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इजरायल (Israel) के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू (Benjamin Netanyahu) अपना अमेरिका दौरा खत्म कर देश लौटने की तैयारी में हैं. हालांकि इस बीच हिजबुल्लाह ने इजरायल पर ताबड़तोड़ रॉकेट दागे हैं, जिसके बाद इजरायल में 12 लोगों की मौत हो गई है और कई लोग घायल भी हुए हैं. हिजबुल्लाह के इस हमले के बाद नेतन्याहू के जल्द लौटने और हिजबुल्लाह से बदला लेने की मांग की जा रही है. इजरायल की सेना ने हमले के बाद कहा है कि वह हिजबुल्लाह को जवाब देने के लिए तैयार है. ऐसे में बड़ा सवाल है कि क्या यह क्षेत्र फिर से एक और युद्ध की ओर बढ़ रहा है. 10 पॉइंट्स में जानिए पूरा मामला.
लेबनान के सशस्त्र समूह हिजबुल्लाह ने इजरायल को निशाना बनाया है. हिजबुल्लाह ने शनिवार को मजदल शम्स शहर में रॉकेट से हमला किया. इस हमले में इजरायल में 12 लोगों की मौत हो गई और करीब 30 लोग घायल बताए जा रहे हैं.
हमले के दौरान इजरायल पर हिजबुल्लाह ने ताबड़तोड़ रॉकेट दागे हैं. इजरायल डिफेंस फोर्सेज के मुताबिक, हिजबुल्लाह ने इजरायल पर 40 रॉकेट दागे हैं.
यह हमला गोलन हाइट्स में मजदल शम्स की एक फुटबॉल पिच पर हुआ, जिसमें 12 युवाओं की मौत हो गई. इजरायल की सेना ने इसे "7 अक्टूबर के बाद इजरायली नागरिकों पर सबसे घातक हमला" बताया. सेना ने कहा कि हिजबुल्लाह ने घातक रॉकेट दागे, जिसमें 10 से 20 साल की उम्र के युवाओं की मौत हो गई.
दक्षिणी लेबनान पर शनिवार को इजरायल ने हमला किया था, जिसमें हिजबुल्लाह के चार लड़ाकों की मौत हो गई थी. माना जा रहा है कि हिजबुल्लाह ने अपने लड़ाकों का बदला लेने के लिए रॉकेट हमले को अंजाम दिया है.
गोलन हाइट्स कभी सीरिया का इलाका था, जिस पर 1967 में छह दिन तक चले युद्ध के बाद इजरायल ने कब्जा कर लिया था. यहां पर यहूदियों की 30 से ज्यादा बस्तियां मौजूद हैं तो वहीं 20 हजार सीरियाई मूल के लोग भी यहां रहते हैं. यह रणनीति रूप से काफी अहम इलाका है, क्योंकि यहां से इजरायल सीरिया की गतिविधियों पर नजर रख सकता है. साथ ही यह पानी का भी बड़ा स्रोत है.
प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने हमले के बाद कहा कि "हिजबुल्लाह को इसके लिए भारी कीमत चुकानी पड़ेगी, ऐसी कीमत जो उसने पहले कभी नहीं चुकाई है."
इजरायली सेना का कहना है कि घातक रॉकेट हमले के बाद हिजबुल्लाह के खिलाफ 'जवाब तैयार करेंगे'
हिजबुल्लाह के रॉकेट हमले पर विचार करने के लिए इजरायल की वॉर कैबिनेट की मीटिंग बुलाई गई है. इसके बाद आशंका जताई जा रही है कि इसमें इजरायल कोई बड़ा निर्णय ले सकता है. माना जा रहा है कि इजरायल लेबनान के खिलाफ युद्ध भी छेड़ सकता है.
हिजबुल्लाह लेबनान का एक बेहद ताकतवर सशस्त्र संगठन है. हिजबुल्लाह का शाब्दिक अर्थ है अल्लाह की पार्टी. यह एक कट्टर शिया आतंकी संगठन है. लेबनान के गृहयुद्ध के दौरान एक मिलिशिया के रूप में उभरा और इजरायल ने जब 1982 में लेबनान पर हमला किया तो यह अस्तित्व में आया. हालांकि आधिकारिक रूप से इसकी स्थापना 1985 में हुई. आज हिजबुल्लाह लेबनान में बड़ी राजनीतिक ताकत है और इसके लड़ाके अक्सर इजरायल पर हमले करते रहते हैं. इजरायल की सेना ने हिजबुल्लाह को लेकर जो आकलन किया है, उसके मुताबिक इसके करीब 45 हजार लड़ाके हैं. इनमें से करीब 20 हजार सक्रिय और 25 हजार को रिजर्व में रखा गया है. 1985 में इसके घोषणापत्र में लेबनान से पश्चिमी ताकतों को बाहर निकालने के साथ ही इजरायल को बाह करने की बातें थी.
हिजबुल्लाह हथियारों के लिहाज से बेहद संपन्न है. इजरायल की सेना के मुताबिक, इसे सालाना 70 करोड़ डॉलर का फंड मिलता है. इसके पास 1.20 लाख से 1.30 लाख के करीब मिसाइलें हैं. साथ ही एंटी टैंक मिसाइल, एंटी शिप मिसाइल, एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम सहित कई आधुनिक हथियार हैं. हिजबुल्लाह को सबसे यादा ईरान से समर्थन मिलता है. हथियार के साथ ईरान से सैन्य ट्रेनिंग भी मिलती है.