लाहौर:
पाकिस्तान में बरेलवी पंथ से जुड़े एक संस्थान ने झूठी शान के नाम पर हत्या (ऑनर कीलिंग) के खिलाफ फतवा जारी करते हुए इसे ‘गैर-इस्लामी और अक्षम्य पाप’ करार दिया है।
सुन्नी इत्तेहाद काउंसिल (एसआईएस) बैनर तले उलेमा ने एक संवाददाता सम्मेलन में इसे ‘कुफ्र’ (अधर्म) करार दिया। फतवा में कहा गया है कि अपनी पसंद से शादी करने वाली महिलाओं को जिंदा जलाना इस्लाम के खिलाफ है।
इसने लाहौर, एबटाबाद और मरी में हाल में झूठी शान के लिए की गई हत्याओं की निंदा करते हुए कहा कि ऐसी घटनाएं पूरे समाज को हिला देती हैं। ऐसी घटनाओं का विरोध करते हुए पंथ ने कहा कि हम सामाजिक पतन की ओर बढ़ रहे हैं। इसने कहा है कि परिवार की शान में हत्याएं करना अज्ञान और जिद का नतीजा है।
फतवे में सरकार से गुजारिश की गई है कि वह ऐसे अपराधों को काबू करने के लिए उचित कानून लागू करे। साथ ही फतवे में महिलाओं को जलाने या हत्या करने जैसे जघन्य कृत्यों को अक्षम्य अपराध करार दिया गया और कहा गया कि महिलाओं के अधिकारों की रक्षा करना इस्लामिक सरकार की जिम्मेदारी है। पाकिस्तान में पिछले साल झूठी शान के नाम पर कम से कम 1,100 महिलाओं को मारा गया।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
पाकिस्तान में बरेलवी पंथ से जुड़े एक संस्थान ने झूठी शान के नाम पर हत्या (ऑनर कीलिंग) के खिलाफ फतवा जारी करते हुए इसे ‘गैर-इस्लामी और अक्षम्य पाप’ करार दिया है।
सुन्नी इत्तेहाद काउंसिल (एसआईएस) बैनर तले उलेमा ने एक संवाददाता सम्मेलन में इसे ‘कुफ्र’ (अधर्म) करार दिया। फतवा में कहा गया है कि अपनी पसंद से शादी करने वाली महिलाओं को जिंदा जलाना इस्लाम के खिलाफ है।
इसने लाहौर, एबटाबाद और मरी में हाल में झूठी शान के लिए की गई हत्याओं की निंदा करते हुए कहा कि ऐसी घटनाएं पूरे समाज को हिला देती हैं। ऐसी घटनाओं का विरोध करते हुए पंथ ने कहा कि हम सामाजिक पतन की ओर बढ़ रहे हैं। इसने कहा है कि परिवार की शान में हत्याएं करना अज्ञान और जिद का नतीजा है।
फतवे में सरकार से गुजारिश की गई है कि वह ऐसे अपराधों को काबू करने के लिए उचित कानून लागू करे। साथ ही फतवे में महिलाओं को जलाने या हत्या करने जैसे जघन्य कृत्यों को अक्षम्य अपराध करार दिया गया और कहा गया कि महिलाओं के अधिकारों की रक्षा करना इस्लामिक सरकार की जिम्मेदारी है। पाकिस्तान में पिछले साल झूठी शान के नाम पर कम से कम 1,100 महिलाओं को मारा गया।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
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