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This Article is From Sep 23, 2011

भारत ने फिलस्तीन के प्रति समर्थन दोहराया

संयुक्त राष्ट्र: संयुक्त राष्ट्र में सदस्यता हासिल करने के फिलस्तीनी प्रयास में बाधा डालने की अमेरिकी कोशिश के बीच भारत ने एक बार फिर स्वतंत्र फिलस्तीन राष्ट्र के प्रति समर्थन दोहराया है। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि हरदीप सिंह पुरी ने यहां बड़ी संख्या में मौजूद भारतीय मीडिया के समक्ष कहा कि संयुक्त राष्ट्र को सम्बोधित करने के लिए यहां गुरुवार को पहुंचे प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने फिलस्तीन के राष्ट्रपति महमूद अब्बास को 19 सितम्बर को पत्र लिखकर संयुक्त राष्ट्र में उन्हें भारत के समर्थन का आश्वासन दिया था। पुरी ने कहा कि इस बात की पूरी सम्भावना है कि संयुक्त राष्ट्र महासभा को शुक्रवार को सम्बोधित करने के बाद अब्बास संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की-मून को सूचित करेंगे कि फिलस्तीन प्रशासन एक राष्ट्र की जिम्मेदारी सम्भालने को तैयार है। पुरी ने कहा कि अब्बास को इस बात के लिए राजी करने के प्रयास भी जारी हैं कि वह इस समय संयुक्त राष्ट्र की पूर्ण सदस्यता के लिए न तो महासभा से सम्पर्क करें और न संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से ही। इस बीच इस्राइल-फिलस्तीन के बीच सीधी बातचीत शुरू कराने के प्रयास जारी हैं। पुरी ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र में अब तक समर्थन में हुए भाषणों के बाद फिलस्तीन के लिए बहुत विकल्प नहीं बचा है। यदि यह मामला सुरक्षा परिषद के समक्ष आता है, तो अमेरिका भी वीटो का इस्तेमाल न करने को वरीयता देगा। लेकिन कोई विकल्प न बचने की सूरत में लगता है कि वह इस कदम पर वीटो का इस्तेमाल करने को तैयार रहेगा। पुरी ने कहा कि फिलस्तीन को मान्यता देने वाला भारत पहला गैर अरब देश है, जो 1988 से ही उसका समर्थन करता आ रहा है। उन्होंने कहा कि मनमोहन सिंह ने अपने पत्र में दोहराया है कि भारत फिलस्तीन का समर्थन करेगा। पुरी ने एक प्रश्न के जवाब में कहा, "फिलस्तीन को भारत का समर्थन 100 फीसदी स्पष्ट है।" उन्होंने कहा कि यदि इस मुद्दे पर मतदान हुआ तो भारत महासभा और सुरक्षा परिषद में इसके पक्ष में वोट करेगा। पुरी ने कहा, "फिलस्तीन के प्रश्न पर भारत किसी दबाव में आए, इसका सवाल ही नहीं उठता।"

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