
जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल (फाइल फोटो)
बर्लिन:
चुनाव जीतने के दो हफ्ते बाद चांसलर एंजेला मर्केल, जर्मनी में शरणार्थियों को सीमित संख्या में स्वीकार करने पर सहमत हो गई हैं. यह कदम उन्होंने नई सरकार के गठन के लिए होने वाली गठबंधन की वार्ता से पहले अपने कंजर्वेटिव गुट को एकजुट करने की खातिर उठाया है. मर्केल के दल ने होर्स्ट सीहोफर के नेतृत्व में सहयोगी दल बवेरिया के क्रिश्चियन सोशल यूनियन (सीएसयू) के साथ बातचीत की. इस दौरान सीहोफर ने मर्केल के उस फैसले पर रोष जताया जिसमें उन्होंने वर्ष 2015 से अब तक 10 लाख से अधिक शरणार्थियों को जर्मनी में आने की स्वीकृति दी. उन्होंने कहा कि अल्टरनेटिव फॉर जर्मनी (एएफडी) जैसी धुर दक्षिणपंथी पार्टी के उभार की यह एक प्रमुख वजह है.
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एक दस्तावेज के मुताबिक बंद दरवाजों के पीछे 10 घंटे तक चली बातचीत के बाद सीएसयू और मर्केल की पार्टी सीडीयू इस बात पर सहमत हुए कि यहां आने वाले शरणार्थियों की सीमा को दो लाख प्रतिवर्ष तक सीमित की जाए. सीहोफर लंबे समय से यह मांग कर रहे थे जिसे मर्केल लगातार खारिज कर रही थीं.
इस बैठक का लक्ष्य कंजर्वेटिव सिस्टर पार्टियों के बीच मतभेदों को सुलझाकर उन्हें फिर से एकजुट करना है ताकि दो छोटी पार्टियों फ्री डेमोक्रेट्स और इकोलॉजिस्ट ग्रीन्स के साथ होने वाली गठबंधन संबंधी आगामी वार्ता में वह एकजुट मोर्चे के तौर पर सामने आएं.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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एक दस्तावेज के मुताबिक बंद दरवाजों के पीछे 10 घंटे तक चली बातचीत के बाद सीएसयू और मर्केल की पार्टी सीडीयू इस बात पर सहमत हुए कि यहां आने वाले शरणार्थियों की सीमा को दो लाख प्रतिवर्ष तक सीमित की जाए. सीहोफर लंबे समय से यह मांग कर रहे थे जिसे मर्केल लगातार खारिज कर रही थीं.
इस बैठक का लक्ष्य कंजर्वेटिव सिस्टर पार्टियों के बीच मतभेदों को सुलझाकर उन्हें फिर से एकजुट करना है ताकि दो छोटी पार्टियों फ्री डेमोक्रेट्स और इकोलॉजिस्ट ग्रीन्स के साथ होने वाली गठबंधन संबंधी आगामी वार्ता में वह एकजुट मोर्चे के तौर पर सामने आएं.
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