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This Article is From Jul 27, 2021

हब्बल टेलीस्कोप ने बृहस्पति के चंद्रमा गैनीमेड पर जलवाष्प की मौजूदगी का प्रथम साक्ष्य जुटाया

खगोल वैज्ञानिकों ने नासा (NASA) हब्बल टेलीस्कोप (Hubble Space Telescope) से बृहस्पति ग्रह (Jupiter) के चंद्रमा गैनीमेड (Jupiter's moon Ganymede) के वायुमंडल में जलवाष्प (Water Vapor) की मौजूदगी का प्रथम साक्ष्य जुटाया है.

हब्बल टेलीस्कोप ने बृहस्पति के चंद्रमा गैनीमेड पर जलवाष्प की मौजूदगी का प्रथम साक्ष्य जुटाया
इस खोज के लिए दूरबीन के नये और पुराने आंकड़ों के समूह का इस्तेमाल किया गया
वाशिंगटन:

खगोल वैज्ञानिकों ने नासा (NASA) हब्बल टेलीस्कोप (Hubble Space Telescope) से बृहस्पति ग्रह (Jupiter) के चंद्रमा गैनीमेड (Jupiter's moon Ganymede) के वायुमंडल में जलवाष्प (Water Vapor) की मौजूदगी का प्रथम साक्ष्य जुटाया है. उन्होंने इस खोज के लिए दूरबीन के नये और पुराने आंकड़ों के समूह का इस्तेमाल किया. सोमवार को ''नेचर एस्ट्रोनॉमी' जर्नल में प्रकाशित अध्ययन के मुताबिक जलवाष्प उस वक्त बनता है जब चंद्रमा की सतह पर बर्फ ठोस से गैस में तब्दील होता है. अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने कहा कि पूर्व के अध्ययनों में इस बारे में परिस्थितजन्य साक्ष्य दिये गये थे कि सौरमंडल के सबसे बड़े चंद्रमा (प्राकृतिक उपग्रह) गैनीमेड पर पृथ्वी के सभी समुद्रों से कहीं अधिक जल है.

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नासा के मुताबिक हालांकि, वहां तापमान इतना कम है कि सतह पर मौजूद जल ने जम कर ठोस रूप ले लिया है. खगोल वैज्ञानिकों ने जलवाष्प की मौजूदगी का पता लगाने के लिए हब्बल के पिछले दो दशकों के साक्ष्यों का फिर से विश्लेषण किया. हब्बल की अंतरिक्ष दूरबीन इमेजिंग स्पेक्ट्रोग्राफ ने 1998 में गैनीमेड की प्रथम पराबैंगनी (यूवी) तस्वीरें ली थी, जिसमें विद्युतीय गैस के रंगबिरंगे रिबन का पता चला था और इससे गैनीमेड का कमजोर चुंबकीय क्षेत्र होने के बारे में और जानकारी मिली थी.

इस यूवी खोज को आणविक ऑक्सीजन (ओ2) की मौजूदगी में और अधिक विश्लेषण किया गया. स्टॉकहोम, स्वीडन के केटीएच रॉयल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के लॉरेंज रोथ के नेतृत्व वाली टीम ने जलवाष्प की मौजूदगी से जुड़ी खोज पर काम किया.

इस नयी खोज से यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी के आगामी अभियान जूपिटर आईसी मून एक्सप्लोर (2022) के लिए एक अग्रदृष्टि मिल गई है. रोथ ने कहा, ‘‘हमारे नतीजों से यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी के इस नये अभियान में अपने अंतरिक्ष यान के उपयोग की योजनाएं बनाने में काफी मदद मिलेगी.''

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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