उफा (रूस):
भारत को शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) ने पूर्ण सदस्य के रूप में शामिल करने का फैसला किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छह देशों के इस संगठन से आतंकवाद से लड़ने और बाधाओं को दूर कर कारोबार अनुकूल वातावरण बनाने की दिशा में काम करने की पेशकश की।
पिछले 10 साल से इस संगठन में पर्यवेक्षक का दर्जा पाया भारत कुछ प्रक्रियाओं को पूरा करने के बाद तकनीकी रूप से अगले साल इसका पूर्ण सदस्य बन जाएगा। बीजिंग आधारित एससीओ के अभी चीन, रूस, कजाखस्तान, किर्गिजस्तान, उज्बेकिस्तान और ताजिकिस्तान सदस्य हैं। भारत के साथ ही पाकिस्तान को भी इसमें सदस्य के तौर पर शामिल करने की प्रक्रिया शुरू की गई।
इस संगठन की शिखर बैठक के दौरान रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन, चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की मौजूदगी में भारत को पूर्ण सदस्य बनाए जाने की घोषणा पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'मैं भारत को एससीओ का पूर्ण सदस्य बनाने के लिए आपके प्रति आभार व्यक्त करता हूं।' उन्होंने कहा कि एससीओ में भारत की सदस्यता इसके सदस्य देशों के साथ भारत के संबंधों का एक स्वाभाविक विस्तार है।
मोदी ने कहा कि भारत की सदस्यता इतिहास के स्वाभाविक संबंधों को प्रतिबिम्बित करती है। 'इससे इस बड़े क्षेत्र में शांति और संपन्नता को प्रोत्साहन मिलेगा जिसे अकसर मानव इतिहास की धुरी कहा जाता है।' उन्होंने कहा कि यह सदस्यता यूरेशिया के विभिन्न क्षेत्रों से दोबारा जुड़ने और एकीकृत होने की हमारी साझा दृष्टि को आगे ले जाएगी।
भारत को एससीओ का पर्यवेक्षक 2005 में बनाया गया था। पिछले साल उसने पूर्ण सदस्यता का आवेदन किया। एससीओ कनेक्टिविटी, आतंकवाद से निपटने में सहयोग, ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने, कारोबार बढ़ाने और मादक द्रव्यों की तस्करी रोकने पर केंद्रित होकर काम करता है
पिछले 10 साल से इस संगठन में पर्यवेक्षक का दर्जा पाया भारत कुछ प्रक्रियाओं को पूरा करने के बाद तकनीकी रूप से अगले साल इसका पूर्ण सदस्य बन जाएगा। बीजिंग आधारित एससीओ के अभी चीन, रूस, कजाखस्तान, किर्गिजस्तान, उज्बेकिस्तान और ताजिकिस्तान सदस्य हैं। भारत के साथ ही पाकिस्तान को भी इसमें सदस्य के तौर पर शामिल करने की प्रक्रिया शुरू की गई।
इस संगठन की शिखर बैठक के दौरान रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन, चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की मौजूदगी में भारत को पूर्ण सदस्य बनाए जाने की घोषणा पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'मैं भारत को एससीओ का पूर्ण सदस्य बनाने के लिए आपके प्रति आभार व्यक्त करता हूं।' उन्होंने कहा कि एससीओ में भारत की सदस्यता इसके सदस्य देशों के साथ भारत के संबंधों का एक स्वाभाविक विस्तार है।
मोदी ने कहा कि भारत की सदस्यता इतिहास के स्वाभाविक संबंधों को प्रतिबिम्बित करती है। 'इससे इस बड़े क्षेत्र में शांति और संपन्नता को प्रोत्साहन मिलेगा जिसे अकसर मानव इतिहास की धुरी कहा जाता है।' उन्होंने कहा कि यह सदस्यता यूरेशिया के विभिन्न क्षेत्रों से दोबारा जुड़ने और एकीकृत होने की हमारी साझा दृष्टि को आगे ले जाएगी।
भारत को एससीओ का पर्यवेक्षक 2005 में बनाया गया था। पिछले साल उसने पूर्ण सदस्यता का आवेदन किया। एससीओ कनेक्टिविटी, आतंकवाद से निपटने में सहयोग, ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने, कारोबार बढ़ाने और मादक द्रव्यों की तस्करी रोकने पर केंद्रित होकर काम करता है
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