भारत (India) ने ब्रिटेन (UK) की गृहमंत्री सुएला ब्रेवरमैन (Suella Braverman) के उस दावे का खंडन किया है जिसमें उन्होंने दावा किया था कि माइग्रेशन और मोबिलिटी पार्टनरशिप ( Migration and Mobility Partnership,MMP) ने "बहुत अच्छे से काम नहीं किया". भारत ने कहा है कि समझौते के अंतर्गत ब्रिटेन की तरफ से उठाए गए सभी मामलों पर एक्शन लिया गया. द स्पेक्टेटर को दिए गए सुएला ब्रेवरमैन के इंटरव्यू के बाद पीटीआई ने ब्रिटेन के भारतीय उच्चायोग से सवाल पूछा था. इस इंटव्यू में भारतीयों को वीजा की सीमा समाप्त होने के बाद भी ब्रिटेन में ठहरने वाला सबसे बड़ा समूह बताया गया था. इस पर भारतीय उच्चायोग ने कहा कि भारत को पिछले साल हस्तार किए गए MMP समझौते पर ब्रिटेन की तरफ से किए गए कुछ वादों पर "प्रगति दिखने" का इंतजार है.
उच्चायोग ने गुरुवार को कहा कि माइग्रेशन एंड मोबिलिटी पर बड़ी चर्चा के हिस्से के तौर पर भारत सरकार ब्रिटेन को उन सभी भारतीयों की वापसी में सहयोग देने को तैयार है जो वीजा की सीमा से अधिक रुके हैं."
आगे कहा गया, ब्रिटेन के गृह मंत्रालय के साथ आज तक शेयर किये गए डेटा के अनुसार, उच्चायोग के पास आए सभी मामलों पर कार्रवाई की गई है. इससे अलावा ब्रिटेन ने भी MMP समझौते के अंतर्गत कुछ वादे किये थे, उस पर हमें दर्शनीय प्रगति का इंतजार है. "
भारत-ब्रिटेन के प्रस्तावित फ्री ट्रेड समझौते पर ब्रेवरमैन के "वीज़ा संबंधी शर्तों" पर दिये विवादास्पद बयान के संदर्भ में उच्चायोग ने कहा कि कोई भी भावी समझौता परस्पर हित में होगा.
सुएला ब्रेवरमैन एक भारतीय मूल की मंत्री हैं जिन्होंने पिछले महीने ही गृह मंत्रालय का प्रभार संभाला है. उन्होंने कहा था कि वो भारत के साथ मुक्त व्यापार समझौते को लेकर चिंतित हैं क्यों कि उन्होंने डर है कि यह एक "खुली सीमा वाली" माइग्रेशन पॉलिसी को बढ़ावा देगा.
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