
हिलेरी क्लिंटन ने राष्ट्रपति चुनाव में हार पर अपने समर्थकों से कहा कि वे हौसला न हारें.
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चुनाव के परिणाम से कई लोग बहुत निराश
कहा, अपने मूल्यों के लिए लड़िए और कभी भी हार मत मानिए
हिलेरी ने सेवा की महत्ता पर बल दिया
69 वर्षीय हिलेरी ने वाशिंगटन डीसी में कहा, ‘‘मैं यह स्वीकार करूंगी कि यहां आना मेरे लिए आसान नहीं था.’’ उन्होंने कहा, ‘‘इस बीते सप्ताह में ऐसा कई बार हुआ जब मेरा मन किया कि मैं केवल एक अच्छी किताब पढ़ते हुए या अपने कुत्तों के साथ समय बिताऊं और कभी घर से बाहर नहीं निकलूं.’’ पूर्व विदेश मंत्री ने अपने समर्थकों से ‘‘हार नहीं मानने’’ और राजनीति से ‘‘जुड़े रहने’’ को कहा.
हिलेरी ने कहा, ‘‘मैं जानती हूं कि चुनाव के परिणाम से आप में से कई लोग बहुत निराश हैं. मैं भी बहुत निराश हूं. मैं इतनी निराश हूं कि मैं इसे शब्दों में बयां भी नहीं कर सकती.’’ उन्होंने कहा, ‘‘अपने देश पर भरोसा रखिए. अपने मूल्यों के लिए लड़िए और कभी भी हार नहीं मानिए.’’ हिलेरी ने कहा कि वह अतीत में वापस जाकर अपनी मां डोरोथी को अपनी उपलब्धियों के बारे में बताना चाहती हैं.
उन्होंने कहा, ‘‘उन्होंने मुझे असीम प्यार एवं समर्थन दिया जो उन्हें स्वयं कभी नहीं मिला.’’ हिलेरी ने कहा, ‘‘मैं सपना देखती हूं कि मैं उनके पास जा रही हूं और उनके पास बैठी हूं और उन्हें गले लगाते हुए कह रही हूं, ‘देखो, मेरी ओर देखो और सुनो. आप जीवित रहेंगी. आपका अपना परिवार होगा, तीन बच्चे. यह कल्पना करना बहुत मुश्किल होगा, आपकी बेटी बड़ी होकर अमेरिकी सीनेटर बनेगी, विदेश मंत्री के तौर पर आपके देश का प्रतिनिधित्व करेगी और अमेरिका के राष्ट्रपति पद के चुनाव में छह करोड़ 20 लाख से अधिक वोट जीतेगी’.’’ हिलेरी ने सेवा की महत्ता पर बल दिया.
उन्होंने कहा, ‘‘हम जीने के लिए किराए के रूप में सेवा का भुगतान करते हैं. आप केवल इस आधार पर भुगतान करना बंद नहीं कर सकते कि चीजें आपके अनुसार नहीं जा रहीं.’’
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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