Hindenburg Research Company Going To Shut Down: अमेरिकी इंवेस्टमेंट रिसर्च फर्म और शॉर्ट सेलिंग ग्रुप हिंडनबर्ग रिसर्च कंपनी बंद होने जा रही है. कंपनी के फाउंडर नाथन एंडरसन ने इसका एलान किया है. हिंडनबर्ग रिसर्च का ये एलान ऐसे वक्त में आया है, जब अमेरिका में राष्ट्रपति जो बाइडन का 4 वर्षों का कार्यकाल पूरा होने में बस कुछ ही दिन बचे हैं. डोनाल्ड ट्रंप 20 जनवरी को अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेने ही वाले हैं. आपको बता दें कि हाल ही में हाउस ज्यूडिशियरी कमेटी के एक सदस्य और रिपब्लिकन सांसद ने न्याय विभाग से हिंडनबर्ग को लेकर जांच की मांग की थी.
हिंडनबर्ग जांच के घेरे में
- न्याय विभाग और US SEC द्वारा जांच
- उल्लंघनों के लिए भारतीय नियामक SEBI द्वारा जांच और कारण बताओ नोटिस
- ऑफशोर और ओडीआई रूट से भारतीय सिक्यूरिटीज पर शॉर्ट्स बनाए
- कई नियामकों ने हिंडनबर्ग पर चारों ओर से शिकंजा कसा
- हिंडनबर्ग ने अभी तक SEBI के नोटिस का जवाब नहीं दिया
बंद होगी हिंडनबर्ग रिसर्च
- 2017: A RESEARCH & INVESTMENT FIRM हिंडनबर्ग की स्थापना
- 2020: वाहन स्टार्टअप निकोला कॉर्पोरेशन पर पहली रिपोर्ट
- कंपनियों के खिलाफ करीब एक दर्जन रिपोर्ट
- रिपोर्ट्स हेज फंडों और निवेशकों को बेची गईं
- शॉर्ट्स से लाभ पाने के लिए सार्वजनिक रूप से रिपोर्ट जारी
बीजेपी प्रवक्ता ने उठाए सवाल
बीजेपी प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने हिंडनबर्ग रिसर्च कंपनी के बंद होने की खबरों पर कहा, ''खबर ये आई है कि हिंडनबर्ग ने अपनी दुकान बंद कर ली है. एक बात तो स्पष्ट है कि हिंडनबर्ग एक टारगेट सुपारी लेकर भारत की अर्थव्यवस्था को बर्बाद करने की मंशा से और निजी मुनाफा कमाने की मंशा से काम कर रहा था."
शहजाद पूनावाला ने आगे कहा, "हिंडनबर्ग की बातों को किस प्रकार से अपनाने का काम कुछ राजनीतिक दल और उनके इकोसिस्टम ने किया, ये भी एक सवाल है. हिंडनबर्ग पर अमेरिका में भी जांच जारी है."
बीजेपी प्रवक्ता ने कहा, "हिंडनबर्ग की रिपोर्ट पर सुप्रीम कोर्ट ने भी फटकार लगाई और उनकी रिपोर्ट को दरकिनार तो किया ही, साथ ही ये भी कहा कि इनकी एक्टिविटी पर जांच होनी चाहिए. कारण ये है कि भारत के निवेशकों के लाखों करोड़ों रुपये हिंडनबर्ग की रिपोर्ट ने बर्बाद की है. हालांकि, यहां पर कुछ राजनीतिक दल, खासकर राहुल गांधी एक पार्टी और एक व्यक्ति के विरोध में उतरते-उतरते भारत की इकोनॉमी और भारत के स्टेट के खिलाफ उतर गए और अपने निवेशी पार्टनर हिंडनबर्ग का सहारा लेते हुए झूठे और अनर्गल आरोप लगाते हुए भारत की अर्थव्यवस्था को इकोनॉमिक एनार्की की तरफ ले जानी की कोशिश कर रहे हैं.''
वरिष्ठ वकील जय अनंत देहाद्राई ने एक्स पर उठाए सवाल
With Hindenburg shutting down mere days before Trump takes office, the message couldn't be clearer: the attacks on Prime Minister Modi @narendramodi, the Adani Group @gautam_adani, and India's stock market regulator @SEBI_India were not just about profit—they were part of a…
— Jai Anant Dehadrai (@jai_a_dehadrai) January 16, 2025
- ट्रंप के पद संभालने से ठीक पहले हिंडनबर्ग के बंद होने से संदेश स्पष्ट
- पीएम मोदी, अदाणी ग्रुप, SEBI पर हमले केवल लाभ के लिए नहीं थे
- ये भारत में अस्थिरता पैदा करने की साजिश थी
- पूरी तरह से बेनकाब हो चुका नैट एंडरसन अब पीछे हट रहा है
- भारत में वे कुटिल कठपुतलियां कौन थीं, जिन्होंने साजिश रची?
- बड़ा सवाल अब ये है कि इनके पीछे कौन था, जो ये साजिश रच रहा था
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