के सभी क्षेत्रों में अफगान पक्ष के साथ द्विपक्षीय संबंधों को गहरा करने' के अपनी मंशा की पुष्टि की. विदेश मंत्रालय की तरफ से एक बयान जारी कर इसकी पुष्टि की गई है.
और बढ़ेगा भारत का योगदान
विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, 'सरकार काबुल स्थित भारतीय तकनीकी मिशन का दर्जा तत्काल प्रभाव से अफगानिस्तान स्थित भारतीय दूतावास के समान बहाल कर रही है.' विदेश मंत्रालय के अनुसार यह फैसला आपसी हितों के सभी क्षेत्रों में अफगान पक्ष के साथ अपने द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के भारत के संकल्प को रेखांकित करता है.' विदेश मंत्रालय ने कहा कि काबुल स्थित भारतीय दूतावास अफगान समाज की प्राथमिकताओं और आकांक्षाओं को ध्यान में रखते हुए अफगानिस्तान के व्यापक विकास, मानवीय सहायता और क्षमता निर्माण पहलों में भारत के योगदान को और बढ़ाएगा.
मुत्ताकी की यात्रा के बाद बड़ा फैसला
यह घटनाक्रम मुत्ताकी की भारत यात्रा के लगभग दो हफ्ते बाद हुआ है. 10 अक्टूबर को मुत्ताकी ने विदेश मंत्री डॉक्टर एस जयशंकर के साथ एक विस्तृत चर्चा की थी. वार्ता के बाद जारी एक संयुक्त बयान में कहा गया कि दोनों पक्षों ने 'पारस्परिक हित के मुद्दों की एक विस्तृत श्रृंखला के साथ-साथ महत्वपूर्ण क्षेत्रीय घटनाक्रमों' की समीक्षा की. जयशंकर ने अफगानिस्तान के लोगों के साथ भारत की दीर्घकालिक मित्रता दोहराई और दोनों देशों को जोड़ने वाले गहरे सांस्कृतिक और ऐतिहासिक संबंधों की अहमियत बताई. उन्होंने अफगान लोगों की आकांक्षाओं और विकासात्मक जरूरतों का समर्थन करने के लिए भारत की निरंतर प्रतिबद्धता भी व्यक्त की.
जयशंकर ने किया था ऐलान
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इस दौरान अफगानिस्तान की संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता और स्वतंत्रता के प्रति भारत की प्रतिबद्धता व्यक्त की और काबुल में फिर से भारत का दूतावास खोलने का ऐलान किया था. जयशंकर ने कहा था कि भारत अफगानिस्तान के अस्पतालों को एमआरआई और सीटी स्कैन मशीनें भी प्रदान करेगा. साथ ही टीकाकरण और कैंसर की दवाइयां भी पहुंचाएगा. उन्होंने जानकारी दी थी कि भारत ने संयुक्त राष्ट्र मादक पदार्थ एवं अपराध कार्यालय (यूएनओडीसी) के जरिये से दवा पुनर्वास सामग्री भी प्रदान की है और आगे भी तैयार हैं.
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