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आ रहा है सबसे भयानक तूफान, 250 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से जमैका में हवा लाएगी आफत!

मलिसा के मंगलवार 28 अक्टूबर को स्‍थानीय समयानुसार सुबह करीब 7 बजे जमैका के दक्षिणी तट पर, किंग्स्टन से करीब 60 मील पश्चिम में, एक ताकतवर तूफान के तौर पर टकराने (लैंडफॉल) की संभावना जताई गई है.

आ रहा है सबसे भयानक तूफान, 250 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से जमैका में हवा लाएगी आफत!
  • कैटेगरी 5 के हरिकेन मलिसा में 250 किलोमीटर प्रति घंटे की तेज हवाएं और खतरनाक समुद्री लहरें उठने की संभावना है.
  • मलिसा के टकराने से महत्वपूर्ण पावर प्लांट और शिपिंग पोर्ट समेत बुनियादी ढांचे को गंभीर नुकसान हो सकता है.
  • मलिसा की वजह से हैती और डोमिनिकन गणराज्य में पहले ही चार लोगों की मौत हो चुकी है और नुकसान बढ़ रहा है.
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नई दिल्‍ली:

भारत में एक तरफ मोंथा की दहशत है तो वहीं भारत से करीब 15 हजार किलोमीटर दूर कैरीबियाई देश जमैका में हरीकेन मलिसा की दस्‍तक से ही डर का माहौल है. मौसम विशेषज्ञों ने आगाह किया है कि मेलिसा एक विनाशकारी तूफान बन सकता है. मलिसा को कैटेगरी 5 का तूफान है जिसमें असाधारण तौर पर बेहद खतरनाक समुद्री लहरें उठेंगी. कहा जा रहा है कि इसके साथ ही तेज हवाएं चलेंगी और हवा की स्‍पीड 250 किलोमीटर प्रति घंटे तक पहुंच सकती है. तूफान की वजह से बारिश का खतरनाक दौर भी देखने को मिल सकता है. भारत में भी मोन्‍था की वजह से दक्षिण के राज्‍य आंध्र प्रदेश में अलर्ट की स्थिति है. यहां पर स्‍कूलों की छुट्टी है और कुछ ट्रेनों को भी कैंसिल कर दिया गया है.  

4 लोगों की ले चुका है जान  

जमैका आने से पहले मलिसा हैती और डोमिनिकन गणराज्य में कहर बरपा चुका है. शनिवार दोपहर तक इस तूफान से दोनों देशों में कम से कम चार लोगों की मौत हो गई थी. जैसे-जैसे यह तूफान मजबूत हुआ कैरिबियाई रीजन में तेज बारिश, तेज हवाएं और समुद्री ज्वार (स्टॉर्म सर्ज) के चलते हालात बिगड़ते गए. मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, इस हफ्ते की शुरुआत तक मलिसा पश्चिमी कैरिबियन के कुछ हिस्सों में उत्तर-पश्चिम दिशा की ओर बढ़ेगा. सोमवार रात तक इसका मार्ग जेट स्ट्रीम के बड़े पैटर्न से प्रभावित होगा, जिससे यह उत्तर की ओर मुड़ते हुए उत्तर-पूर्व दिशा में तेजी से आगे बढ़ेगा. इस दौरान इसके उत्तरी कैरिबियन के कई हिस्सों में टकराने (लैंडफॉल) की संभावना है. 

उठेंगी बेहद खतरनाक समुद्री लहरें 

सोमवार तड़के, जमैका के दक्षिणी तट के पास पहुंचने से पहले ही मलिसा एक कैटेगरी 5 हरिकेन में बदल गया. इसमें हवा की अधिकतम रफ्तार 250 किलोमीटर प्रति घंटे की स्‍पीड से हवाएं  चलेंगी. रीडिंग यूनिवर्सिटी में क्लाइमेट रिस्क्स एंड रेजिलिएंस की प्रोफेसर लिज स्टीफेंस ने मलिसा को लेकर चेतावनी दी है. उन्‍होंने कहा है, 'अब जब हरिकेन मलिसा कैटेगरी 5 के स्तर तक तेज हो गया है और इसकी गति धीमी है, तो इसमें एक विनाशकारी तूफान बनने के सभी बातें मौजूद हैं जिसके तहत बेहद खतरनाक समुद्री लहरें (स्टॉर्म सर्ज), तेज हवाएं और असामान्य तौर पार ज्‍यादा बारिश.' स्टीफेंस ने आगे कहा कि जमैका के लोगों को संभावित तौर पर अकल्पनीय प्रभावों के लिए तैयार रहना होगा. जलवायु परिवर्तन के कारण तूफान पहले से कहीं ज्‍यादा शक्तिशाली और भारी बारिश वाले हो रहे हैं. यह स्थिति बाकी देशों के लिए भी एक सख्त चेतावनी है कि भविष्य में उनके लिए क्या आने वाला हो सकता है. 

इनफ्रस्‍ट्रक्‍चर को होगा नुकसान!  

मलिसा के मंगलवार 28 अक्टूबर को स्‍थानीय समयानुसार सुबह करीब 7 बजे जमैका के दक्षिणी तट पर, किंग्स्टन से करीब 60 मील पश्चिम में, एक ताकतवर तूफान के तौर पर टकराने (लैंडफॉल) की संभावना जताई गई है. विशेषज्ञों के अनुसार किंग्स्टन का ज्‍यादातर अहम इनफ्रास्‍ट्रक्‍चर निचले इलाकों में स्थित है, जो स्टॉर्म सर्ज (समुद्री ज्वार) से सबसे अधिक प्रभावित हो सकते हैं. दक्षिणी तट के पास एक प्रमुख पावर प्लांट, हवाई अड्डा, शिपिंग पोर्ट, फ्यूल टर्मिनल और वॉटर रिट्रीटिंग प्‍लांट मौजूद हैं. 

अगर समुद्री लहरें 6 से 10 फीट तक उठती हैं, तो यह इनफ्रास्‍ट्रक्‍चर गंभीर तौर पर क्षतिग्रस्त या पूरी तरह नष्ट हो सकता है. इसकी वजह से असर और भी विनाशकारी होगा और राहत कार्यों में भारी कठिनाई आएगी. नॉर्मन मैनली इंटरनेशनल एयरपोर्ट, जो जमैका के दक्षिण-पूर्वी तट पर किंग्स्टन हार्बर में स्थित है, एक संकरे हाईवे रूट से द्वीप से जुड़ा हुआ है. मौजूदा तूफान के संभावित लैंडफॉल क्षेत्र और आने वाले दिनों में इसके और अधिक ताकतवर होने की संभावना को देखते हुए इस रास्‍ते पर सबसे ज्‍यादा खतरा है. 

भारत में मोंथा की दहशत 

दूसरी ओर भारत में भी मंगलवार सुबह साइक्‍लोन मोंथा के एक गंभीर साइक्लोनिक स्टॉर्म में बदलने की उम्मीद है. मौसम विभाग (आईएमडी) के अनुसार 28 अक्टूबर की शाम या रात में, यह तूफ़ान उत्तर-उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ सकता है और मछलीपट्टनम और कलिंगपट्टनम के बीच, काकीनाडा के पास आंध्र प्रदेश के तट को पार कर सकता है. आईएमडी ने कहा है कि लैंडफॉल के समय, मोंथा के साथ ज्‍यादा से ज्‍यादा 90 से 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलने की उम्‍मीद है. हवा की रफ्तार 110 किलोमीटर प्रति घंटे तक हो सकती है. 


 

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