
- आयोग ने कहा है कि यदि राहुल गांधी के आरोप सही हैं तो उन्हें मतदाता सूची की गलतियों की सूची भी देनी चाहिए
- चुनाव आयोग ने राहुल गांधी को देश से माफी मांगने या आरोपों के समर्थन में घोषणापत्र देने के दो विकल्प दिए हैं
- आयोग ने साफ किया कि कांग्रेस के वकीलों द्वारा भेजे गए पत्र का जवाब उनकी वेबसाइट पर उपलब्ध है
चुनाव आयोग ने राहुल गांधी के 'वोट चोरी' आरोपों पर पलटवार किया है. आयोग ने कहा है कि अगर उनके लगाए गए आरोप ठीक हैं तो वो शपथ पत्र पर हस्ताक्षर करें. अगर राहुल गांधी को लगता है कि वो सही हैं तो फिर उन्हें घोषणापत्र पर हस्ताक्षर करने में कोई समस्या नहीं होनी चाहिए. साथ ही आयोग ने कहा कि जो नाम मतदाता सूची में गलत तरीके से हटाए या जोड़े गए हैं, उनकी लिस्ट वो दें.
चुनाव आयोग ने मांगा घोषणापत्र
चुनाव आयोग ने आगे कहा कि, 'राहुल गांधी ने दिसंबर 2024 में महाराष्ट्र का मुद्दा उठाया था. कांग्रेस पार्टी के कुछ वकीलों ने चुनाव आयोग को एक पत्र लिखा था, जिसका जवाब आयोग की वेबसाइट पर भी है. लेकिन राहुल गांधी ने कहा कि आयोग ने उन्हें कभी जवाब ही नहीं दिया. अगर राहुल गांधी जो कह रहे हैं और ऐसे बेतुके विश्लेषण पर उनका विश्वास है, तो उन्हें इसे चुनाव आयोग को घोषणापत्र देना चाहिए या फिर, उन्हें भ्रामक व्याख्याएं फैलाने के लिए देश से माफी मांगनी चाहिए.'
'घोषणापत्र दें या फिर देश से माफी मांगें'
चुनाव आयोग के सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार, 'उनके पास दो विकल्प हैं. या तो घोषणापत्र पर हस्ताक्षर करें या चुनाव आयोग के खिलाफ बेतुके आरोप लगाने के लिए राष्ट्र से माफी मांगें. साथ ही राहुल गांधी ने कभी भी खुद से साइन किया हुआ कोई लेटर नहीं भेजा है. हम जो भी जवाब देते हैं वो अन्य संस्थाओं को होता है और हर बार वो उससे मुकर जाते हैं.
राहुल गांधी के सवालों के दिए जवाब
चुनाव आयोग के सूत्रों ने सफाई दी कि. जैसे उन्होंने 24 दिसंबर को महाराष्ट्र का मुद्दा उठाया था. अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की ओर से कुछ वकील हमें पत्र लिखते हैं. 24 दिसंबर का हमारा जवाब हमारी वेबसाइट पर है. लेकिन राहुल गांधी कहते हैं कि हमने कभी जवाब नहीं दिया.
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