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This Article is From Oct 18, 2023

"मैं इस हमले से खासा दुखी हूं...", गाजा के अस्पताल में हमले को लेकर जो बाइडेन समेत क्या कुछ बोले बड़े नेता

फिलिस्तीनी राजदूत रियाद मंसूर ने गाजा के अस्पताल में हुए हमले को लेकर इजरायल पर साधा निशाना. मंसूर ने कहा कि हमारे पास साक्ष हैं जिससे ये साबित होता है कि हमला इजरायल ने किया.

गाजा के अस्पताल पर हुए हमले पर विभिन्न राष्ट्र प्रमुखों ने दी प्रतिक्रिया

नई दिल्ली:

इजरायल और हमास के बीच बीते 12 दिनों से युद्ध जारी है. इस बीच मंगलवार की रात को गाजा के अस्पताल पर बड़ा हमला हुआ है. अस्पताल में हुए हमले में अभी तक करीब 500 से ज्यादा लोगों की मौत की खबर है. मरने वालों में मरीज और बच्चे भी शामिल हैं. इस हमले को लेकर अब विभिन्न देशों की तरफ से प्रतिक्रियाएं आ रही हैं. अमेरिका और कई अन्य देशों के राष्ट्राध्यक्षों ने इस हमले को गलत बताया है.

इस हमले को लेकर अमेरिका के राष्ट्रपति ने सुबह एक्स पर एक पोस्ट भी किया. उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा कि मैं गाजा के अल अहली अरब अस्पताल में हुए विस्फोट और उसके परिणामस्वरूप हुई जानमाल की भयानक क्षति से खासा दुखी हूं. यह समाचार सुनते ही, मैंने जॉर्डन के राजा अब्दुल्ला द्वितीय और इज़राइल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू से बात की और अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा टीम को इस बारे में जानकारी जुटाने को कहा है ताकि पता चल सके कि आखिर ये हुआ कैसे है. 

अमेरिका संघर्ष के दौरान नागरिकों के जीवन की सुरक्षा के लिए स्पष्ट रूप से खड़ा है और हम इस त्रासदी में मारे गए या घायल हुए मरीजों, चिकित्सा कर्मचारियों और अन्य निर्दोष लोगों के लिए शोक व्यक्त करते हैं. 

वहीं, इजरायल के पीएम नेतन्याहू ने भी इस हमले को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा है कि पूरी दुनिया को पता होना चाहिए कि ये गाजा में बर्बर आतंकवादी थे जिन्होंने गाजा में अस्पताल पर हमला किया था, न कि IDF ने. जिन लोगों ने हमारे बच्चों की बेरहमी से हत्या की, वे अपने बच्चों की भी हत्या करते हैं.

फिलिस्तीनी राजदूत रियाद मंसूर साधा निशाना

जबकि संयुक्त राष्ट्र में फिलिस्तीनी राजदूत रियाद मंसूर ने इस हमले को लेकर नेतन्याहू के बयान को झूठा बताया है. उन्होंने कहा कि वो झूठ बोल रहे हैं.मंसूर के डिजिटल प्रवक्ता ने एक्स पर पोस्ट किया कि इजरायल ने यह सोचकर हमला किया कि इसके आसपास हमास का आधार था। अस्पताल, और फिर उन्होंने वह ट्वीट हटा दिया. हमारे पास उस ट्वीट की एक कॉपी है...अब उन्होंने फिलिस्तीनियों को दोषी ठहराने की कोशिश करने के लिए कहानी बदल दी.

इजरायली सेना के प्रवक्ता ने एक बयान दिया जिसमें उन्होंने कहा कि अस्पतालों को खाली करो... उनका इरादा खाली कराना है या अस्पतालों पर हमला किया जाएगा और वे उस अपराध के लिए जिम्मेदार हैं और वे इससे निपटने के लिए कहानियां नहीं गढ़ सकते. 

तुर्किए के निशाने पर इजरायल

उधर, तुर्किए के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन ने भी ट्वीट कर इज़रायल को निशाने पर लिया है कि अस्पताल पर हमला करना, जहां महिलाएं, बच्चे और निर्दोष नागरिक थे, बुनियादी मानवीय मूल्यों से रहित इज़रायल के हमलों का सबसे ताज़ा उदाहरण है. मैं ग़ाज़ा में इस अभूतपूर्व क्रूरता को रोकने के लिए पूरी मानवता को आमंत्रित करता हूं.

बता दें कि ग़ाज़ा के अस्पताल में हुए हमले के विरोध में जॉर्डन की राजधानी अम्मान में विरोध प्रदर्शन हुआ। सैकड़ों लोग अम्मान में इज़रायली दूतावास के बाहर जमा हो गए और इज़रायल के ख़िलाफ़ नारेबाज़ी की। जॉर्डन की पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए आंसू गैस के गोले भी छोड़े. 

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने कहा कि वह "गाजा में एक अस्पताल पर हमले में सैकड़ों फिलिस्तीनी नागरिकों की हत्या से भयभीत हैं". साथ ही मैं इस हमले की कड़ी शब्दों में निंदा करता हूं. 

मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सीसी ने अहली अस्पताल पर "इजरायली बमबारी" की कड़े शब्दों में निंदा की, जिसके कारण गाजा में फिलिस्तीनी नागरिकों में "सैकड़ों निर्दोष पीड़ितों की मौत" हुई. उन्होंने "जानबूझकर की गई बमबारी" को "अंतर्राष्ट्रीय कानून का स्पष्ट उल्लंघन" बताया. 

वहीं, सऊदी अरब ने अस्पताल हमले की निंदा करते हुए इसे "सभी अंतरराष्ट्रीय कानूनों और मानदंडों का घोर उल्लंघन" बताया, और इज़राइल के "नागरिकों के खिलाफ लगातार हमलों" की निंदा भी की. 

जॉर्डन के विदेश मंत्रालय ने भी अस्पताल पर हुए हमले को लेकर एक बयान जारी किया है. इस बयान में कहा गया है कि इज़राइल "इस गंभीर घटना के लिए ज़िम्मेदार है". हम इस घटना की "कड़ी निंदा" करतें हैं. यूरोपीय संघ के विदेश मामलों के प्रमुख जोसेप बोरेल ने खेद व्यक्त करते हुए कहा कि "एक बार फिर, निर्दोष नागरिकों को सबसे अधिक कीमत चुकानी पड़ी है". उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट किया और लिखा कि इस अपराध के लिए जिम्मेदारी स्पष्ट रूप से स्थापित की जानी चाहिए और अपराधियों को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए. 

उधर, ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रायसी ने अस्पताल पर हुए हमले के बाद बुधवार को "सार्वजनिक शोक" दिवस की घोषणा की. उन्होंने कहा कि अस्पताल पर हुआ यह हमला इजरायल और उसके अमेरिकी सहयोगी के खिलाफ जाएगा. रायसी ने आगे कहा कि गाजा के अस्पताल में घायल फिलीस्तीनी पीड़ितों पर गिराए गए अमेरिकी-इजरायली बमों की लपटें जल्द ही ज़ायोनीवादियों को भस्म कर देंगी. 

इराक के प्रधानमंत्री मोहम्मद शिया अल-सुदानी ने एक बयान में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से "आक्रामकता" को समाप्त करने के लिए तत्काल समाधान की अपील की. 

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