इस्लामाबाद:
अफगानिस्तान के राष्ट्रपति हामिद करजई आज पाकिस्तान की एक दिन की यात्रा पर पहुंचे। उनके इस दौरे का मकसद पाकिस्तान के साथ उतार चढ़ाव भरे संबंधों को सुधारना और मुल्ला बारदर समेत कुख्यात तालिबानी कैदियों की रिहाई की मांग करना है, जिससे युद्धग्रस्त अफगानिस्तान में सुलह प्रक्रिया को नए तरीके से बढ़ावा मिले।
करजई सुबह करीब 10 बजे (स्थानीय समय) इस्लामाबाद के पास एक वायुसेना अड्डे पर पहुंचे जहां पाकिस्तान के विदेश नीति सलाहकार सरताज अजीज ने उनकी आगवानी की।
अफगान राष्ट्रपति के साथ एक 80 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल आया है, जिसमें देश के रक्षामंत्री, विदेशमंत्री, अफगान शांति परिषद के प्रमुख और कई वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं।
करजई को बाद में प्रधानमंत्री के आवास पर गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया, जिसके बाद करजई और प्रधासनमंत्री नवाज शरीफ ने आमने सामने एक बैठक की।
खबरों के अनुसार, बैठक में अफगानिस्तान में जारी शांति प्रक्रिया और 2014 के बाद के हालातों को लेकर चर्चा हुई। पाकिस्तान में नई लोकतांत्रिक सरकार के गठन के बाद से यह दोनों देशों के बीच पहला उच्चस्तरीय संपर्क है।
पिछले 18 महीनों में करजई की यह पहली पाकिस्तान यात्रा है और इससे अगले साल तय अमेरिकी सेना की वापसी से पहले दोनों देशों के बीच जारी गतिरोध को खत्म करने में मिलेगी।
तालिबान के साथ वार्ता को बढ़ावा देने के लिए जून में कतर की राजधानी दोहा में तालिबान का कार्यालय खोलने का अमेरिका और पाकिस्तान ने समर्थन किया था। साथ ही पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार सरताज अजीज ने एक बयान में कहा था कि अफगानिस्तान सरकार को स्थायी शांति के लिए तालिबान को कुछ प्रांत दे देने चाहिए। इन दोनों घटनाक्रमों से अफगानिस्तान और पाकिस्तान के संबंधों में गतिरोध आ गया था। अजीज ने जून में इस्लामाबाद में एक बैठक के दौरान अफगानिस्तान के राजदूत उमर दुआदजाई के सामने यह प्रस्ताव रखा था। करजई राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी से भी मिलेंगे।
पाकिस्तान विदेश कार्यालय के प्रवक्ता ऐजाज चौधरी ने इससे पहले कहा कि करजई की यात्रा से दोनों देशों के बीच सकारात्मक संपर्क को बढ़ावा मिलेगा।
प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने पड़ोसी देशों के साथ संबंध सुधारने को अपना एजेंडा बनाया है और जून में सत्ता संभालने के बाद कम से कम तीन बार करजई से बातचीत की है।
माना जा रहा है कि दोनों नेता आम हित के मुद्दों पर गहरी चर्चा करेंगे। इनमें क्षेत्र में हालात को सुधारने और द्विपक्षीय संबंधों को बेहतर करना शामिल है।
चौधरी ने कहा कि अफगानिस्तान में शांति एवं स्थिरता पाकिस्तान के हित में है और पाकिस्तान ने अफगानिस्तान में शांति एवं सुलह को बढ़ावा देने के लिए लगातार सहयोग दिया है।
करजई की यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब अफगानिस्तान महत्वपूर्ण राजनीतिक एवं सुरक्षा बदलावों से गुजर रहा है और 2014 के दिसंबर में पश्चिमी सेनाएं वहां से लौटने वाली हैं।
करजई सुबह करीब 10 बजे (स्थानीय समय) इस्लामाबाद के पास एक वायुसेना अड्डे पर पहुंचे जहां पाकिस्तान के विदेश नीति सलाहकार सरताज अजीज ने उनकी आगवानी की।
अफगान राष्ट्रपति के साथ एक 80 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल आया है, जिसमें देश के रक्षामंत्री, विदेशमंत्री, अफगान शांति परिषद के प्रमुख और कई वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं।
करजई को बाद में प्रधानमंत्री के आवास पर गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया, जिसके बाद करजई और प्रधासनमंत्री नवाज शरीफ ने आमने सामने एक बैठक की।
खबरों के अनुसार, बैठक में अफगानिस्तान में जारी शांति प्रक्रिया और 2014 के बाद के हालातों को लेकर चर्चा हुई। पाकिस्तान में नई लोकतांत्रिक सरकार के गठन के बाद से यह दोनों देशों के बीच पहला उच्चस्तरीय संपर्क है।
पिछले 18 महीनों में करजई की यह पहली पाकिस्तान यात्रा है और इससे अगले साल तय अमेरिकी सेना की वापसी से पहले दोनों देशों के बीच जारी गतिरोध को खत्म करने में मिलेगी।
तालिबान के साथ वार्ता को बढ़ावा देने के लिए जून में कतर की राजधानी दोहा में तालिबान का कार्यालय खोलने का अमेरिका और पाकिस्तान ने समर्थन किया था। साथ ही पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार सरताज अजीज ने एक बयान में कहा था कि अफगानिस्तान सरकार को स्थायी शांति के लिए तालिबान को कुछ प्रांत दे देने चाहिए। इन दोनों घटनाक्रमों से अफगानिस्तान और पाकिस्तान के संबंधों में गतिरोध आ गया था। अजीज ने जून में इस्लामाबाद में एक बैठक के दौरान अफगानिस्तान के राजदूत उमर दुआदजाई के सामने यह प्रस्ताव रखा था। करजई राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी से भी मिलेंगे।
पाकिस्तान विदेश कार्यालय के प्रवक्ता ऐजाज चौधरी ने इससे पहले कहा कि करजई की यात्रा से दोनों देशों के बीच सकारात्मक संपर्क को बढ़ावा मिलेगा।
प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने पड़ोसी देशों के साथ संबंध सुधारने को अपना एजेंडा बनाया है और जून में सत्ता संभालने के बाद कम से कम तीन बार करजई से बातचीत की है।
माना जा रहा है कि दोनों नेता आम हित के मुद्दों पर गहरी चर्चा करेंगे। इनमें क्षेत्र में हालात को सुधारने और द्विपक्षीय संबंधों को बेहतर करना शामिल है।
चौधरी ने कहा कि अफगानिस्तान में शांति एवं स्थिरता पाकिस्तान के हित में है और पाकिस्तान ने अफगानिस्तान में शांति एवं सुलह को बढ़ावा देने के लिए लगातार सहयोग दिया है।
करजई की यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब अफगानिस्तान महत्वपूर्ण राजनीतिक एवं सुरक्षा बदलावों से गुजर रहा है और 2014 के दिसंबर में पश्चिमी सेनाएं वहां से लौटने वाली हैं।
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