तुर्की में आए भीषण भूकंप ने भारी तबाही मचाई है. भूकंप के कारण तुर्की में मरने वाले लोगों का आंकड़ा 28 हजार के पार पहुंच गया है. तुर्की में भारतीय सेना और एनडीआरएफ की टीम लोगों के बचाव और राहत के काम में जुटी है. भारतीय सेना ने तुर्की के हते प्रांत के इस्केंदरुन शहर में एक फील्ड हॉस्पिटल स्थापित किया है. एनडीटीवी की टीम इस हॉस्पिटल में पहुंची और भारतीय सैन्य अधिकारियों के साथ ही भूकंप प्रभावित तुर्की के लोगों से बातचीत की. इस दौरान भारतीय फील्ड हॉस्पिटल से डिस्चार्ज होने वाले एक शख्स ने अपने इलाज के लिए भारत को थैंक्यू कहा है.
तुर्की का हते प्रांत सर्वाधिक भूकंप प्रभावित प्रांतों में से एक है. यहां पर भारतीय सेना के फील्ड अस्पताल में लोगों का इलाज किया जा रहा है. लेफ्टिनेंट यदुवीर सिंह ने बताया कि अब तक 800 मरीजों की जान बचाई गई है. उन्होंने कहा कि जब तक तुर्की को हमारी जरूरत होगी, हम यहां पर रहेंगे.
वहीं एक अन्य सैन्य अधिकारी ने कहा कि हम 10 से 12 सर्जरी रोजाना कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि 96 घंटे बाद एक शख्स को रेस्क्यू किया गया था, जिनका फील्ड हॉस्पिटल में इलाज किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि अस्पताल में रोजाना 200 से 300 मरीज आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि पहले 48 घंटे में आने वाले मरीजों के बचने की उम्मीद ज्यादा होती है, लेकिन चार पांच दिन बाद उम्मीद कम होती जाती है. उन्होंने कहा कि यहां पर तापमान बहुत कम है और जो शख्स मलबे में दबा हुआ होता है उसे कम तापमान के कारण हाईपोथर्मिया और डिहाइड्रेशन का खतरा होता है.
अस्पताल में लगातार मरीजों को लाया जा रहा है. डिस्चार्ज होने वाले एक शख्स ने एनडीटीवी के साथ बातचीत करते हुए भारत का आभार जताया. उन्होंने बताया कि मैं इंडियन आर्मी के अस्पताल में आकर काफी खुश हूं.
भीषण भूकंप के कारण तुर्की में बहुत से लोगों ने अपने परिवार के कई सदस्यों को खो दिया है. तुर्की की ऐसी ही एक महिला ने बताया कि भूकंप के कारण उसके भाई की मौत हो गई है. वहीं उसके पति, पिता और बहन भारतीय सेना के फील्ड अस्पताल में भर्ती हैं.
तुर्की में भूकंप आने के बाद भारत पहला देश था, जिसने इस मुश्किल घडी में तुर्की की मदद के लिए सबसे पहले अपनी टीम भेजी. 150 से ज्यादा एनडीआरएफ के ज्यादा जवान पहले दिन से बचाव और राहत कार्य में जुटे हैं. इसके साथ ही भारतीय सेना की यूनिट और मेडिकल यूनिट भेजी गई है.
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