
बांके बिहारी कॉरिडोर मामले में जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि अंतरिम व्यवस्था के तहत मंदिर प्रबंधन के लिए एक समिति बनाई जाएगी, जिसकी अध्यक्षता हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश करेंगे. सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि यूपी सरकार के बनाए गए अध्यादेश के अनुसार गठित की जाने वाली समिति की प्रक्रिया को फिलहाल स्थगित रखा जाएगा. साथ ही हाईकोर्ट में समानांतर कार्यवाहियों पर रोक लगा दी है.
'हाईकोर्ट में चल रही समानांतर कार्यवाहियों पर लगाई रोक'
कोर्ट ने हाईकोर्ट में चल रही समानांतर कार्यवाहियों पर कहा कि, 21 जुलाई के आदेश में दिए गए न्यायिक टिप्पणियों को स्थगित किया जाएगा, जिससे दोहरी सुनवाई से बचा जा सके. साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस से मामले में डिवीजन बेंच का गठन करने को कहा.
सेवानिवृत्त जज की अध्यक्षता में बनेगी एक अंतरिम समिति
सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त जज की अध्यक्षता में एक अंतरिम समिति के गठन का भी निर्देश दिया. इस समिति में कानून-व्यवस्था की स्थिति को संभालने के लिए गोस्वामी और सरकारी अधिकारियों का भी प्रतिनिधित्व होगा. इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम समिति के मद्देनजर, अध्यादेश में दिए गए प्रावधान के अनुसार, इलाहाबाद हाईकोर्ट में रिट लंबित रहने तक समिति गठित करने की व्यवस्था पर रोक लगा दी है.
बांके बिहारी कॉरिडोर का विरोध कर रहे स्थानीय लोग
बताते चले कि वृन्दावन के स्थित प्रसिद्ध बांके बिहारी मंदिर में सरकार कॉरिडोर बनाना चाहती है. लेकिन स्थानीय लोग इसका विरोध कर रहे हैं. गोस्वामी परिवार एवं उत्तर प्रदेश सरकार के बीच अधिकार एवं प्रबंधन को लेकर सालों से विवाद चल रहा है. 27 जुलाई को गोस्वामियों ने मंदिर प्रबंधन समिति की ओर से सुप्रीम कोर्ट के समक्ष मंदिर प्रबंधन के सरकारी अध्यादेश के खिलाफ याचिका दायर की थी. गौरतलब है कि इस समिति का गठन कुछ दिन पहले ही हुआ था.
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