श्रीलंका (Sri Lanka) के राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे (Gotabaya Rajapaksa) देश से भागकर पहले मालदीव (Maldives) पहुंचे और फिर खबर आई कि वो वहां से सिंगापुर (Singapore) भागे हैं. मालदीव से सिंगापुर की लगभग 5 घंटे की फ्लाइट है. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो गोटाबाया सिंगापुर से सऊदी अरब (Saudi Arab) रवाना हो सकते हैं. सिंगापुर के अखबार द स्ट्रेट टाइम्स के अनुसार, "श्रीलंका के सरकारी सूत्रों ने रॉयटर्स को बताया कि श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे मालदीव से सिंगापुर के रास्ते में हैं वो कुछ समय के लिए सिंगापुर में रुकेंगे. एपी की एक रिपोर्ट भी मालदीव के एक अधिकारी के हवाले से कहती है कि राजपक्षे सिंगापुर के रास्ते सऊदी अरब जा रहे हैं."
आगे स्ट्रेट टाइम्स लिखता है कि समाचार एजेंसी एपी ने बिना किसी विस्तृत जानकारी के बताया, " श्रीलंका में कई महीनों से बढ़ रहे आर्थिक संकट और विरोध प्रदर्शनों के बाद गोटाबाया राजपक्षे के देश से भागे और उनके इस्तीफा देने की समयसीमा खत्म हो चुकी है. राजपक्षे एक सऊदी अरब की एयरलाइन ले रहे हैं."
सिंगापुर के मीडिया के मुताबिक श्रीलंका के डेली मिरर ने यह रिपोर्ट किया था कि राजपक्षे ने सिंगापुर जाने वाली फ्लाइट में बैठने से मना कर दिया था, फिर उन्होंने बुधवार देर रात सिंगापुर की उड़ान भरी क्योंकि वो नागरिक यात्रियों के साथ सफर करने में बहुत घबरा रहे थे." डेली मिरर ने कहा कि एक प्राइवेट जेट मालदीव की राजधानी माली में आया था राजपक्षे को सिंगापुर ले जाने के लिए.
समाचार एजेंसी ANI के मुताबिक राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे और उनकी पत्नि जिन्होंने मालदीव छोड़ा था, उन्होंने आज माले से एक सऊदी अरब की फ्लाइट पकड़ी.
लेकिन कुछ मीडिया रिपोर्ट्स यह भी कहती हैं कि गोटाबाया राजपक्षे के सिंगापुर से सऊदी अरब जाने की बात ग़लत है.
अगले चंद घंटों में यह साफ हो जाएगा कि गोटाबाया क्या सिंगापुर पहुंच कर वहीं रुकते हैं या वहां से सऊदी अरब के लिए रवाना हो जातै हैं. सऊदी अरब ने कुछ दिन पहले अपने नागरिकों को श्रीलंका की यात्रा टालने की सलाह दी थी. जब साल 2019 में गोटाबाया राष्ट्रपति चुने गए थे तब श्रीलंका में मौजूद सऊदी अरब के राजदूत अब्दुल नासिर अल-हार्थी ने कहा था कि श्रीलंका-सऊदी अरब के रिश्ते "नई ऊंचाईयों" पर पहुंचेंगे.
गोटाबाया राजपक्षे ने अब तक अपने पद से इस्तीफा नहीं दिया है. उन्होंने बुधवार 13 जुलाई को इस्तीफा देने का वादा किया था. वह जनाक्रोश से बचने के लिए गिरफ्तारी की संभावना देखते हुए श्रीलंका से मालदीव भाग गए थे जब प्रदर्शनकारियों ने उनके राष्ट्रपति भवन पर धावा बोल दिया था.
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