न्यूयार्क:
अमेरिका की एक अदालत ने अपने पूर्व नियोक्ता एक आईएफएस अधिकारी और उसके पति पर उत्पीड़न और ‘गुलामी’ कराने का आरोप लगाने वाली एक भारतीय नौकरानी के पक्ष में फैसला दिया है और उसने नौकरानी द्वारा दंपति से 15 लाख डॉलर मुआवजा दिए जाने की मांग करने वाली याचिका को स्वीकार कर लिया है।
अमेरिकी जिला न्यायाधीश विक्टर मारेरो ने अमेरिकी मजिस्ट्रेट न्यायाधीश की रिपोर्ट को ‘पूरी तरह से स्वीकार कर लिया’ जिसमें मास ने नीना मल्होत्रा और उनके पति जोगेश मल्होत्रा को नौकरानी शांति गुरूंग को ‘बर्बर व्यवहार’ और ‘भावनात्मक परेशानी’ के मुआवजे के रूप में करीब 15 लाख डालर देने के लिये कहा था। शांति ने वर्ष 2006 से तीन साल तक के लिये काम किया था।
मारेरो ने मंगलवार को अपने आदेश में कहा, ‘वादी शांति गुरूंग का क्षति के लिये मुआवजा दिया जाने का आवेदन स्वीकार किया जाता है। इसके मुताबिक फैसला गुरूंग के पक्ष में है और प्रतिवादी जोगेश मल्होत्रा और नीना मल्होत्रा को गणना के मुताबिक 1,458,335 डॉलर देने होंगे।’ उन्होंने आदेश दिया कि यह मुद्दा अब यहीं बंद होता है। मारेरो ने कहा कि मल्होत्रा ने मास की रिपोर्ट पर कोई आपत्ति नहीं जताई जबकि उनके पास ऐसा करने के लिये 14 दिन का समय था।
अमेरिकी जिला न्यायाधीश विक्टर मारेरो ने अमेरिकी मजिस्ट्रेट न्यायाधीश की रिपोर्ट को ‘पूरी तरह से स्वीकार कर लिया’ जिसमें मास ने नीना मल्होत्रा और उनके पति जोगेश मल्होत्रा को नौकरानी शांति गुरूंग को ‘बर्बर व्यवहार’ और ‘भावनात्मक परेशानी’ के मुआवजे के रूप में करीब 15 लाख डालर देने के लिये कहा था। शांति ने वर्ष 2006 से तीन साल तक के लिये काम किया था।
मारेरो ने मंगलवार को अपने आदेश में कहा, ‘वादी शांति गुरूंग का क्षति के लिये मुआवजा दिया जाने का आवेदन स्वीकार किया जाता है। इसके मुताबिक फैसला गुरूंग के पक्ष में है और प्रतिवादी जोगेश मल्होत्रा और नीना मल्होत्रा को गणना के मुताबिक 1,458,335 डॉलर देने होंगे।’ उन्होंने आदेश दिया कि यह मुद्दा अब यहीं बंद होता है। मारेरो ने कहा कि मल्होत्रा ने मास की रिपोर्ट पर कोई आपत्ति नहीं जताई जबकि उनके पास ऐसा करने के लिये 14 दिन का समय था।
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