प्रिटोरिया:
भारत, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका ने मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में तत्काल सुधार की जरूरत और उभरती अर्थव्यस्थाओं की बढ़ी हुई भागीदारी के साथ उच्च संस्था की सदस्य संख्या में बढ़ोतरी पर जोर दिया। तीनों देश यूएनएससी के अस्थाई सदस्य हैं। भारत, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका देशों के संगठन इब्सा के शिखर सम्मेलन के बाद जारी एक संयुक्त बयान में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, ब्राजील की राष्ट्रपति डिल्मा रोसेफ और दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति जैबक जुमा ने कहा कि सुरक्षा परिषद के स्थायी और अस्थायी दोनों श्रेणियों में विस्तार अवश्य होना चाहिए। बयान के मुताबिक तीनों देशों ने भारत, ब्राजील, जर्मनी और जापान के बीच संयुक्त राष्ट्र सुधारों के लिए जी-4 की पहल पर भी चर्चा की। जी-4 पहल के तहत चारों देशों के बीच इस बात पर सहमति है कि सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता की अपनी उम्मीदवारी के लिए वे एक दूसरे का समर्थन का करेंगे। बयान के मुताबिक, "संयुक्त राष्ट्र के सभी क्षेत्रीय समूहों के सदस्यों के एक बड़े गठबंधन ने जी-4 की इस पहल का समर्थन किया है। इसलिए यूएनएससी सुधार पर जारी अंतरसरकारी वार्ता में आगे की बातचीत के लिए इस तरह के व्यापक समर्थन को आधार के रूप में विचार किया जाना चाहिए।" उल्लेखनीय है कि इस महीने की शुरुआत में सुरक्षा परिषद के अस्थायी सदस्यों भारत, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका वर्ष 2003 में इब्सा के गठन के बाद पहली बार सीरिया सरकार के खिलाफ हुए मतदान से अनुपस्थित रहे। इस वजह से अमेरिका को सुरक्षा परिषद की बैठक से पहली बार उठकर जाना पड़ा। कूटनीतिक गलियारे में इसे विकासशील देशों खासकर इब्सा की विजय के रूप में देखा गया।
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