
- गाजा में 22 महीने से जारी युद्ध को समाप्त करने के लिए हमास ने नए युद्धविराम प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है.
- मिस्र और कतर अमेरिका के समर्थन से इजरायल और गाजा के बीच स्थायी संघर्ष विराम के लिए मध्यस्थता कर रहे हैं.
- प्रस्ताव के तहत 60 दिनों के लिए संघर्ष विराम रहेगा और बंधकों के आदान-प्रदान की व्यवस्था होगी.
दुनिया में इस समय दो मार्चों पर बड़े पैमाने का युद्ध चल रहा है. एक तरफ रूस और यूक्रेन के बीच जंग जारी है तो दूसरी तरफ इजरायल ने हमास के खिलाफ युद्ध छेड़ रखा है जिसका खामियाजा गाजा की आम जनता भुगत रही है. दोनों ही जंग को रोकने की पुरजोर कोशिश भी चल रही है. इस बीच इजारयल-गाजा मोर्चे से एक बड़ी खबर सामने आई है. 22 महीने से अधिक समय से चले आ रहे इस युद्ध को समाप्त करने के लिए ताजा राजनयिक प्रयास के बाद हमास ने गाजा के लिए एक नए युद्धविराम प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है. न्यूज एजेंसी एएफपी की रिपोर्ट के अनुसार हमास के एक सीनियर मेंबर ने सोमवार, 18 अगस्त को इसकी जानकारी दी.
अमेरिका के समर्थन में मिस्र और कतर बिचौलिए बने हुए हैं ताकि इजरायल और गाजा के इस संघर्ष में स्थायी संघर्ष विराम (सीजफायर) सुनिश्चित किया जा सके. हालांकि अभी तक उनको कोई बड़ी सफलता नहीं मिली है, जिससे गाजा पट्टी में गंभीर मानवीय संकट पैदा हो गया है. लेकिन अब स्थिति शायद बदल सकती है.
मध्यस्थों से सीजफायर का नया प्रस्ताव मिलने के बाद हमास ने कहा कि वह बातचीत के लिए तैयार है. हमास के वरिष्ठ अधिकारी बासेम नईम ने फेसबुक पर कहा, "आंदोलन ने मध्यस्थों के नए प्रस्ताव पर सहमति जताते हुए अपनी प्रतिक्रिया दी है. हम अल्लाह से हमारे लोगों पर इस युद्ध की आग को बुझाने की प्रार्थना करते हैं." इससे पहले हमास के एक सूत्र ने एएफपी को बताया कि समूह ने "बिना किसी संशोधन के अनुरोध के" प्रस्ताव स्वीकार कर लिया है.
हमास ने क्या प्रस्ताव स्वीकार किया?
मिस्र की सरकार से जुड़े मीडिया आउटलेट अल-काहेरा की एक रिपोर्ट के अनुसार, समझौते के तहत 60-दिन का सीजफायर लागू किया जाएगा. इस दौरान इजरायल गाजा में कोई हमला नहीं करेगा. गाजा में रखे गए इजरायली बंधकों में कुछ को रिहा किया जाएगा और बदले में फिलिस्तीनी कैदियों को छोड़ा जाएगा.
एएफपी की रिपोर्ट के अनुसार युद्ध की शुरुआत करने वाले हमास ने जब अक्टूबर 2023 में हमला किया था तो उस दौरान उसने कुल 251 लोगों को बंधक बनाया था. इसमें से 49 अभी भी गाजा में बंद हैं, जिनमें से 27 इजरायली सेना के अनुसार मारे गए हैं.
क्या नेतन्याहू यह प्रस्ताव स्वीकार करेंगे?
सीजफायर का यह प्रस्ताव उस समय आया है जब इजरायल की सुरक्षा कैबिनेट ने गाजा शहर और आसपास के शरणार्थी शिविरों पर कब्जा करने की योजना को मंजूरी दे दी है. इसने केवल अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आक्रोश नहीं भड़काया है, बल्कि इजरायल के अंदर भी इसका विरोध हो रहा है.
द गार्डियन की रिपोर्ट के अनुसार मध्यस्थ देश द्वारा यह प्रस्ताव सोमवार को इजरायल के सामने पेश किए जाने की उम्मीद थी. हालांकि नेतन्याहू ने कहा है कि इजरायल को अब कोई आंशिक डील करने में कोई दिलचस्पी नहीं है. उन्होंने कहा कि वह युद्ध समाप्त करने के लिए तभी सहमत होंगे जब हमास एक ही बार में सभी बंधकों को रिहा कर देगा, हथियार त्याग देगा और गाजा के विसैन्यीकरण की अनुमति देगा.
ट्रंप के पास क्रेडिट लेने का मौका?
अब सबकी नजर इस बात पर है कि नेतन्याहू इस प्रस्ताव को स्वीकार करते हैं या नहीं. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पर लिखा है कि "हम शेष बंधकों की वापसी तभी देखेंगे जब हमास का सामना किया जाएगा और उसे नष्ट कर दिया जाएगा… जितनी जल्दी यह होगा, सफलता की संभावना उतनी ही बेहतर होगी."
अभी तो यही दिख रहा है कि नेतन्याहू को गाजा में हमास के खिलाफ जंग में ट्रंप का पूरा साथ मिल रहा है. हालांकि नेतन्याहू पर इजरायल के अंदर ही दबाव बढ़ रहा है. इजरायल के अंदर हो रहे विरोध प्रदर्शनों के जवाब में नेतन्याहू ने इसमें भाग लेने वालों पर हमास का साथ देने का आरोप लगाया.
सबकी नजर इसपर भी होगी कि अगर नेतन्याहू इस आंशिक सीजफायर डील पर सहमत हो जाते हैं तो क्या ट्रंप एक बार फिर आगे बढ़कर खुद को शांतिदूत दिखाने का और समझौते के लिए क्रेडिट लेने का काम करते हैं या नहीं.
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