पाकिस्तानी सैनिकों की फाइल फोटो
इस्लामाबाद:
पाकिस्तान की सेना के एक शीर्ष अधिकारी का कहना है कि पाकिस्तान के लिए भारत 'सबसे बड़ा खतरा' है, जिसने देश को अपनी रक्षा प्रणाली 'भारत आधारित' बनाने को मजबूर किया है।
पाकिस्तान सेना के प्रवक्ता असीम बाजवा ने कहा कि भारत से बातचीत करने की कोशिशें हो रही हैं। उन्होंने कहा, हालांकि कश्मीर का पुराना लंबित मामला दोनों देशों के बीच तनाव का कारण है।
जर्मनी के अंतरराष्ट्रीय प्रसारक 'ड्यूश वेले' को दिए गए इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि देश की रक्षा प्रणाली 'भारत आधारित' है। वहीं 'जिओ टीवी' ने उनके हवाले से कहा, ऐसा इसलिए है क्योंकि 'पाकिस्तान की सुरक्षा के लिए भारत सबसे बड़ा खतरा है।' उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय पर भी आरोप लगाया कि वे पाकिस्तान को पर्याप्त सहयोग नहीं कर रहे हैं। इंटर-सर्विस पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) के महानिदेशक बाजवा ने कहा, 'मैं कहूंगा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने हमारे साथ पर्याप्त सहयोग नहीं किया।'
बाजवा ने हाल में पाकिस्तान में हुए अमेरिकी ड्रोन हमले की भी आलोचना की, जिसमें तलिबान प्रमुख मुल्ला अख्तर मंसूर मारा गया। उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण था, क्योंकि अमेरिका का सहयोगी होने के बावजूद पाकिस्तान को इसकी सूचना नहीं दी गई और मंसूर अफगानिस्तान में मेल-मिलाप प्रक्रिया का हिस्सा था। उन्होंने कहा, 'मंसूर ने दूसरे राष्ट्र से पाकिस्तान में प्रवेश किया, फिर उसे खोजा गया और हमला किया गया। वह मेल-मिलाप प्रक्रिया का हिस्सा था और उसे शांति में अपनी भूमिका निभानी थी।' बाजवा ने कहा, 'सहयोगी होने के बावजूद पाकिस्तान को सूचना नहीं दी गई। पाकिस्तान इस बात का विरोध रहा है।'
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
पाकिस्तान सेना के प्रवक्ता असीम बाजवा ने कहा कि भारत से बातचीत करने की कोशिशें हो रही हैं। उन्होंने कहा, हालांकि कश्मीर का पुराना लंबित मामला दोनों देशों के बीच तनाव का कारण है।
जर्मनी के अंतरराष्ट्रीय प्रसारक 'ड्यूश वेले' को दिए गए इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि देश की रक्षा प्रणाली 'भारत आधारित' है। वहीं 'जिओ टीवी' ने उनके हवाले से कहा, ऐसा इसलिए है क्योंकि 'पाकिस्तान की सुरक्षा के लिए भारत सबसे बड़ा खतरा है।' उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय पर भी आरोप लगाया कि वे पाकिस्तान को पर्याप्त सहयोग नहीं कर रहे हैं। इंटर-सर्विस पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) के महानिदेशक बाजवा ने कहा, 'मैं कहूंगा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने हमारे साथ पर्याप्त सहयोग नहीं किया।'
बाजवा ने हाल में पाकिस्तान में हुए अमेरिकी ड्रोन हमले की भी आलोचना की, जिसमें तलिबान प्रमुख मुल्ला अख्तर मंसूर मारा गया। उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण था, क्योंकि अमेरिका का सहयोगी होने के बावजूद पाकिस्तान को इसकी सूचना नहीं दी गई और मंसूर अफगानिस्तान में मेल-मिलाप प्रक्रिया का हिस्सा था। उन्होंने कहा, 'मंसूर ने दूसरे राष्ट्र से पाकिस्तान में प्रवेश किया, फिर उसे खोजा गया और हमला किया गया। वह मेल-मिलाप प्रक्रिया का हिस्सा था और उसे शांति में अपनी भूमिका निभानी थी।' बाजवा ने कहा, 'सहयोगी होने के बावजूद पाकिस्तान को सूचना नहीं दी गई। पाकिस्तान इस बात का विरोध रहा है।'
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