गाज़ा में अब भुखमरी एक हकीकत है, ताज़ा हालात ये हैं कि गाज़ा में बम-बारूद से कम भूख और कुपोषण से लोग ज्यादा परेशान हैं. इजरायल भले इससे इंकार करता रहा हो लेकिन अब तो ट्रंप के दूत स्टीव विटकॅफ ने भी अपने दौरे के बाद इसकी पुष्टि कर दी है कि हालत बेहद खराब हैं. यानी इजरायल का मददगार अमेरिका भी अब इजरायल को संभाल नहीं पा रहा है. गाजा में इजरायली जुल्म से लोग बेघर और विस्थापित तो हुए ही अब नन्हें बच्चे तक भूख से बिलख रहे हैं. गाज़ा के अलशफा अस्पताल के एक अधिकारी के मुताबिक, इस साल 21 छोटे बच्चों की मौत सिर्फ भूख की वजह से हुई है. इससे साफ़ है कि सिर्फ बम और गोलियों से नहीं, गाज़ा में भूख भी जान ले रही है. गाज़ा में हालात इतने बदतर हो चुके हैं कि थोड़े से अनाज के लिए लोग आपस में मारपीट करने को तैयार हैं. गाजा के स्वास्थ मंत्रालय की रिपोर्ट बताती है कि 2023 में शुरू हुए इस युद्ध में भुखमरी से अब तक 175 लोग मारे गए हैं. एक मानवीय त्रासदी आंख फाड़े दुनिया से उम्मीद लगाए हुए है और दुनिया ने अमेरिका के नेतृत्व में अपना मुंह मोड़ा हुआ है. इस बीच घरेलू मोर्चे पर लगातार विरोध को दरकिनार कर इजरायल की राजनीतिक और सुरक्षा मामलों की कैबिनेट ने प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की उस योजना को मंजूरी दे दी है, जिमसें पूरी गाज़ा पट्टी पर नियंत्रण की बात की गई है.
अभी कितने बंधक हमास के कब्जे में हैं
इस बीच इजरायल का बंधक संकट गाजा पर इन तमाम हमलों के बाद भी बना हुआ है. इजरायल अपने बंधक अब तक छुड़ा नहीं पाया और हमास ने बंधकों का एक प्रपोगांडा विडियो जारी किया है, जिसमें कंकाल बना 24 साल का एक बंधक गाजा की एक सुरंग में अपनी ही कब्र खोदता नजर आ रहा है. वो कह रहा है कि मेरे पास वक्त खत्म हो रहा है. इजरायल में इस भयावह दृश्य की एक झलक से लोगों में गुस्सा और रोष है. सात अक्तूबर 2023 को हमास के हमले में ये लोग बंधक बनाए गए, इजरायल ने जोरदार जवाबी कार्रवाई की लेकिन 22 महीनों के बाद भी बंधक वहीं हैं, भले ही गाजा की आधी से ज्यादा आबादी बेघर है, भूखी प्यासी है, गाजा पट्टी समतल हो गई है, लेकिन बंधक भी नहीं छूटे हैं. इजरायली अधिकारियों के मुताबिक हमास के कब्जे में अभी भी करीब 20 बंधक हैं.

बेंजामिन नेतन्याहू पर गाज़ा युद्ध खत्म करवाने और बंधकों की सुरक्षित रिहाई के लिए घरेलू स्तर पर दवाब है. लेकिन वो किसी की परवाह नहीं कर रहे हैं.
इस वीडियो के जारी होने के बाद नेतन्याहू और आक्रामकता दिखाते हुए पूरे गाजा पर कब्जा करने की योजना बनाई है. उन्होंने गाजा पट्टी पर पूरा कब्जा करने का आदेश जारी किया है. लेकिन गाजा के लिए नेतन्याहू का युद्ध प्लान घरेलू , अंतरराष्ट्रीय और खुद सेना की मर्जी के खिलाफ है. किंग्स कॉलेज लंदन में प्रोफेसर आहरोन बर्गमन ने क़तर के टीवी चैनल 'अल जजीरा' से कहा कि नेतन्याहू युद्ध जारी रखना चाहते हैं. नेतन्याहू पर ये आरोप इजरायल में भी लग रहे हैं.
अभी तक गाज़ा में युद्ध क्यों लड़ी रही है इजरायली सेना
कई इजरायली जानकार और बंधकों के परिवार भी नेतन्याहू पर आरोप लगा रहे हैं कि वो गाजा युद्ध को अपने गठबंधन को बचाने के लिए खींच रहे हैं. ये सिर्फ बीबी (बेंजामिन नेतन्याहू बीबी के नाम से भी जाने जाते हैं.) की राजनीतिक चाल है. वो 2019 से राजनीतिक तौर पर भ्रष्टाचार के मामलों में घिरे हुए हैं.

नेतन्याहू की ताजा आक्रमकता का क्या कारण है इस पर कई राय है. कुछ लोग मानते हैं कि यह हमास को बातचीत के लिए मजबूर करने की चाल है. वहीं कुछ का मानना है कि यह हमास को पूरी तरह खत्म करने का प्रयास है. ताकि गाजा की बची हुई आबादी को भी कंसंट्रेशन कैंप्स में ठेला जा सके.
सेना में थकान है. नेतन्याहू के युद्ध बढ़ जाने के नए प्लान से सेना भी खुश नहीं है.सेना में स्ट्रेस डिसआर्डर रिपोर्ट किए गए हैं, कई मामले इनकार के भी सामने आए हैं, जब लोगों ने सेना ज्वाइन करने से इनकार किया है. सैनिकों की संख्या कम पड़ रही है.सैन्य जानकार मानते हैं कि नेतन्याहू का पूरे गाजा पर कब्जा करने का प्लान संभव नहीं हो पाएगा. कब्जा करने और बनाए रखने के लिए एक बड़े संसाधन और सैनिकों की जरूरत होगी. इजरायल की जनता भी अब इस मुद्दे पर बंटी हुई है. घरेलू विरोध इतनी बड़ी सेना जुटाने में रुकावट बनेगा. इजरायल में जगह-जगह अब इस युद्ध को खत्म करने के लिए प्रदर्शन हो रहे हैं.इजरायल में नेतन्याहू और उनके राइट विंग समर्थक को छोड़ युद्ध से कोई खुश नहीं है.

गाज़ा में इजरायली नाकेबंदी से भुखमरी के हालात हैं. आंकड़ों के मुताबिक 20 से अधिक बच्चों की मौत भूख की वजह से हो चुकी है.
क्या नेतन्याहू के सामने सर्वाइवल का संकट है
सेना के चीफ आफ स्टाफ लेफ्टिनेंट जनरल एयाल जमीर युद्ध को बड़ा करने के विरोध में हैं. इजरायली सेना के 600 पूर्व वरिष्ठ सैनिकों ने ट्रंप को खुली चिट्ठी लिखी है कि वो युद्ध खत्म करवाएं. जनता पहले ही युद्ध से थकी हुई है, कोई और एस्कलेशन पब्लिक को मंजूर नहीं. जनता के बीच किए गए पोल्स दिखाते हैं कि लोग सीजफायर डील न हो पाने पर नेतन्याहू के बहानों से तंग आ गए हैं. इजरायल के 'चैनल 12' पर मई के महीने में किए गए पोल्स बताते हैं कि ज्यादातर इजरायली ये मानते हैं कि नेतन्याहू को युद्ध जीतने से ज्यादा सत्ता प्यारी है जिसे वो किसी हाल में खोना नहीं चाहते हैं. ये पूरी लड़ाई नेतन्याहू के पोलिटिकल सर्वाइवल की है.
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