इस्लामाबाद:
पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में अपहरण और फिरौती की वारदातों से परेशान 100 से अधिक हिंदू परिवार भारत पलायन करना चाहते हैं। स्थानीय समाचार पत्र एक्सप्रेस ट्रिब्यून के अनुसार बलूचिस्तान के कई हिंदू परिवार अपहरण और जबरन वसूली के शिकार हो रहे हैं। प्रांतीय गृह विभाग का कहना है कि पिछले साल 291 हिंदुओं का अपहरण हुआ। पांच हिंदू परिवार पहले ही बलूचिस्तान के मस्तंग जिले से भारत का रुख कर चुके हैं और छह अन्य परिवार भी भारत में ही शरण लेने या फिर पाकिस्तान के दूसरे हिस्से में बसने का प्रयास कर रहे हैं। पेशे से दवा विक्रेता विजय कुमार का कहना है कि बलूचिस्तान में 100 से अधिक हिंदू परिवार अपहरण और जबरन वसूली की बढ़ती वारदातों से तंग आकर भारत जाने के प्रयास में हैं। विजय ने कहा, भारत में हमारे सगे-संबंधी रहते हैं और ऐसे में हिंदू परिवार भारत में बसना चाहते हैं। सुरेश कुमार नाम के एक अन्य शख्स ने बताया, बलूचिस्तान में हिंदू परिवारों के ज्यादातर लोग भारत या पाकिस्तान के ही दूसरे हिस्सों में बसना चाहते हैं। इसकी वजह सिर्फ यही है कि प्रांत की कानून व्यवस्था की स्थिति बदतर हो चुकी है। बलूचिस्तान की राजधानी क्वेटा में ही बीते साल आठ लोगों को अगवा किया गया, जिनमें से चार लोगों का ताल्लुक हिंदू समुदाय से था। राज्य के नसीराबाद जिले में स्थिति और भी बदतर है। यहां वर्ष 2010 में हिंदू समुदाय के 28 लोगों का अपहरण किया गया। प्रांत के अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री बसंत लाल गुलशन का कहना है, हाल की वारदातों से हम हतप्रभ हैं। बलूचिस्तान में बीते तीन वर्षों में 41 हिंदुओ का अपहरण हुआ। इसके अलावा चार अन्य लोगों की हत्या कर दी गई। हाल ही में आध्यात्मिक गुरु लक्ष्मी चंद गुरुजी का भी अपहरण कर लिया गया था।