
ब्रिटेन के सांसद बॉब ब्लैकमैन ने वहां से संसद के अंदर जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादी हमले की निंदा की है. इस कायरान हमले में 26 लोगों की जान चली गई थी, जिनमें ज्यादातर पर्यटक थे. कंजर्वेटिव सांसद ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान के खिलाफ भारत की कार्रवाई का भी समर्थन किया और यूनाइटेड किंगडम में प्रधान मंत्री कीर स्टार्मर सरकार से पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में चल रहे आतंकवादी कैंपों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का आग्रह किया.
हाउस ऑफ कॉमन्स में बोलते हुए उन्होंने कहा, "पहलगाम में भीषण आतंकी हमले के बाद, भारत ने ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया जिसमें 9 आतंकवादी ठिकानों पर सटीक हवाई हमले किए गए. चूंकि शांति वार्ता जारी है, मैंने पूछा कि विदेश सचिव पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से आतंकवादी ठिकानों को हटाने के लिए क्या कदम उठा रहे हैं." ब्लैकमैन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अपने भाषण का वीडियो शेयर किया है.
Following the horrific terror attack in Pahalgam, India launched Operation Sindoor: precision air-strikes on 9 terrorist bases.
— Bob Blackman (@BobBlackman) May 14, 2025
As peace talks continue, I asked what steps the Foreign Secretary is taking to ensure the terrorist bases are removed from Pakistan-occupied Kashmir? pic.twitter.com/qvtnwe5g03
उनके सवाल का जवाब देते हुए ब्रिटेन के विदेश सचिव (विदेश मंत्री) डेविड लैमी ने पहलगाम आतंकी हमले को "भयानक" बताया और आश्वासन दिया कि ब्रिटिश सरकार आतंकवाद से लड़ने के लिए भारत और पाकिस्तान दोनों के साथ काम कर रही है. लैमी ने कहा, "ठीक है, मैं स्पष्ट कर दूं कि हमने जो भयावह आतंकवाद देखा, जिसमें 26 नागरिकों को निर्वस्त्र कर गोली मार दी गई, वह भयानक था. और हम इसकी निंदा करते हैं, और हम इन आतंकवादी खतरों से निपटने के लिए करीबी सहयोगियों के साथ काम करना जारी रखेंगे." उन्होंने कहा कि दोनों देशों को स्थायी शांति सुनिश्चित करने के लिए समर्थन की आवश्यकता है, जो अंततः, "स्थायी शांति बनाए रखेगा."
ब्लैकमैन ने पहले भी पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले की निंदा की थी और अपनी सरकार से जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद को खत्म करने के कदमों में भारत का पूरा समर्थन करने का आह्वान किया था. 29 अप्रैल को यूके संसद में अपने भाषण में, उन्होंने कहा कि कश्मीर में हमला "अच्छी तरह से संगठित और कॉर्डिनेटेड" था और चुनकर "या तो हिंदू या ईसाई" पुरुषों को निशाना बनाया गया था.
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